चारधाम परियोजना : सुप्रीम कोर्ट की समिति से चेयरमैन का इस्तीफा, कहा सभी के लिए बज रही मृत्यु की घंटी
पर्यावरणविद रवि चोपड़ा ने अपने इस्तीफा पत्र में लिखा है कि टिकाऊ विकास यह मांग करता है कि हिमालय के लिए भौगोलिक और पारिस्थातिकी ...
13 राज्यों में बीते पांच साल में 108 लोग भुखमरी के शिकार लेकिन सरकार के खाते में एक भी नहीं
ज्यादातर राज्य जहां सर्वाधिक मौते हुई हैं वह बहुआयामी गरीबी झेल रहे है। इसमें बिहार शीर्ष पर है जबकि उसके बाद झारखंड, उत्तर प्रदेश ...
खतरा : 32 वर्षों में नहीं बन पाई दून घाटी की पर्यटन विकास और लैंड यूज की योजना
1989 की दून अधिसूचना के तहत पर्यटन विकास योजना, मास्टर प्लान और लैंड यूज योजना पर अमल किया जाना था लेकिन अभी तक ऐसा ...
चारधाम परियोजना के फैसले का आकलन : यदि हिमालय की हार होगी तो भारत भी हार जाएगा
चारधाम परियोजना को डबल लेन किए जाने की वाले फैसले में कई तरह की विसंगतियां हैं। हालांकि हिमालय यह साफ कर चुका है कि ...
बैठे ठाले: नोबेल का चुनाव
“एक बात समझ लीजिए, यह नोबेल दुनिया के लिए पुरस्कार है पर मेरे लिए इन्वेस्टमेंट है। बाकी आप समझदार हैं”
अगले 45 सालों में उच्चतम स्तर पर होगी वैश्विक जनसंख्या
लांसेट जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, 2100 तक भारत सर्वाधिक जनसंख्या और प्रवास वाला देश बन जाएगा
पलायन की दशा - चौतरफा मार
भारत के तटीय राज्यों में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के कारण बाढ़ और चक्रवातों में लगातार वृद्धि देखी जा रही है, वहीं आंतरिक क्षेत्रों ...
पोषण से खाली भारत की थाली
भोजन की थाली में 1207 ग्राम खाद्य सामग्री होना चाहिए, लेकिन शहरी भारत में थाली में 871 ग्राम और ग्रामीण लोगों की थाली में ...
वैश्विक भूख सूचकांक एक सच्चाई क्यों है?
वैश्विक भूख सूचकांक को नकारा जा रहा है, लेकिन इस स्वीकार करना क्यों जरूरी है? पढ़ें, सचिन कुमार जैन के आलेख का दूसरा भाग
जग बीती: हम भारत के लोग...
जग बीती : काम चालू आहे
जग बीती : एक बंगला बने न्यारा
पुस्तक समीक्षा: शिक्षा की दुनिया का अक्षर देखा हाल
स्कूल और शिक्षण की दुनिया में क्या और कैसे बदलाव हो रहा है, इसका एक मुकम्मल दस्तावेज समेटती है यह किताब
जग बीती : निगेटिव न फैलाओ कुछ नहीं है
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से दशकों से बंद पर्यावरण संवेदी अरावली में खनन शुरु करने की मांगी इजाजत
हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा है कि कोरोना महामारी के दौरान बढ़ी बेरोजगारी को दूर करने के लिए संवेदी ...
कमल के पत्तों पर भोजन परोसने की परंपरा बनाम प्लास्टिक
शादियों में भोजन कराने के लिए कमल के पत्तों का इस्तेमाल होता था। पूड़ियां और सूखी सब्जी कमल के पत्तों पर परोसी जाती थी ...
बिहार चुनाव में कितने प्रभावी रहे गरीबी और रोजगार के मुद्दे?
आज तय होगा कि बिहार के लोगों ने रोजगार, गरीबी जैसे मुद्दे को कितनी गंभीरता से लिया है
जग बीती: पृथ्वी दिवस
जनसंख्या नियंत्रण कानून: क्यों हो रही है राजनीति
हर बार ही यह एक विशेष आबादी होती है, जिसे कम करने की आवश्यकता होती है
पुस्तक समीक्षा: गांधी सियासत और सांप्रदायिकता, एकता का पुनर्पाठ
किताब शुरू से अंत तक सांप्रदायिकता के विरुद्ध महात्मा गांधी के अभियान और उनकी पीड़ा को व्यक्त करती है
भ्रष्टाचार के मामले में 85वें नंबर पर है भारत, एक अंक का सुधार
भारत को भ्रष्टाचार के मामले में 180 देशों के लिए जारी करप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2021 में 85वें पायदान पर जगह मिली है। इससे पहले ...
लॉकडाउन, ‘आत्म-अलगाव’ और हमारा प्रकृति प्रेम
लॉकडाउन का सकारात्मक असर सुखद अहसास दे रहा है, लेकिन कहीं ये हमारा प्रकृति प्रेम और वैरागी ‘आत्म-अलगाव’ शमशानी वैराग्य तो नहीं
जनसंख्या नियंत्रण कानून: क्या आबादी वाकई विस्फोट के कगार पर है?
केंद्र सरकार देश में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू करनी चाहती है। डाउन टू अर्थ ने इस मुद्दे का व्यापक विश्लेषण किया। प्रस्तुत है दूसरी ...
अंग्रेजी हुकूमत में कैसे डूबी अर्थव्यवस्था
औरंगजेब के समय वैश्विक अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी 27 प्रतिशत जो अंग्रेजी शोषण से तीन प्रतिशत हो गई
सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए निजी क्षेत्र से छुटकारा जरूरी: रिपोर्ट
2030 तक गरीबी, पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसे सतत विकास के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विकासशील व कम आय वाले देशों में भारी ...