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- कम उपजाऊ भूमि पर दोबारा खेती न करने से कम किया जा सकता है जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
- भारत में फैल रहा बफेलोपॉक्स, विशेषज्ञों की चेतावनी पर ध्यान देने की जरूरत
- एयर क्वालिटी ट्रैकर: गंगटोक सहित देश के 20 शहरों में साफ रही हवा, जानिए क्या आपका शहर भी था उनमें शामिल
- चारे का संकट : डेरी फार्मिंग छोड़कर डॉग फार्मिंग को मजबूर हुआ पशुपालक
- सामान्य से ज्यादा व्यस्त रह सकता है इस साल अटलांटिक हरिकेन सीजन, वैज्ञानिकों ने जताई आशंका
- भारत में सड़कों पर चलने को सुरक्षित बनाएगा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, दुर्घटनाओं में आएगी कमी
- कोरोना अपडेट: 24 घंटों में 2,628 नए मामले आए सामने, 0.58 फीसदी पर पहुंची दैनिक पॉजिटिविटी दर
- दिवाली के बाद पटाखों से ज्यादा पराली जलाने से होता है दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण: आईआईटी दिल्ली
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- अगर ये चीजें खा रहे हैं आप तो हो सकते हैं मोटापा, बीपी, डायबिटीज के शिकार
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कम उपजाऊ भूमि पर दोबारा खेती न करने से कम किया जा सकता है जलवायु परिवर्तन का प्रभाव
छोड़ी गई भूमि पर फिर से खेती करने से 31 फीसदी संभावित वन्यजीवों निवास स्थानों में कमी तथा कार्बन जमा करने में 35 फीसदी की कमी आई
जलवायु परिवर्तन: एक ही नाव पर सवार हैं भारत-पाकिस्तान, 30 गुना तक बढ़ गया है गर्मी का कहर
जलवायु परिवर्तन ने भारत और पाकिस्तान में भीषण गर्मी की सम्भावना को 30 गुना तक बढ़ा दिया है। इतना ही नहीं गर्मी की यह लहर समय से पहले ही ...
बायोक्रस्ट को नुकसान के चलते वातावरण में उत्सर्जित हो सकती है 15 फीसदी ज्यादा धूल
धरती पर मौजूद बायोक्रस्ट हर साल करीब 700 टेराग्राम धूल को वातावरण में फैलने से रोक रही है। अनुमान है कि यदि यह परत न हो तो वातावरण में 55 फीसदी ज्यादा धूल ...
तबाही की राह पर दुनिया: जलवायु से जुड़े चार प्रमुख संकेतकों ने 2021 में तोड़ा रिकॉर्ड
ग्रीनहाउस गैस, समुद्र के जल स्तर और गर्मी में होती वृद्धि के साथ महासागरों में बढ़ता अम्लीकरण रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है
क्या साफ हवा के कारण अधिक पैदा हो रहे हैं अटलांटिक तूफान? क्या कहता है अध्ययन
नोआ के एक नए अध्ययन में पाया गया कि अमेरिका और यूरोप में स्वच्छ हवा अधिक अटलांटिक तूफानों को पैदा कर रही है।
अपेक्षा से कहीं ज्यादा कठिन है ग्लेशियरों के लिए ग्लोबल वार्मिंग से उबरना
शोध से पता चला है कि बढ़ते तापमान के चलते हर साल ग्लेशियरों से पहले के मुकाबले 30 फीसदी ज्यादा बर्फ पिघल रही है
बढ़ते तापमान के चलते भारत में चक्रवात और भीषण बाढ़ की चपेट में होंगे 250 फीसदी ज्यादा लोग
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सदी के अंत तक भारत में पहले के मुकाबले ढाई गुना ज्यादा लोग 'अम्फान' जितने शक्तिशाली तूफानों के कारण आने वाली भीषण बाढ़ की ...
पिछले 50 वर्षों में 70 फीसदी सिकुड़ चुका है पेटो ग्लेशियर, क्या बदलती जलवायु है जिम्मेवार?
विशेषज्ञों का अनुमान है कि यदि ऐसा ही चलता रहा तो सदी के अंत तक यह ग्लेशियर 85 फीसदी तक सिकुड़ जाएगा