गैरकानूनी है किसानों के अतिरिक्त अन्य किसी को वसीयत के जरिए कृषि भूमि का हस्तांतरण: सुप्रीम कोर्ट

यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार

By Susan Chacko, Lalit Maurya
Published: Thursday 18 June 2020

सुप्रीम कोर्ट के अनुसार किसानी का काम कर रहे लोगों के अतिरिक्त किसी अन्य को कृषि भूमि की वसीयत देना गैरकानूनी है| यह फैसला सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस उदय उमेश ललित, इंदु मल्होत्रा और एएस बोपन्ना की बेंच द्वारा दिया गया है| इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने 17 मार्च, 2009 को गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा दिए आदेश को बरकरार रखा है| जिसमें कृषि भूमि को गैर कृषक को वसीयत के जरिए देना अवैध ठहराया गया था| कोर्ट ने इसे बॉम्बे टेनेंसी एंड एग्रीकल्चरल लैंड एक्ट 1948 के खिलाफ बताया था|

बॉम्बे टेनेंसी एक्ट की धारा 43 और 63 के तहत खरीदी या बेची गई जमीन के हस्तांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया था और कानून के अनुसार किसी भी जमीन की बिक्री, उपहार, विनिमय, पट्टा  या गिरवी नहीं होना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इन प्रावधानों का मकसद वंचित वर्ग को सुरक्षा प्रदान करना है| जिससे जोतने वाले किसान का सीधा सम्बन्ध जमीन से बना रहे| इन प्रावधानों को वंचितों के हाथों को मजबूत करने के लिए बनाया गया है|

गुजरात राज्य के अधिवक्ता ने जो दलील प्रस्तुत की उसके अनुसार खेती करने वाले किरायेदार को मालिकाना हक दिलाने के पीछे मूल मंशा यह थी कि वास्तविक रूप से खेती कर रहे लोगों और काश्तकारों का हक़ संरक्षित किया जा सके और उन्हें मामूली शुल्क के भुगतान पर मालिकाना हक दिया जा सके।

जबकि राज्य के वकील ने तर्क दिया कि "इस अधिनियम का उद्देश्य, कृषि भूमि को वास्तविक किसान के हाथों में सुरक्षित रखना है| जिससे वो दूसरों के हाथ में न जा सके| उनके अनुसार अधिनियम की धारा 63 में यह स्पष्ट रूप से संकेत दिया है कि कृषि भूमि का हस्तांतरण किसी गैर-कृषक को नहीं किया जा सकता|


सुप्रीम कोर्ट ने मांगी लॉकडाउन के बाद बेचे और पंजीकृत किये गए सभी बीएस- IV वाहनों की जानकारी

सुप्रीम कोर्ट ने आरटीओ से देश भर में लॉकडाउन के बाद बेचे और पंजीकृत किये गए बीएस- IV वाहनों की जानकारी मांगी है| इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा और एससी अब्दुल नज़ीर की बेंच ने 15 जून, 2020 को एक आदेश जारी किया है| जिसमें अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल - ए.एन.एस. नाडकर्णी से इस बाबत जानकारी एकत्र करने के लिए कहा गया है| उन्हें यह जानकारी देश के सभी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों (आरटीओ) से एकत्र करनी है| इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अब देश में बीएस- IV वाहनों के पंजीकरण और बिक्री की अनुमति नहीं है।

यह आदेश उस मामले में दिया गया है जिसमें कोर्ट उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) में बीएस- IV वाहनों के पंजीकरण और उसके सार्वजनिक उद्देश्य और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) के डीजल वाहनों / मशीनों / उपकरणों के पंजीकरण से सम्बंधित मामले की सुनवाई कर रहे थे|

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में ईडीएमसी द्वारा खरीदी गई 4 चेसिस माउंटेड सक्शन सह जेटिंग डीजल मशीनों के पंजीकरण को भी मंजूरी दे दी है| साथ ही एनडीएमसी द्वारा ख़रीदे गए 25 डीजल संचालित वाहनों और मशीनों के पंजीकरण की भी अनुमति दे दी है|  वाहनों के मामले में पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम और नियंत्रण) प्राधिकरण ने अदालत को सूचित किया है कि सीईवी/ बीएस IV मॉडल के सीएनजी और पेट्रोल वाहन अब बाजार में उपलब्ध नहीं हैं|


बिना वैद्य परमिशन के भूजल का उपयोग कर रहा था नोएडा गोल्फ कोर्स, जारी किया गया कारण बताओ नोटिस 

नोएडा गोल्फ कोर्स जोकि सेक्टर 43, नोएडा, उत्तर प्रदेश में है, उसके पास भूजल को निकलने के लिए वैध एनओसी नहीं है| यह जानकारी केंद्रीय भूजल प्राधिकरण (सीजीडब्लूए) द्वारा एनजीटी में दायर एक रिपोर्ट से पता चली है| इसके साथ ही सीजीडब्लूए ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को जानकारी दी है कि इस मामले में नोएडा गोल्फ कोर्स कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।

यह रिपोर्ट एनजीटी के आदेश पर भूजल के उपयोग का आकलन करने के लिए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सीजीडब्ल्यूए, उत्तर प्रदेश जल निगम और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बनाई गई संयुक्त समिति द्वारा जारी की गई है|

निरीक्षण के दौरान समिति को यह पता चला कि इस गोल्फ कोर्स में भूजल के लिए 5 ट्यूबवेल लगाए थे जिनका उपयोग पीने के लिए और घरेलू एवं बागवानी के कामों के लिए किया जा रहा था| इनमें से 2 ट्यूबवेल ख़राब हो चुके थे| जबकि २ का उपयोग किया जा रहा था बाकि बचे एक ट्यूबवेल को ठीक किया जा रहा था| इन ट्यूबवेलों पर पानी के मीटर नहीं लगाए गए थे, न ही इनके संचालन के लिए लॉग बुक रखी गई थी| इसलिए कितना जल जमीन से निकला गया है इसकी मात्रा नहीं ज्ञात हो सकी| जबकि गोल्फ कोर्स के मैनेजर ने जानकारी दी है कि 32 गड्ढों की मदद से बारिश के पानी को संरक्षित किया जा रहा है| 

 

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