इंसानी शरीर में कितनी कोशिकाएं होती हैं? रिसर्च में हुए हैरान कर देने वाले खुलासे

रिसर्च से पता चला है कि एक पुरुष के शरीर में औसतन 36 लाख करोड़ कोशिकाएं होती हैं। वहीं महिलाओं में इन सेल्स की संख्या करीब 28 लाख करोड़ के आसपास होती है

By Lalit Maurya
Published: Friday 22 September 2023
धमनी में प्रवाहित होती रक्त कोशिकाओं का 3डी चित्रण; फोटो: आईस्टॉक

देखा जाए तो जितना हम समझते हैं इंसानी शरीर की संरचना उससे कहीं ज्यादा जटिल है। यही वजह है कि वैज्ञानिक इसे ज्यादा से ज्यादा समझने का प्रयास करने में लगे हैं। ऐसा ही कुछ वैज्ञानिकों द्वारा हाल ही में इंसानी कोशिकाओं यानी की सेल्स पर किए अध्ययन में सामने आया है।

इंसानी शरीर में कुल कितनी कोशिकाएं होती हैं? इसका अब तक पूरी तरह सटीक जवाब मौजूद नहीं था। लेकिन हाल ही में मैकगिल यूनिवर्सिटी, कनाडा के शोधकर्ताओं ने अन्य वैज्ञानिकों के सहयोग से इस पहेली को सुलझा दिया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक एक पुरुष में औसतन करीब 36000000000000 (36 लाख करोड़) कोशिकाएं होती हैं।

वहीं महिलाओं में इन कोशिकाओं (सेल्स) की संख्या करीब 28000000000000 (28 लाख करोड़) होती है। वहीं रिसर्च से पता चला है कि एक दस वर्षीय बच्चे में इन कोशिकाओं की संख्या 17000000000000 (17 लाख करोड़)  के आसपास होती है।

यह जानकारी 18 सितम्बर 2023 को जर्नल द प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज (पनास) में प्रकाशित अध्ययन में सामने आई है। गौरतलब है कि अपने इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने 60 अलग-अलग तरह के ऊतकों (टिश्यूस) में 400 से ज्यादा प्रकार की कोशिकाओं की संख्या और आकार की जांच की है। इनमें तंत्रिका कोशिकाएं या न्यूरॉन्स भी शामिल हैं। बता दें कि वैज्ञानिकों द्वारा किए इस अध्ययन के नतीजे 1500 से ज्यादा शोधपत्रों के विश्लेषण पर आधारित हैं।

क्या हैं यह कोशिकाएं, और क्यों होती हैं इतनी महत्वपूर्ण

आप में से बहुत से लोग रेड ब्लड सेल्स यानी लाल रक्त कोशिकाओं और सफेद रक्त कोशिकाओं के बारे में जरूर सुना होगा। जो शरीर में प्रतिरक्षा (एंटीबाडी) का निर्माण करके उसे चोट या बीमारियों से बचाती है। वहीं इसक विपरीत लाल रक्त कोशिकाएं शरीर के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद ऊतकों में ऑक्सीजन ले जाने का काम करती हैं। इसी तरह इंसानी शरीर में अन्य कई तरह की कोशिकाएं भी मौजूद होती हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह कोशिकाएं या सेल्स शरीर के लिए बेहद अहम होते हैं। जो जीवन की करीब-करीब सभी प्रक्रियाओं के लिए जिम्मेवार होते हैं। सरल शब्दों में एक कोशिका को जीवन की सबसे छोटी बुनियादी इकाई के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।

यह कोशिकाएं न केवल इंसानों में बल्कि सभी जीवित प्राणियों में संरचनात्मक, कार्यात्मक और जैविक इकाइयों के रूप में काम करती हैं। देखा जाए तो एक कोशिका जरूरत पड़ने पर अपने आप अपनी प्रतिकृति बना सकती है। यही वजह है कि इन्हें जीवन के मूलभूत निर्माण खंड के रूप में भी जाना जाता है।

रिसर्च के अनुसार वैज्ञानिको पहले भी वयस्क पुरुषों में कोशिकाओं की संख्या का अनुमान लगा चुके हैं, जिनके मुताबिक शरीर में 30 से 37 लाख करोड़ कोशिकाएं होती हैं। लेकिन अपने इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पूरे शरीर में कोशिकाओं के आकार और संख्या के बीच संबंध का अध्ययन किया है।

इस दिलचस्प खोज से पता चला है कि जब कोशिकाओं का आकार बढ़ता है, तो उनकी संख्या कम हो जाती है, वहीं इसके विपरीत जब कोशिकाओं का आकार घटता है तो उनकी संख्या बढ़ जाती है।

शरीर में दो लाख करोड़ से ज्यादा होते हैं लिम्फोसाइट्स

एक और हैरान कर देने वाली बात जो अध्ययन में सामने आई है वो यह है कि यदि कोशिकाओं को उनके आकार के आधार पर श्रेणियों में बांटते हैं, तो प्रत्येक आकार की श्रेणी शरीर के द्रव्यमान में करीब-करीब समान मात्रा में योगदान करती है। वैज्ञानिकों के अनुसार यह पैटर्न विभिन्न प्रकार की कोशिकाओं और आकारों पर भी लागू होता है। साथ ही यह पैटर्न यह भी दर्शाता है कि एक जीव में उसकी कोशिकाओं के आकार और संख्या के बीच एक तालमेल और संतुलन होता है।

शोध के मुताबिक कोशिकाओं का आकर और संख्या शरीर के विकास और कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। रिसर्च में यह भी सामने आया है कि इंसानी शरीर में कोशिकाओं के द्रव्यमान का वितरण मुख्य रूप से मांसपेशियों और वसा की कोशिकाओं द्वारा नियंत्रित होता है। दूसरी ओर, जब कोशिकाओं की संख्या की बात आती है, तो लाल रक्त कोशिकाएं, प्लेटलेट्स और सफेद रक्त कोशिकाओं महत्वपूर्ण प्रभाव डालती हैं।

उदाहरण के लिए अध्ययन से पता चला है कि इंसानी शरीर में कुल दो लाख करोड़ लिम्फोसाइट्स (सफेद रक्त कोशिकाएं) होते हैं, जो पिछले अनुमान (50,000 करोड़) से चार गुना अधिक हैं। देखा जाए तो निष्कर्ष एचआईवी या ल्यूकेमिया जैसी प्रतिरक्षा प्रणाली से संबंधित बीमारियों और उसके इलाज में महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।

इसके साथ ही प्रत्येक प्रकार की कोशिका आम तौर पर एक विशिष्ट आकार सीमा रखती है जो व्यक्ति के बढ़ने के साथ-साथ सुसंगत रहती है, और यह पैटर्न विभिन्न स्तनपाई प्रजातियों के बीच भी समान होता है।

अपने अध्ययन में शोधकर्ताओं ने इस बात पर भी प्रकाश डाला है कि भले ही प्रत्येक प्रकार की कोशिका का आकार एक समान होता है, लेकिन इसके बावजूद सबसे छोटी लाल रक्त कोशिकाओं से लेकर सबसे बड़े मांसपेशियों में मौजूद फाइबर तक, इन कोशिकाओं का आकार सात क्रमों में बहुत अलग-अलग हो सकता है। देखा जाए तो यह अंतर कुछ ऐसा ही है जैसे चूहे और ब्लू व्हेल के आकार के बीच अंतर किया जाए, जिनके आकार में करीब दस लाख गुणा से भी ज्यादा का अंतर होता है। 

देखा जाए तो जिस तरह से कोशकाओं का आकार और गिनती एक-दूसरे से संबंधित होती है, वह उसी तरह है जैसा हम प्रकृति में अन्य चीजों के पैटर्न में देखते हैं, जैसे कि मिट्टी में बैक्टीरिया कैसे फैलते हैं, समुद्र में मछलियां कैसे होती हैं, और यहां तक कि भाषा और संगीत में शब्दों का उपयोग कैसे किया जाता है। यह एक ऐसे नियम की तरह है जो कई अलग-अलग जगहों पर समान दिखाई देता है।

हालांकि इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि क्या पूरे मानव शरीर में कोशिकाओं के आकार का वितरण एक सामान्य पैटर्न का पालन करता है, जैसा की एक प्रकार की कोशिकाओं में होता है। या फिर इसके वितरण का कोई अन्य पैटर्न होता है, इसका खुलासा नहीं हो सका है। साथ ही यह कैसे नियंत्रित होता है इसके बारे में भी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।

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