क्यों खतरे में हैं दुनिया के आधे से ज्यादा ताड़ के पेड़?

शोधकर्ताओं ने दुनिया भर में ताड़ की लगभग 1,889 प्रजातियों के संरक्षण की स्थिति का जायजा लिया है, इनमें से करीब 56 फीसदी प्रजातियां ऐसी हैं जिनके विलुप्त होने का खतरा है

By Lalit Maurya
Published: Tuesday 27 September 2022

क्या आप जानते हैं कि दुनिया में ताड़ प्रजाति के आधे से ज्यादा पेड़ खतरे में हैं। इन पेड़ों पर किए एक नए अध्ययन से पता चला है कि इस पेड़ की एक हजार से ज्यादा प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है। वैज्ञानिकों ने इन पेड़ों पर मंडराते खतरों को आकलन करने के लिए आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का उपयोग किया है।

यह शोध रॉयल बॉटैनिकल गार्डन, केव, एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय और ज्यूरिख विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक अंतराष्ट्रीय टीम द्वारा किया गया है। इस शोध में वैज्ञानिकों ने इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) की रेड लिस्ट के आंकड़ों के साथ ही नई मशीन लर्निंग तकनीकों की भी मदद ली है। इस रिसर्च के निष्कर्ष जर्नल नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन में प्रकाशित हुए हैं। शोधकर्ताओं ने अपने इस अध्ययन में यह जानने का प्रयास किया है कि ताड़ की कितनी और कौन से प्रजातियां खतरे में हैं।

इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने दुनिया भर में ताड़ की लगभग 1,889 प्रजातियों के संरक्षण की स्थिति का जायजा लिया है, जोकि ताड़ की कुल ज्ञात प्रजातियों का करीब 75 फीसदी है। निष्कर्ष से पता चला है कि इनमें से करीब 56 फीसदी प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा है। ताड़ की इन प्रजातियों में से 1,381 ऐसी प्रजातियां है जिनके बारे में बहुत ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है।

देखा जाए तो ताड़ के पेड़ एक प्रकार के सदाबहार वृक्ष हैं, जो पौधों के अरेकेसी परिवार से सम्बन्ध रखते हैं। यह पेड़ दुनिया भर में लाखों लोगों को भोजन, पेय और आश्रय प्रदान करते हैं। इस बारे में यूनिवर्सिटी ऑफ एम्स्टर्डम और अध्ययन से जुड़े शोधकर्ता डब्लू डेनिएल किसलिंग का कहना है कि यह काफी चिंताजनक है। पाम कई जीवों के लिए बहुत मायने रखता है, जिनमें स्तनधारी जीवों से लेकर फल खाने वाले पक्षी तक शामिल हैं।

यह पेड़ उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में सबसे उपयोगी और आर्थिक रूप से महत्वपूर्ण वृक्ष प्रजाति में से एक है, जिसका इस्तेमाल ग्रामीण अपने घरों का निर्माण, भोजन, औषधि, सौंदर्य प्रसाधन और यहां तक की धार्मिक अनुष्ठानों तक में करते हैं। इन पेड़ों को कई तरह से उपयोग किया जाता है। इनमें मुख्य रूप से नारियल, ताड़ का तेल, खजूर, फर्नीचर, रबर, और रस्सी आदि शामिल हैं।

यदि पेड़ों की यह प्रजातियां विलुप्त हो जाती है तो उनका न केवल पर्यावरण बल्कि इनपर निर्भर लोगों पर भी व्यापक असर पड़ेगा। शोध से पता चला है कि दुनिया भर के 92 क्षेत्रों में उपयोग की जाने वाली ताड़ की 185 प्रजातियों पर खतरा मंडरा रहा है। शोधकर्ताओं के मुताबिक मेडागास्कर, न्यू गिनी, फिलीपींस, हवाई, बोर्नियो, जमैका, वियतनाम, वानातू, न्यू कैलेडोनिया और सुलावेसी में इन पेड़ों के संरक्षण को प्राथमिकता देने की जरूरत है।

ऐसे में वैज्ञानिक सजावटी या व्यावसायिक रूप से उगाए जाने वाले लोकप्रिय पाम प्रजातियों के जंगली रिश्तेदारों पर मंडराते खतरे को लेकर कहीं ज्यादा चिंतित हैं। इन पेड़ों के बारे में बहुत कम जानकारी उपलब्ध है। देखा जाए तो इनमें से कई जंगली प्रजातियां स्थानीय लोगों के लिए अमूल्य हैं लेकिन इनके गुणों के बारे में पूरी जानकारी मिलने से पहले ही यह प्रजातियां गायब हो सकती हैं।

रॉयल बॉटैनिकल गार्डन, केव से जुड़े शोधकर्ता स्टीवन बैचमैन का कहना है कि इस जानकारी की मदद से हम उन देशों में ताड़ के संरक्षण पर ध्यान देने के साथ उन प्रजातियों को लक्षित करने पर अधिक ध्यान दे सकते हैं जहां वो सबसे ज्यादा खतरे में हैं।

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