6 अगस्त को मंत्री परिषद की बैठक में “मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना” को मिली मंजूरी

 

" />

यूपी में आवारा गोवंश पालने पर 30 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान करेगी सरकार

6 अगस्त को मंत्री परिषद की बैठक में “मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना” को मिली मंजूरी

 

By DTE Staff
Published: Wednesday 07 August 2019
उत्तर प्रदेश में महोबा जिले के कबरई ब्लॉक में स्थित एक गोशाला। फोटो : भागीरथ

उत्तर प्रदेश में आवारा गोवंश (अन्ना मवेशी) की समस्या को देखते हुए राज्य सरकार ने 6 अगस्त को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रीपरिषद की बैठक में “मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना” को मंजूरी प्रदान कर दी। इस योजना के तहत आवारा गोवंश पालने पर पशुपालकों को प्रत्येक गोवंश पर 30 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से आर्थिक मदद उपलब्ध कराई जाएगी।

इस योजना के प्रथम चरण में एक लाख गोवंश पशुपालकों के सुपुर्द किए जाने का प्रस्ताव है। सरकार का अनुमान है कि इस पर 1 अरब 9 करोड़ 50 लाख रुपए खर्च होंगे।

योजना के तहत जिला अधिकारी गोवंश पालने के इच्छुक किसानों, पशुपालकों और अन्य व्यक्तियों को चिन्हित करेंगे। गोवंश के भरण पोषण के लिए इनके बैंक खाते में प्रति गोवंश 30 रुपए प्रतिदिन की दर से धनराशि भेजी जाएगी। इन लोगों को जिला प्रशासन द्वारा स्थापित एवं संचालित अस्थायी और स्थायी केंद्रों से जरिए गोवंश दिए जाएंगे। गोवंश पालने के इच्छुक लोग सुपुर्द किए गए पशुओं को बेच नहीं सकते और न ही उन्हें खुला छोड़ सकते हैं।

सरकार का कहना है कि इस योजना ने सामाजिक सहभागिता बढ़ेगी और अन्ना मवेशियों की संख्या में कमी आएगी। साथ ही साथ इससे जन सामान्य को रोजगार मिलने की भी संभावना है।

उल्लेखनीय है कि पशुधन संख्या के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा प्रदेश है। 2012 की पशुगणना के अनुसार, राज्य में 205.66 लाख गोवंश हैं। इसके अलावा 10 से 12 लाख निराश्रित गोवंश होने का भी अनुमान है। सरकार द्वारा इन निराश्रित गोवंश के संरक्षण एवं भरण पोषण के लिए स्थायी अथवा अस्थायी गोवंश आश्रम स्थल, वृहद गोसंरक्षण केंद्र, गोवंश वन्य विहार (बुंदेलखंड क्षेत्र में) और पशु आश्रय गृह संचालित किए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त प्रदेश में 523 पंजीकृत गोशालाएं चल रही हैं।

सरकार को यह योजना शुरू करने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि निराश्रित गोवंश के कारण किसानों की फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंच रहा है। किसानों को रातभर जागकर अपनी फसल की सुरक्षा करनी पड़ रही है। साथ ही खेत के चारों तरफ तार लगाने पड़ रहे हैं जिससे खेती की लागत काफी बढ़‍ गई है। इसके अलावा सीमावर्ती राज्यों से भी टकराव की स्थिति बन नही है।  

Subscribe to Weekly Newsletter :