कॉप 27: मौसम के पूर्वानुमान प्रणाली पर तीन बिलियन डॉलर खर्च करने की सहमति बनी

विकासशील देशों में मौसम संबंधी चेतावनी प्रणालियों पर सिर्फ 80 करोड़ डॉलर खर्च करने से प्रति वर्ष 3 अरब से 16 अरब डॉलर के नुकसान से बचा जा सकेगा

By Dayanidhi
Published: Tuesday 08 November 2022

संयुक्त राष्ट्र ने सोमवार सात नवंबर 2022 को जलवायु परिवर्तन से होने वाली घातक और विनाशकारी चरम मौसम की घटनाओं की शुरुआती चेतावनी प्रणाली बनाने के लिए एक पंचवर्षीय योजना जारी की है।

अब तक 50 देशों ने इस चेतावनी प्रणाली की योजना पर सहमति जताई है और एक संयुक्त बयान जारी किया है। 

मिस्र के शर्म-अल-शेख में चल रहे जलवायु शिखर सम्मेलन (कॉप 27) में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि इस चेतावनी  प्रणाली पर लगभग 3.1 अरब डॉलर, या प्रति व्यक्ति 50 सेंट से कम खर्च आएगा। लेकिन यह प्रणाली लाखों लोगों की जान बचा सकती है। 

उन्होंने कहा, "मैंने धरती पर रह रहे हर व्यक्ति को अगले पांच साल के भीतर शुरुआती चेतावनी प्रणाली द्वारा संरक्षित करने का आह्वान किया है। हमारी पहली प्राथमिकता सबसे कमजोर लोगों तक सहायता पहुंचना होगा।"

बताया गया कि जब जलवायु में बदलाव के कारण मौसम की चरम घटनाएं बढ़ रही हैं। ऐसे समय में भी दुनिया के आधे देशों के पास उन्नत शुरुआती चेतावनी प्रणाली की कमी है,  जो जीवन बचा सकती है।

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक जलवायु संबंधी आपदाओं के कारण विकसित देशों के मुकाबले अफ्रीका, दक्षिण एशिया, दक्षिण व मध्य अमेरिका एवं छोटे द्वीपों में रह रहे लोगों के मरने की आशंका 15 गुणा अधिक होती है। वहीं, युद्ध के मुकाबले ये आपदाएं तीन गुणा अधिक लोगों को विस्थापित करती हैं। इतना ही नहीं, जलवायु संबंधी आपदाओं की तादात बढ़ने के साथ-साथ नुकसान भी लगातार बढ़ रहा है। 

संयुक्त राष्ट्र ने यह भी कहा है कि ऐसे देश जहां बुनियादी ढांचे (इंफ्रास्ट्रक्चर) की कमी है, उन देशों में आपदा से होने वाली मौतों की संख्या औसतन आठ गुना अधिक है। बाढ़, सूखा, लू या हीटवेव, चक्रवात या अन्य आपदाओं के लिए उचित पूर्व चेतावनी प्रणालियां ऐसी योजना बनाने में मदद कर सकती हैं जो प्रतिकूल प्रभावों को कम करती हैं।

यह प्रणाली काम करती हुई दिखती है

पिछले दो दशकों में आपदाओं से प्रभावित लोगों की संख्या लगभग दोगुनी हो गई है, लेकिन मारे गए या लापता लोगों की संख्या आधी हो गई है।

चक्रवात भोला ने 1970 में वर्तमान बांग्लादेश में तबाही मचाई, तो इसने सैकड़ों हजारों लोगों की जान ले ली थी, जिससे देश ने अगले वर्ष मौसम पूर्वानुमान तकनीक, आश्रयों और तट के साथ स्वयंसेवकों के नेटवर्क में निवेश करने के लिए प्रेरित किया।

इसी तरह के खतरनाक चक्रवात अम्फान ने 2020 में उसी क्षेत्र में दस्तक दी थी, लेकिन मरने वालों की संख्या सिर्फ 26 थी।

विश्व मौसम विज्ञान संगठन (डब्ल्यूएमओ) के प्रमुख पेटेरी तालस ने कहा कि शुरुआती चेतावनी लोगों की जान बचाती है और व्यापक आर्थिक लाभ प्रदान करती है।

उन्होंने कहा कि पूर्व चेतावनी प्रणाली की तत्काल जरूरत है क्योंकि रिकॉर्ड की गई आपदाओं की संख्या पांच गुना बढ़ गई है, मानवजनित जलवायु परिवर्तन से चरम मौसम की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

एक खतरनाक घटना होने के सिर्फ 24 घंटे पहले के नोटिस से आगामी नुकसान को 30 प्रतिशत तक कम किया जा सकता है।

अनुकूलन पर वैश्विक आयोग ने पाया कि विकासशील देशों में ऐसी प्रणालियों पर सिर्फ 80 करोड़ डॉलर खर्च करने से प्रति वर्ष 3 अरब से 16 अरब डॉलर के नुकसान से बचा जा सकेगा।

विज्ञान-आधारित अवलोकन नेटवर्क और पूर्वानुमान तकनीक से शुरू होकर, एक पूर्ण प्रारंभिक चेतावनी बुनियादी ढांचे के लिए राष्ट्रीय और समुदाय आधारित प्रतिक्रिया क्षमताओं की भी आवश्यकता होती है, साथ ही आबादी में सूचना को तेजी से फैलाने के तरीकों की भी आवश्यकता होती है।

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