मनुष्य और पर्यावरण पर 1972 में स्टॉकहोम में आयोजित सम्मेलन में इंदिरा गांधी का भाषण
दुनिया में पहली बार पर्यावरण के प्रति चिंता जताने वाले स्टॉकहोम सम्मेलन को 50 साल पूरे हो रहे हैं। इस मौके पर डाउन टू ...
एक एकड़ जमीन : दिल्ली के बेबस आखिरी किसान
दिल्ली के किसानों की एक पूरी उमर निकल गई लेकिन वे अपनी खेती का मालिकाना हक नहीं हासिल कर सके। सियासत जारी है और ...
गरीबी की दलदल
हम गरीबी को परंपरागत बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। यही वजह है कि गरीब परिवार के बच्चों के भी गरीब ही ...
पर्यावरण की चुनौती से संकट तो बढ़ा, लेकिन समावेश का अवसर भी मिला
सेंटर फॉर साइंस एनवायरमेंट (सीएसई) को 2018 को इंदिरा शांति पुरस्कार दिया गया। इस मौके पर सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण द्वारा दिया गया ...
इन्दिरा का पर्यावरण प्रेम
राष्ट्राध्यक्ष के रूप में सम्पूर्ण कार्यकाल में वह संकटों से जूझती रहीं। हर परिस्थिति में पर्यावरण सरंक्षण के प्रति वचनबद्ध अनुराग के माध्यम से ...
क्या देश में शहरी रोजगार गारंटी कानून से बदलेंगे हालात?
देश में शहरी रोजगार गारंटी कानून आए, इसके लिए पिछले साल राज्यसभा में संसद सदस्य बिनॉय विश्वम ने एक निजी विधेयक पेश किया
डाउन टू अर्थ खास: मनरेगा की तर्ज पर शहरी रोजगार गारंटी योजना कितनी जरूरी?
शहरी क्षेत्रों की गरीब और बेरोजगार आबादी को मनरेगा जैसा गारंटीशुदा रोजगार देने की मांग उठ रही है। कुछ राज्यों ने इस दिशा में ...