विश्व कैंसर दिवस: साल 2023 में भारत में 3.4 लाख से अधिक लोगों को हुआ सर्वाइकल कैंसर

2022 में भारत में 14.1 लाख से अधिक कैंसर के नए मामले सामने आए और बीमारी के कारण 9.1 लाख से अधिक मौतें हुई, इनमें स्तन कैंसर सबसे आम रहा।

By Dayanidhi
Published: Saturday 03 February 2024
फोटो साभार : आईस्टॉक, सर्वाइकल कैंसर

विश्व कैंसर दिवस हर साल चार फरवरी को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य कैंसर के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना है। यह उन कार्यों को मजबूत करने में भी मदद करता है जो कैंसर की देखभाल, पहचान, निवारक उपायों और उपचार में सुधार करने का प्रयास करते हैं।

कैंसर बीमारियों का एक बड़ा समूह है जो शरीर के किसी भी अंग या ऊतक को प्रभावित कर सकता है। यह कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि से संबंधित है जो अनियंत्रित रूप से विभाजित होती हैं। कैंसर में शरीर के एक अंग व ऊतक से दूसरे तक फैलने की क्षमता होती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार कैंसर दुनिया भर में मौतों का दूसरा मुख्य कारण है। वैश्विक स्तर पर कैंसर का बोझ लगातार बढ़ रहा है। हालांकि, उन्नत जांच और उपचार की मदद से जीवित रहने की दर में सुधार हो रहा है।

यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (यूआईसीसी) के नेतृत्व में, 2024 विश्व कैंसर दिवस अभियान 'देखभाल के अंतर को खत्म करें' का अंतिम वर्ष है। यह वार्षिक वैश्विक आह्वान दुनिया भर के लाखों लोगों को जीवन रक्षक उपचार को प्राथमिकता देने और स्वास्थ्य असमानताओं को खत्म करने के लिए एकजुट करता है।

हर साल दुनिया भर में कैंसर के आने वाले कुल मामलों में से 60 फीसदी से अधिक कम और मध्यम आय वाले देशों में होते हैं, जो विश्व में कैंसर से होने वाली मौतों का लगभग 70 फीसदी है। कैंसर की बढ़ती घटनाएं कई देशों में पहले से ही सीमित संसाधनों पर और दबाव डाल रही हैं।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (आईसीएमआर-एनसीआरपी) के अनुसार, 2023 में देश में सर्वाइकल कैंसर के मामलों की संख्या 3.4 लाख से अधिक थी।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के नवीनतम अनुमान के अनुसार, 2022 में भारत में 14.1 लाख से अधिक कैंसर के नए मामले सामने आए और बीमारी के कारण 9.1 लाख से अधिक मौतें हुई, इनमें स्तन कैंसर सबसे आम रहा।

इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) के मुताबिक, पुरुषों में होंठ, मौखिक गुहा के 15.6 फीसदी और फेफड़े के कैंसर के मामले 8.5 फीसदी, यानी ये सबसे आम थे। जबकि महिलाओं में स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर सबसे आम पाए गए, जो लगभग 27 फीसदी और नए मामलों में 18 प्रतिशत पा गए।

भारत में कैंसर का पता लगने के बाद पांच वर्षों के भीतर जीवित रहने वाले लोगों की संख्या लगभग 32.6 लाख थी।

विश्व कैंसर दिवस 2024: थीम

विश्व कैंसर दिवस 2024 का थीम 'देखभाल के अंतर को खत्म करें: हर कोई कैंसर देखभाल तक पहुंच का हकदार है।' यह 2022 से 2024 तक तीन साल लंबे अभियान का हिस्सा है।

यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (यूआईसीसी) इस अभियान के तहत एक ही एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करता है। यूआईसीसी के अनुसार, 2024 का एजेंडा है 'एक साथ मिलकर, हम सत्ता में बैठे लोगों को चुनौती देंगे' है।

हर साल इस दिन दुनिया भर में कई गतिविधियां और कार्यक्रम होते हैं। इस दिन प्रत्येक व्यक्ति कैंसर के बोझ को कम करने और जागरूकता पैदा करने में भूमिका निभाता है।

विश्व कैंसर दिवस का इतिहास

विश्व कैंसर दिवस पहली बार चार फरवरी 2000 को पेरिस में नई सहस्राब्दी के लिए कैंसर के खिलाफ विश्व शिखर सम्मेलन में मनाया गया था।

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