अगले 6 घंटों के दौरान कमजोर पड़ सकता है चक्रवाती तूफान 'आसनी'

मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में समुद्र से दूर रहने की चेतावनी जारी की है

By Dayanidhi
Published: Wednesday 23 March 2022

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक  तटीय म्यांमार और इससे सटे पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी पर दबाव पिछले 06 घंटों के दौरान 26 किमी प्रति घंटे की गति के साथ उत्तर, उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ता जा रहा है। आज, 23 मार्च को 05:30 बजे के दौरान यह यांगून (म्यांमार) से लगभग 300 किमी उत्तर, उत्तर-पश्चिम में, थांडवे (म्यांमार) से 60 किमी उत्तर, उत्तर-पूर्व में बना हुआ है।

यह लगभग उत्तर, उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ना जारी रखेगा और अगले 6 घंटों के दौरान धीरे-धीरे अच्छी तरह से निम्न दबाव का क्षेत्र कमजोर पड़ जाएगा।

मौसम विभाग ने कहा है कि अनुमानित अधिकतम हवा की गति 20 समुद्री मील से 30 समुद्री मील तक रहने का अनुमान है। समुद्र की स्थिति के उत्तर म्यांमार के साथ-साथ और दूर बने रहने की बहुत अधिक संभावना है।

मछुआरों को समुद्र से दूर रहने चेतावनी

मछुआरों तथा सभी पर्यटन संबंधी गतिविधियों को सलाह दी जाती है कि वे आज दोपहर तक उत्तर म्यांमार और उससे सटे बांग्लादेश के तटों और बंगाल की पूर्व-मध्य खाड़ी के आसपास के क्षेत्रों में किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाएं।

चक्रवाती तूफान आसनी का नाम कैसे पड़ा?

आईएमडी के मुताबिक श्रीलंका ने चक्रवात का नाम दिया है। आसनी शब्द का अर्थ सिंहल में 'क्रोध' होता है।

आसनी आईएमडी द्वारा सूचीबद्ध 169 तूफानों में से एक है, जिसकी शुरुआत निसारगा से हुई थी। 'अम्पन 2020 में आईएमडी द्वारा जारी लिस्ट में आखिरी था।

सूची में अन्य चक्रवात

'आसन' और 'अम्पन' के अलावा, आईएमडी सूची में 'गति', 'निवार', 'बुरेवी', 'तौके', 'यास', 'गुलाब', 'शाहीन' और 'जवाद' के नाम शामिल हैं।

नामों की सूची भारत, बांग्लादेश, ईरान, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, संयुक्त अरब अमीरात और यमन के बीच चर्चा के बाद शामिल की गई थी।

उष्णकटिबंधीय चक्रवात क्या हैं?

उष्णकटिबंधीय चक्रवात कम दबाव वाली प्रणालियां हैं जो गर्म उष्णकटिबंधीय जल के ऊपर बनती हैं। वे आम तौर पर तब बनते हैं जब समुद्र की सतह का तापमान 26.5 डिग्री सेल्सियस से ऊपर होता है। उष्णकटिबंधीय चक्रवात कई दिनों, यहां तक कि हफ्तों तक जारी रह सकते हैं, और काफी अनिश्चित रास्तों  का अनुसरण कर सकते हैं।

उष्णकटिबंधीय चक्रवात खतरनाक होते हैं क्योंकि वे अत्यधिक हवाएं, बाढ़ के साथ भारी वर्षा और विनाशकारी तूफानी उछाल पैदा कर सकते हैं जो निचले तटीय क्षेत्रों में बाढ़ का कारण बन सकते हैं।

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