अनिल अग्रवाल डायलॉग 2024: हर साल हिमालय पर बढ़ता जा रहा है खतरा
डाउन टू अर्थ द्वारा प्रकाशित सालाना रिपोर्ट स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2024 में हिमालयी क्षेत्र में दिख रहे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का आकलन ...
जानिए क्यों एनजीटी ने उत्तर प्रदेश की ओवरसाइट कमेटी को भंग करने का दिया निर्देश
एनजीटी ने निर्देश दिया है कि आगे से यह त्रिस्तरीय तंत्र अदालतों के निर्देशों का पालन हो रहा है या नहीं, यह सुनिश्चित करने ...
महासागरों से हर साल निकाली जा रही है छह अरब टन रेत, जैव विविधता को खतरा: संयुक्त राष्ट्र
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, रेत निकालने वाले जहाजों का विशाल वैक्यूम, समुद्री तल को साफ कर देता है, जिससे समुद्री सूक्ष्म जीव गायब हो ...
संसद में आज: देश में प्रवासी और भूमिहीन किसानों की संख्या की जानकारी नहीं
साल 2022-23 में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए 667.34 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है
संसद में आज: हिमालयी इलाकों में बन रही हैं 30 बड़ी जल विद्युत परियोजनाएं
जोशीमठ में भू-धंसाव से प्रभावित परिवार के पुनर्वास के लिए सरकार ने 45 करोड़ रुपए किए जारी
दिल्ली में लू: क्या आग में घी डालने का काम कर रहे हैं एयरकंडीशनर
लू के महीनों में बिजली की आधी से ज्यादा मांग के लिए ऑफिसों, दुकानों और घरों में लगने वाले एसी को जिम्मेदार ठहराया जा ...
पर्यावरण मंत्री ने जारी की डाउन टू अर्थ की स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2022 रिपोर्ट
‘हमने देश में लंबे समय तक के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है और अब हम देश के गरीबों के लिए संसाधनों के ...
किसानों के पास ही है मौसम में आ रहे परिवर्तन को रोकने का नुस्खा, करने होंगे ये काम
दोहरी फसल पैदा करने से नाइट्रोजन के होने वाले कुल नुकसान को 12 से 18 फीसदी और फास्फोरस के कुल नुकसान को 16 से ...
सवालों में हसदेव अरण्य में परसा कोल ब्लॉक को मिली दूसरे चरण की स्वीकृति
हसदेव अरण्य को बचाने के लिए आदिवासी 300 किमी का सफर पैदल चलकर रायपुर पहुंचे थे, जहां राज्य के मुख्यमंत्री ने फर्जी ग्राम सभा ...
जानिए अंटार्कटिका के ऊपर क्यों दिखाई दिया ओजोन छिद्र
1980 के मध्य में अंटार्कटिक ओजोन परत के गंभीर रूप से कमजोर होने का मामला पहली बार सामने आया था।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण नियंत्रण की गारंटी कैसे बन सकता एक बहु-सदस्यीय आयोग
वायु प्रदूषण के कारकों की खूब अच्छी तरह से पहचान की जा चुकी है और सरकारों को क्या करना है यह भी बताया जा ...
उत्सर्जन के मानक को 2022 तक पूरा नहीं कर पाएंगे 70% पावर प्लांट: सीएसई
सीएसई का कहना है कि चूंकि केंद्र सरकार द्वारा कोयला खनन को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसलिए यह अध्ययन करना जरूरी हो गया ...
विश्व पर्यावरण दिवस 2020: संकट के समय में अहम है पानी की भूमिका
पानी को सुरक्षित और स्वच्छ बनाने के लिए यह वैश्विक कोशिशों को तेज करने का सही समय हो सकता है
भागीरथी नदी की बेहद संवेदनशील घाटी में सड़क निर्माण और मलबा डंपिंग से बढ़ा भूस्खलन का खतरा
भागीरथी इको सेंसेटिव जोन के लिए 2012 में केंद्र सरकार ने विस्तृत अधिसूचना जारी की थी लेकिन इसका जोनल मास्टर प्लान आजतक मंजूर नहीं ...
दिल्ली में हेल्थ इमरजेंसी घोषित, लेकिन इन शहरों का क्या होगा?
दिल्ली सहित 23 शहर ऐसे हैं, जहां हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है, लेकिन वहां कोई कदम नहीं उठाए गए हैं
“वे पहले से हमें कपटी मान बैठे थे”
जब सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट ने कोला ड्रिंक्स में कीटनाशक मिलने का अध्ययन जारी किया तब कोका कोला और पेप्सी जैसी कंपनियों ने ...
विरोध से ही निकलेगा रास्ता
यह तथ्य है कि ‘नॉट इन माई बैकयार्ड’ अर्थात ‘मेरे घर के पास नहीं’ जैसा विरोध कचरा प्रबंधन में मील का पत्थर साबित हो ...
रात में बढ़े ट्रैफिक से बेअसर हुआ ऑड-ईवन ट्रायल
रात में भारी वाहनों एवं कारों का ट्रैफिक बढ़ने से प्रदूषण पर लगाम लगाने की कवायद पूरी नहीं हो सकी
पर्यावरण मुकदमों की साप्ताहिक डायरी: नहीं होंगे पंजीकृत 31 मार्च के बाद बेचे गए बीएस-4 वाहन: सुप्रीम कोर्ट
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
लोकसभा चुनाव 2024: हिमाचल में गायब हैं आपदाओं के लिए जिम्मेवार मुद्दे
देश के दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों ने घोषणापत्र में पर्यावरण को आखिरी में शामिल तो किया लेकिन भाषणों और कैंपेनिंग में मुद्दे गायब रहे
एंटीबायोटिक के मुकाबले मवेशियों में इस्तेमाल होने वाला ईवीएम अधिक प्रभावी: सीएसई
- मवेशियों में रोगों के निदान के लिए पारंपरिक रूप से ईवीएम का उपयोग किया जाता है
बड़गाम में माइनर मिनरल खनन के लिए दी गई पर्यावरण मंजूरियां रद्द
सन्नाटे की गूंज
यात्रा एक पर्यावरण आंदोलन की, जिसने विकास योजनाओं को देखने, परखने का नजरिया ही बदल डाला
सकल पर्यावरण उत्पाद का कैसा होगा निर्धारण, कैसे नपेगी जल-जंगल-जमीन?
सकल पर्यावरण उत्पाद (जीईपी) का मूल्यांकन करने के लिए पहली बार कोई सूचकांक तैयार किया गया है
गैस की बजाय लकड़ी, उपले, पेड़ों की छालों को जलाकर खाना बना रहे हैं 47 फीसदी ग्रामीण
एलपीजी कनेक्शन के बड़े पैमाने पर वितरण के बावजूद ग्रामीण भारत के लगभग आधे परिवार स्वच्छ ईंधन के इस विकल्प से दूर हैं