कीटनाशकों से बढ़ जाता है हृदय रोग व स्ट्रोक का खतरा: अध्ययन

अमेरिका में हुए अध्ययन में पाया गया कि जो लोग कीटनाशकों का इस्तेमाल करते हैं, उनमें हृदय रोग व स्ट्रोक का खतरा अधिक होता है

By Dayanidhi
Published: Wednesday 09 October 2019
Photo: Pixabay

व्यावसायिक स्तर पर कीटनाशकों का अधिक उपयोग करने से स्वस्थ पुरुषों में भी हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता हैं। जर्नल ऑफ़ द अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन में प्रकाशित एक अध्ययन में इसका खुलासा किया गया है। इस रिपोर्ट में सलाह दी गई है कि कीटनाशकों का उपयोग सुरक्षात्मक तरीके से करना चाहिए। 

यह अध्ययन कुआकिनी होनोलुलु हार्ट प्रोग्राम के अंतर्गत 1965 से 1968 के बीच ओहू, अमेरिका में 8,000 अमेरिका में रहने वाले जापानी पुरुषों ने भाग लिया था। अध्ययन में हिस्सा लेने वाले पुरुषों की आयु 45 से 68 वर्ष की थी और उन्होंने खुद अपने व्यवसाय के बारे में बताया था। इन पर कई परीक्षण किए गए। शोधकर्ताओं ने मौत के सभी कारणों और कुछ बीमारी के परिणामों की गहनता से जांच की। हृदय रोग और स्ट्रोक की दर के आंकड़े दिसंबर 1999 से अगले 34 वर्षों तक जांच (फॉलो-अप) के लिए उपलब्ध थे।

कीटनाशकों के खतरों का अनुमान ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन के एक पैमाने का उपयोग करके किया गया। इससे पता चला कि कीटनाशकों के अधिक संपर्क में रहने वाले लोगों में हृदय रोग या स्ट्रोक का 45 फीसदी अधिक खतरा होता है। और लंबे समय तक अगर कीटनाशकों के बीच रहें तो स्वास्थ्य पर इनका प्रभाव वर्षों बाद भी हो सकता है।

शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि कीटनाशकों का हृदय रोग और स्ट्रोक के खतरे का अधिकतम प्रभाव पहले 10 वर्षों के दौरान हुआ। पिछले अध्ययनों में पाया गया है कि पुरुष और महिलाओं में कीटनाशक के संपर्क में आने के प्रभाव अलग-अलग हो सकते हैं। एक तरह के कीटनाशकों के प्रभाव से महिलाओं को दिल का दौरा पड़ सकता है लेकिन पुरुषों को नहीं और वहीं अन्य कीटनाशक पुरुषों को हृदय रोग दे सकते हैं लेकिन महिलाओं को नहीं। पोपलर, मोंटाना में फोर्ट पेक कम्युनिटी कॉलेज में सहायक विज्ञान के प्रोफेसर जारा बर्ग ने कहा, कि हारमोन कीटनाशक के खतरे और बढ़ते हृदय रोग के प्रभाव में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

अध्ययनकर्ता प्रोफेसर बीट्रीज एल रोड्ड्यूज़ ने कहा कि कीटनाशकों के उपयोग के दौरान सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल करके हृदय रोग या स्ट्रोक से बचा जा सकता है। प्रोफेसर बीट्रीज एल रोड्ड्यूज़, एमडी, पीएचडी, एमपीएच, और मनोआ में हवाई विश्वविद्यालय में जेरियाट्रिक चिकित्सा के प्रोफेसर हैं।

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