जानिए चमोली त्रासदी के बाद क्यों जरूरी है हिमालय की चेतावनी का पाठ पढ़ना
नाजुक हिमालय में 33 हजार वर्ग किलोमीटर हिस्सा हिमनद (ग्लेशियर) है। ध्रुव क्षेत्रों के बाहर ग्लेशियर के रूप में पानी का बड़ी मात्रा में ...
संसद में आज: हाइड्रोजन ईंधन सेल का उपयोग करके देश में चलेगी हाइड्रोजन पावरट्रेन
चावल फोर्टिफिकेशन पहल के तहत आंध्र प्रदेश के सभी 26 जिलों को शामिल किया गया है।
अब पूर्वी हिमालय की बारी? सिक्किम में भारी बाढ़ दो पुल बहे, अलर्ट जारी
सिक्किम के मंगन जिले में चुंगथांग के ऊपर की ओर झील फटने से हालात बिगड़े
संसद में आज:कुमाऊं के हिमालयी इलाकों में बर्फ पिघलने से बनी 77 झीलें
जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक 2023 में भारत ने 8वां स्थान हासिल किया
ग्लेशियर से बनी झीलों के फटने से आने वाली बाढ़ का शुरुआती कारण नहीं है भूकंप: अध्ययन
अध्ययन में पाया गया कि 1900 से 2021 के बीच ग्लेशियर से बनी झीलों के पास आए 59 भूकंपों में से केवल एक के ...
जलवायु परिवर्तन से बढ़ा ग्लेशियल झीलों के टूटने का खतरा, बढ़ सकती हैं सिक्किम जैसी आपदाएं
डाउन टू अर्थ ने सिक्किम में आई बाढ़ के कारणों को समझने के लिए देहरादून स्थित वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान के निदेशक डॉ कलाचंद ...
हिमयुग के बाद से हिमालय के ग्लेशियरों का 40 फीसदी हिस्सा हुआ गायब
पिछले कुछ दशकों में हिमालय के ग्लेशियर औसतन 10 गुना अधिक तेजी से पिघल रहे हैं
अलास्का और हिमालय में ग्लेशियर से बनी झीलों के फटने से बाढ़ के खतरे और बढ़ सकते हैं
दुनिया भर में लगभग 15 लाख लोग झीलों के निचले प्रवाह में रहते हैं, जिनमें एशिया के ऊंचे पहाड़ों में रहने वाले लोग सबसे ...