बांग्लादेश के 1.9 करोड़ बच्चों पर मंडराता जलवायु परिवर्तन का खतरा
यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश के 17 जिलों में रहने वाले लगभग 86 प्रतिशत बच्चों का जीवन बाढ़ और चक्रवात के कारण खतरे में हैं
By Kiran Pandey
Published: Tuesday 09 April 2019
संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनिसेफ) ने अपनी नयी रिपोर्ट में चेताया है कि बांग्लादेश के 64 में से 20 जिलों के लगभग 19 मिलियन (1.9 करोड़) से अधिक बच्चे, जलवायु परिवर्तन के विनाशकारी परिणामों के कारण सबसे अधिक खतरे में हैं। इनमे से 5 मिलियन बच्चों की उम्र पांच वर्ष से भी कम हैं। बदलती जलवायु उनके जीवन को कम करने के साथ उनके बेहतर भविष्य की संभावनाओं को भी अंधकार में धकेल रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बंगाल की खाड़ी और कई और दूरदराज के द्वीपों पर रहने वाले बच्चे सबसे ज्यादा अधिक असुरक्षित हैं।
गौरतलब है कि पिछले महीने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए जरुरी प्रयास नहीं करने के कारण 112 से भी अधिक देशों के बच्चे ने विरोध प्रदर्शन किये थे। बच्चों पर पड़ने वाले खतरे को देखते हुए यूनिसेफ की यह रिपोर्ट संसाधनों और बुनियादी ढांचे को जलवायु परिवर्तन और अन्य आपदाओं जैसे - बाढ़, चक्रवात और भूकंप से बचाने के लिए नीतियों के निर्माण की वकालत करती है। जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ने वाले व्यवधानों को सीमित किया जा सके ओर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें। इसके साथ ही यह रिपोर्ट जलवायु परिवर्तन से बचने और उसके अनुकूल सेवाओं, प्रौद्योगिकी और सुविधाओं के उपयोग, और उपयोग की मांग को बढ़ावा देने की भी सिफारिश करती है।
चक्रवात और बाढ़ से है सबसे अधिक खतरा
17 जिलों में रहने वाले 86 प्रतिशत बच्चे (19.3 मिलियन बच्चों में से 16.3 मिलियन बच्चे) बाढ़ और चक्रवात के कारण सर्वाधिक खतरे में हैं। जहां नोआखली जिले को कॉक्स बाजार के बाद सबसे अधिक असुरक्षित जिला माना गया है, जबकि चक्रवात दोनों जिलों के लिए ही सबसे बड़ा खतरा है।
आपदा-ग्रस्त जिले |
2018 में 5 वर्ष से कम जनसंख्या (अनुमानित) |
2018 में 18 वर्ष से कम जनसंख्या (अनुमानित) |
|
जिला | मुख्य जोखिम | ||
बारगुना |
चक्रवात |
94,938 |
3,65,730 |
पिरोजपुर | चक्रवात |
1,11,555 |
4,52,548 |
बागेरहाट |
चक्रवात |
1,33,822 |
5,51,104 |
पटुआखली | चक्रवात |
1,72,264 |
6,74,206 |
सत्खिरा | चक्रवात |
1,85,281 |
7,72,118 |
खुलना | चक्रवात |
2,00,105 |
8,31,287 |
भोला | चक्रवात |
2,29,660 |
8,70,403 |
कॉक्स बाजार | चक्रवात |
3,78,154 |
13,95,360 |
नोआखली |
चक्रवात |
4,51,540 |
17,18,893 |
निल्फामेरी | सूखा |
2,39,662 |
8,88,557 |
राजशाही | सूखा |
2,46,764 |
10,27,032 |
नेत्रोकोना |
अचानक आई बाढ़ |
3,18,463 |
11,21,414 |
हबीगंज | अचानक आई बाढ़ |
3,26,517 |
11,25,993 |
सुनामगंज | अचानक आई बाढ़ |
4,24,275 |
14,08,194 |
गैबन्धा |
बाढ़ |
2,93,269 |
2,93,269 |
फरीदपुर | बाढ़ |
2,19,686 |
8,62,401 |
जमालपुर | बाढ़ |
2,79,345 |
10,25,598 |
सिराजगंज | बाढ़ |
3,91,315 |
14,40,772 |
टैंगैल | बाढ़ |
3,86,040 |
14,82,420 |
जेस्सोर | जल भराव |
2,76,411 |
11,12,531 |
जोखिमग्रस्त बच्चों की कुल संख्या: |
53,59,067 |
1,94,19,829 |
लगभग 12 मिलियन बांग्लादेशी बच्चे जो की नदी घाटियों और उसके आसपास रहते हैं, उनके जीवन के लिए बाढ़ सबसे बड़ा खतरा है। जबकि तटीय क्षेत्रों में रहने वाले 4.5 मिलियन बच्चे नियमित रूप से आने वाले शक्तिशाली चक्रवातों से सर्वाधिक प्रभावित रहते हैं। वहीं दूसरी ओर 3 मिलियन बच्चे द्वीपों पर रहते हैं । जहां रहने वाले किसान सबसे ज्यादा सूखे की बढ़ती अवधि का सामना करते हैं।
इससे पहले, यूनिसेफ ने अपनी पिछली रिपोर्ट में बांग्लादेश सहित दुनिया भर के बच्चों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को बताया था । जिसमें जलवायु संबंधी जोखिमों पर ध्यान केंद्रित करते हुए; बच्चों के वर्तमान और भविष्य पर इन जोखिमों के प्रभावों और उनसे बचाव के लिए आवश्यक नीतियों पर प्रकाश डाला गया था ।
गरीब परिवारों के बच्चों पर मंडराता सबसे अधिक खतरा
गरीब परिवार के बच्चे जलवायु संबंधी प्रभावों का सबसे अधिक खामियाजा भुगत रहे हैं क्योंकि वे सुरक्षा,पौष्टिक भोजन और स्वच्छ पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर हैं। नवीनतम रिपोर्ट बताती है कि जलवायु परिवर्तन और उससे संबंधित प्राकृतिक आपदाओं के कारण ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों की ओर परिवारों का प्रवास बढ़ा है, शहरों पर पड़ते जनसंख्या के बोझ से जहां अनियोजित शहरीकरण में वृद्धि हुई है वहीं पर्यावरण में तेज़ी से गिरावट आयी है, फलस्वरूप संचारी और गैर-संचारी रोगों में तीव्र वृद्धि हुई है।
वेक्टर जनित बीमारियां जैसे डेंगू और चिकनगुनिया बुखार आज तेजी से उभरते हुए खतरे हैं। बांग्लादेश के स्वास्थ्य महानिदेशालय ने वर्ष 2018 में डेंगू संक्रमण के 10,148 मामले और 26 मौतें दर्ज की थी । यूनिसेफ बांग्लादेश की चाइल्ड प्रोटेक्शन स्पेशलिस्ट, क्रिस्टीना वेस्लंड के अनुसार, जलवायु परिवर्तन ने लगभग 3.45मिलियन बांग्लादेशी बच्चों को बाल श्रम की ओर धकेल दिया है।
गर्भवती महिलाएं भी नहीं हैं खतरे से अनछुई
रिपोर्ट में कहा गया है कि समुद्र का बढ़ता जलस्तर और अनियंत्रित खारे पानी का अतिक्रमण गर्भवती महिलाओं के लिए एक गंभीर खतरा है। जो की पीने के पानी में लवणता की मात्रा में वृद्धि के साथ ही उच्च रक्तचाप एवं प्रीक्लेम्पसिया सहित अनेक गंभीर बिमारियों के जोखिम को भी बढ़ाता है।
जरुरी है त्वरंत कार्यवाही
रिपोर्ट की माने तो 2019 में बांग्लादेश अपनी जलवायु परिवर्तन रणनीति और कार्य योजना के दूसरे चरण की शुरुआत कर रहा है, इसलिए बच्चों को जलवायु परिवर्तन के खतरे से बचाने के लिए संसाधनों को प्राथमिकता देना और उन्हें आवंटित करना आवश्यक है। जिसके लिए यह रिपोर्ट पानी, स्वास्थ्य, स्वच्छता और पोषण जैसे विकास के प्रमुख पहलुओं पर त्वरंत कार्यवाही की सिफारिश करती है।