खतरे में समुद्री मेगाफ्यूना, जैवविविधता को होगा भारी नुकसान
यदि इसी तरह चलता रहा, तो अगले 100 वर्षों में औसतन 18% समुद्री मेगाफ्यूना की प्रजातियों का नुकसान हो सकता है, जिससे पारिस्थितिक कार्यों ...
अब राजस्थान में क्यों मर रहे हैं मोर?
राजस्थान के नागौर जिले की डेगाना तहसील में सोमवार सुबह 26 मोरों की मौत हो गई। साथ ही 7 मोर घायल हुए हैं जिनका ...
अगले 50 सालों में विलुप्त हो जाएंगी एक तिहाई प्रजातियां, जानें क्यों?
तापमान में 0.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि करीब आधी स्थानीय प्रजातियों को नष्ट कर देंगी। जबकि 2.9 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से करीब 95 ...
मौसम का असर, भोपाल में 60 प्रतिशत कम आए प्रवासी पक्षी
विशेषज्ञ मान रहे कि मौसम में उतार-चढ़ाव की वजह से कम संख्या में प्रवासी पक्षी आए हैं, देशभर के 120 पक्षी विशेषज्ञाें ने गिनती की
जल्द नहीं मुरझाएगा यह फूल, वैज्ञानिकों ने विकसित की नई किस्म
भारतीय वैज्ञानिकों ने अब गुलदाउदी की ऐसी किस्म विकसित की है, जो सर्दियों के अंत तक खिली रहेगी
2019 विज्ञान की चुनिंदा तस्वीर : घोंघे के 10 समृद्धशाली परिवार से 60 फीसदी विलुप्ति
घोंघा पारिस्थितिकी को बेहतर रखने में बड़ी भूमिका अदा करते हैं। ऐसे में घोंघे के एक प्रजाति की विलुप्ति भी बड़ी हानि है।
डायनासॉर काल में धरती पर मौजूद थीं मधुमक्खियां?
वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाया है कि विलुप्त हो चुके डायनासॉर के जमाने में भी मधुमक्खियां होती थी और मधुमक्खियां और डायनासॉर तकरीबन ...
सरकार ने बनाई स्टेंडिंग कमेटी, चिलिका झील की तर्ज पर बचेगी सांभर झील
सांभर झील में लगभग 21 हजार पक्षियों की मौत होने के बाद अब सरकार ने कई कदम उठाए हैं
उत्तराखंड-हिमाचल की सीमा पर बनी आसन झील में विदेशी पक्षियों ने डाला डेरा
देहरादून से करीब 38 किलोमीटर आगे धालीपुर गांव के पास यमुना नदी और आसन नदी के पास बनी झील में हजारों विदेशी पक्षी अक्टूबर ...
भोपाल के बीचोबीच बचे प्राकृतिक जंगल को खतरा, विरोध के स्वर तेज
भोपाल में विधानसभा भवन के ठीक पीछे प्रस्तावित विधायक आवास की वजह से सैकड़ों पेड़ कटेंगे। शहर के पर्यावरणप्रेमी इस फैसले का विरोध कर ...
इंसानों के कारण व्यवहार बदल रहे हैं चिम्पांजी
आबादी घटने के साथ ही चिम्पांजी का व्यवहार परिवर्तित हो रहा है। इंसान ही चिम्पांजी के सांस्कृतिक पतन के मूल में हैं
60 फीसदी पौधों और जानवरों के विलुप्त होने की वजह हैं विदेशी आक्रामक प्रजातियां: आईपीबीईएस
यह विदेशी आक्रामक प्रजातियां हर साल जैवविविधता के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था को 35 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की चपत लगा रही हैं
नागालैंड में मिली रंग बदलने वाली मछली की नई प्रजाति बादिस लिमाकुमी
इस मछली की एक बड़ी विशेषता यह है कि यह प्रजाति प्रजनन या तनाव के समय गिरगिट की तरह अपना रंग बदल सकती है
59 फीसदी प्रजातियों को आसरा देती है मिट्टी, लेकिन संकट में है 33 फीसदी हिस्सा
मृदा करीब 90 फीसदी कवक प्रजातियों का घर है। इसके अलावा यह पौधों की 86 और बैक्टीरिया की 44 फीसदी से ज्यादा प्रजातियों को ...
बढ़ते शहरीकरण के कारण शहरों में जंगली मधुमक्खियां और तितलियां खतरे की कगार पर : शोध
मधुमक्खियों और तितलियों के पहले व्यापक विश्लेषण में 133 अध्ययनों के आंकड़ों को शामिल किया गया हैं, इसके निष्कर्ष शहरी क्षेत्रों में प्रकृति संरक्षण ...
अंतर्राष्ट्रीय जैव विविधता दिवस: हजार गुना अधिक हो चुकी है प्रजातियों की विलुप्त होने की दर
विकासशील देशों में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले 80 प्रतिशत लोग बुनियादी स्वास्थ्य देखभाल के लिए पारंपरिक पौधों पर आधारित दवाओं पर निर्भर हैं
जैव विविधता की सुरक्षा के लिए 'संरक्षण आय' बहुत अहम है : अध्ययन
कम और मध्यम आय वाले देशों में संरक्षित क्षेत्रों के सभी निवासियों को प्रति दिन 5.50 डॉलर की मूल संरक्षण आय या कंजर्वेशन बेसिक ...
सीबीडी कॉप-15: यूएन का निष्क्रिय प्रकृति संरक्षण समझौता विफल हो जाएगा, कार्यकर्ताओं ने दी चेतावनी
जैव विविधता की रक्षा के लिए हमें पहले स्वदेशी लोगों की रक्षा करने की आवश्यकता है, स्वदेशी लोग जैव विविधता की रक्षा कर रहे ...
वैज्ञानिकों ने ग्रेट बैरियर रीफ में काले मूंगों की पांच नई प्रजातियों की खोज की
काले मूंगों को उथले पानी और 26,000 फीट से अधिक की गहराई तक बढ़ते हुए देखा जा सकता है, कुछ मूंगे 4,000 से अधिक ...
हिंदू कुश हिमालय में अभी भी संरक्षित क्षेत्र प्रणाली से बाहर हैं 76 फीसदी प्रमुख पक्षी और जैव विविधता क्षेत्र
अनुमान है कि सदी के अंत तक हिन्दुकुश हिमालय का करीब 80 से 86 फीसदी हिस्सा अपने वास्तविक स्वरुप को खो देगा
इंसानी गतिविधियों के चलते विलुप्ति के कगार पर हैं 57 फीसदी समुद्री प्रजातियां
शोधकर्ता ने पहली बार खतरे वाली समुद्री प्रजातियों पर मानव प्रभावों का वैश्विक मूल्यांकन किया है
विचित्र दिखने वाली बिच्छू मक्खी की नई प्रजाति की हुई खोज
अभी तक बिच्छू मक्खी की एक ही प्रजाति ज्ञात थी और वह ठीक 200 साल पहले खोजी गई थी
अंतर्राष्ट्रीय हिम तेंदुआ दिवस: दुनिया भर में 4 हजार से भी कम बचे हैं हिम तेंदुए
हिम तेंदुए अपने शरीर की लंबाई से छह गुना लगभग 30 फीट की छलांग लगा सकते हैं
जग बीती: पेड़ लगाने के फायदे!
उत्तराखंड में विलुप्त हो चुकी उड़न गिलहरी की मौजूदगी के संकेत
उत्तराखंड वन अनुसंधान केंद्र ने राज्य में उड़न गिलहरी की मौजूदगी को लेकर अध्ययन किया