आईपीसीसी रिपोर्ट ने बजाई खतरे की घंटी

भविष्य में गरीबी, खाद्यान्न की कीमत में वृद्धि होगी, साथ ही मलेरिया और डायरिया की बीमारी का प्रकोप बढ़ेगा

By DTE Staff
Published: Monday 08 October 2018
दक्षिण एशिया में जलवायु परिवर्तन का गरीबी उन्मूलन पर विपरीत असर पड़ा है

इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज (आईपीसीसी) की रिपोर्ट ने भारत समेत दुनियाभर में खतरे की घंटी बजा दी है। यह बताती है कि भविष्य में गरीबी, खाद्यान्न की कीमत में वृद्धि होगी, साथ ही मलेरिया और डायरिया की बीमारी का प्रकोप बढ़ेगा।

साल 2015 की रिपोर्ट में कहा गया था कि भोजन को उपजाना मुश्किल होगा और इस कारण एशिया में खाद्य संकट का सामना करना पड़ेगा। रिपोर्ट में पश्चिमी जापान, पूर्वी चीन, भारत-चीन के दक्षिणी हिस्से और दक्षिण एशिया के उत्तरी हिस्से को सबसे संवेदनशील माना गया है। रिपोर्ट के अनुसार, दक्षिण एशिया में जलवायु परिवर्तन का गरीबी उन्मूलन पर विपरीत असर पड़ा है। संपूर्ण एशिया में किसान सूखे के कारण खेती छोड़ने को विवश हैं।

रिपोर्ट में चेताया गया था कि जलवायु परिवर्तन के कारण एशिया के मूलनिवासी खतरे में हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण खाद्यान्न की कीमतें और गरीबी में वृद्धि होगी।

अब पांचवी रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर जलवायु परिवर्तन अनुमानों के अनुरूप होता रहा तो लोगों के चोटिल होने, बीमारियों, हीटवेव और आग से लोगों की जिंदगी को बड़ा खतरा रहेगा। रिपोर्ट के अनुसार, भारत के कोलकाता और पाकिस्तान के कराची को हीटवेव से सबसे ज्यादा खतरा है। रिपोर्ट के मुताबिक, वैश्विक तापमान के कारण भोजन, जल जनित और मच्छरों से होने वाली बीमारियों का प्रकोप बढ़ेगा। गरीब इलाकों में कम उत्पादक क्षेत्र खतरे में और इजाफा करेंगे।

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