5,000 करोड़ से ज्यादा पक्षियों का घर है धरती, हम इंसानों से छह गुना हैं ज्यादा

इन पक्षियों में एक तरफ गौरैया है जिनकी कुल वैश्विक आबादी 160 करोड़ से भी ज्यादा है, वहीं 12 फीसदी प्रजातियां ऐसी हैं, जिनकी आबादी 5,000 से भी कम है

By Lalit Maurya
Published: Wednesday 19 May 2021

इस धरती पर सिर्फ मनुष्य ही नहीं, जीवों की भी अनेकों प्रजातियां रहती हैं उनमें से एक पक्षी हैं। जिनकी संख्या धरती पर इंसानों की संख्या के 6 गुना से भी ज्यादा है। हाल ही में इनकी संख्या को लेकर किए एक शोध से पता चला है कि पृथ्वी 5,000 करोड़ से भी ज्यादा पक्षियों का घर है, जिनमें से कुछ बहुत छोटी तो कुछ बहुत बड़ी हैं जबकि कुछ रंगबिरंगी तो कुछ बिलकुल सादा हैं। 

इनकी संख्या को जानने के लिए ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ताओं ने पक्षियों की 9,700 प्रजातियों का विश्लेषण किया हैं। हालांकि इसमें घरेलु पक्षियों की संख्या को शामिल नहीं किया गया है। यह विश्लेषण ऑस्ट्रेलिया की न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया है जोकि ऑनलाइन डेटाबेस, ईबर्ड पर बर्डवॉचर्स द्वारा पिछले एक दशक के दौरान दर्ज किए गए रिकॉर्ड किए गए आंकड़ों पर आधारित है। इससे जुड़ा शोध प्रोसीडिंग ऑफ द नेशनल एकाडेमी ऑफ साइंसेज (पनास) जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

शोधकर्ताओं के अनुसार इनमें से कुछ प्रजातियां तो ऐसे हैं जिनकी संख्या 100 करोड़ से भी ज्यादा है, जबकि 10 में से एक प्रजाति ऐसी है जिनकी संख्या 5000 से भी कम है। ऐसे में उनका संरक्षण बहुत मायने रखता है।

इनमें सबसे ज्यादा संख्या घरों में मिलने वाली गौरैया की है जिसकी कुल वैश्विक आबादी करीब 160 करोड़ है जोकि भारतियों की कुल आबादी से भी ज्यादा है। इसके बाद यूरोपियन स्टार्लिंग पक्षी का नंबर आता है जिनकी कुल आबादी करीब 130 करोड़ है। इसके बाद रिंग-बिल्ड गुल पक्षी की आबादी 120 करोड़, बार्न स्वॉलो पक्षी की 110 करोड़ है। इनके बाद ग्लौकस गुल की आबादी 94.9 करोड़, एल्डर फ्लाईकैचर 89.6 करोड़,  ब्लैक-लेग्ड किट्टीवेक 81.5 करोड़, हॉर्नड लार्क 77.1 करोड़, सूटी टर्न 71.1 करोड़ और सवाना की गौरैया जिसकी संख्या 59.9 करोड़ से ज्यादा है।

5,000 से भी कम है 12 फीसदी पक्षियों की आबादी

यह तो बात हुई सबसे ज्यादा आबादी वाली प्रजातियों की जबकि इसके विपरीत पक्षियों 1,180 प्रजातियां ऐसी हैं जिनकी आबादी 5,000 से भी कम है। यह पक्षियों की कुल प्रजाति का करीब 12 फीसदी हिस्सा हैं।

इनमें से कुछ पक्षी जैसे ओरिनोको सॉफ़्टटेल, तकारकुना तपकुलो, व्हिस्लिंग वार्बलर, ऑकलैंड आइलैंड्स रेल, कोकोस कोयल, इरिओमोटे टिट, लिटिल स्पॉटेड कीवी, मैंग्रोव फिंच, माउ पैरटबिल, मोंटसेराट ओरिओले, पियरे वार्बलर, प्लेन-फ्लैंक्ड रेल, अकीकी, बुगुन लिओसिचला, गोरगेटेड पफलेग, सैन एंड्रेस वीरियो, स्नेरेस आइलैंड स्निपे जैसे अनेकों पक्षी हैं जिनकी संख्या न के बराबर है।

शोध के अनुसार ज्यादातर पक्षी उत्तरी गोलार्ध में पाए जाते हैं: जिनमें यूरोप, उत्तरी एशिया, उत्तरी अफ्रीका, अरब प्रायद्वीप के कुछ हिस्से और उत्तरी अमेरिका में इनकी आबादी ज्यादा है जबकि इसके विपरीत मेडागास्कर में केवल 130 करोड़ और अंटार्कटिक में केवल 160 करोड़ पक्षी ही पाए गए थे।

यदि बर्ड लाइफ इंटरनेशनल डेटाबेस को देखें तो भारत में पक्षियों की करीब 1,212 प्रजातियां पाई जाती हैं, जिनमें से 94 ऐसी हैं जो अंतराष्ट्रीय स्तर पर संकटग्रस्त प्रजातियों की श्रेणी में हैं, जबकि 75 ऐसी प्रजातियां हैं जो राष्ट्रीय स्तर पर खतरे में हैं।

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