संसद में आज: 2020-21 के दौरान मनरेगा के तहत 47 फीसदी अधिक व्यक्ति दिवस सृजित किए गए

कोविशील्ड की मासिक टीकों का उत्पादन क्षमता प्रति माह 11 करोड़ खुराक से बढ़ाकर 12 करोड़ खुराक प्रति माह से अधिक होने का अनुमान है

By Madhumita Paul, Dayanidhi
Published: Tuesday 03 August 2021

महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा बढ़ाने के लिए जाना जाता है। इसके तहत प्रत्येक वित्तीय वर्ष में कम से कम सौ दिनों की मजदूरी की गारंटी रोजगार प्रदान करने की योजना है। इसमें परिवार के वयस्क सदस्य स्वेच्छा से शारीरिक श्रम करते हैं। यह आज ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने लोकसभा में बताया।

सिंह ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान कुल 389 करोड़ व्यक्ति दिवस सृजित हुए हैं जो वित्त वर्ष 2019-20 की पिछली अवधि की तुलना में 47 फीसदी अधिक है। वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान कुल 1.89 करोड़ नए जॉब कार्ड जारी किए गए हैं। सिंह ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 7.55 करोड़ परिवारों को रोजगार प्रदान किया गया है, जो पिछले वित्तीय वर्ष में 38 फीसदी अधिक है।

इमारती लकड़ी के वृक्षारोपण को बढ़ावा देने की योजना

कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में बताया कि शीशम, सागौन, नीलगिरी, मालाबार नीम, अर्दु, पोपलर आदि जैसी लकड़ी की उपज देने वाली प्रजातियों को अन्य प्रजातियों के साथ कृषि भूमि पर वृक्षारोपण के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।

यह योजना उन राज्यों में लागू की गई है जहां लकड़ी को दूसरी जगहों पर ले जाने, कटाई आदि के नियम कठोर नहीं हैं। वर्तमान में, यह योजना 23 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में लागू की जा रही है।

तोमर ने बताया कि योजना आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, मिजोरम, मेघालय, मणिपुर, नागालैंड, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख में लागू है। तोमर ने कहा कि यह योजना सामान्य श्रेणी के राज्यों के लिए 60:40 के अनुपात में और पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों के लिए 90:10 और केंद्र शासित प्रदेशों और राष्ट्रीय एजेंसियों के मामले में 100 फीसदी के अनुपात में केंद्र और राज्य सरकार के बीच खर्च के बंटवारे पर लागू की जा रही है। 

पीडीएस के माध्यम से पौष्टिक खाद्य वितरण

देश में एनीमिया और सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए, भारत सरकार ने 174.64 करोड़ रुपये के कुल व्यय के साथ 2019-20 में शुरू होने वाली इस योजना को 3 साल की अवधि के लिए सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत चावल के फोर्टिफिकेशन और इसके वितरण पर केंद्र प्रायोजित पायलट योजना को मंजूरी दी है।

पायलट योजना 15 राज्यों के 15 जिलों पर केंद्रित है, प्रति राज्य 1 जिला। इसके लिए पंद्रह राज्य सरकारों अर्थात आंध्र प्रदेश, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, गुजरात, उत्तर प्रदेश, असम, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश ने सहमति दी है। पायलट योजना के कार्यान्वयन के लिए अपने संबंधित जिलों (प्रति राज्य 1 जिला) की पहचान की है। यह आज ग्रामीण विकास और उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने लोकसभा में बताया।

ज्योति ने बताया कि अब तक छह राज्यों आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश ने अपने चयनित जिलों में पायलट योजना के तहत फोर्टिफाइड चावल का वितरण शुरू कर दिया है।

प्राकृतिक आपदाओं से मौत

राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक 2020-21 में भारत में अचानक बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन सहित मौसम संबंधी आपदाओं / खतरों के कारण कुल मृत्यु (अस्थायी) 1989 है। राज्यों में, पश्चिम बंगाल ने प्राकृतिक आपदाओं की वजह से 354 मौतें होने की जानकारी दी है। लेकिन 2019-20 में प्राकृतिक आपदाओं से सबसे ज्यादा मौतें 674 मध्य प्रदेश में हुईं। गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बताया कि 2019-20 में कुल मौतों की संख्या 2422 थी।

आपदा प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकार की होती है। चालू वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान राज्य आपदा मोचन कोष (एसडीआरएफ) के केंद्रीय हिस्से की पहली किस्त 29 अप्रैल, 2021 को सभी राज्यों को 8873.60 करोड़ रुपये पहले ही अग्रिम रूप से जारी किए जा चुके हैं। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर आपदा प्रतिक्रिया कोष (डीआरएफ) के लिए 279.00 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, राय ने बताया कि जिसमें से केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को अगस्त, 2021 तक 108.81 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।

घरेलू उपयोग के लिए अक्षय ऊर्जा का उपयोग

दिन-प्रतिदिन की घरेलू मांग को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ाने के लिए, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय रूफटॉप सौर कार्यक्रम चरण II को लागू कर रहा है, जिसमें 2022 तक कुल 4000 मेगावाट की आरटीएस क्षमता को केंद्रीय वित्तीय प्रावधान सहायता (सीएफए) के साथ आवासीय / घरेलू क्षेत्र के लिए लक्ष्य रखा गया है। इस बात की जानकारी आज नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा एवं विद्युत मंत्री आर.के. सिंह ने राज्यसभा में दी।

अलग-अलग परिवारों के लिए, 3 किलोवाट क्षमता तक के आरटीएस संयंत्रों के लिए लागत का 40 फीसदी सीएफए और 3 किलोवाट से अधिक और 10 किलोवाट तक की क्षमता वाले आरटीएस संयंत्रों के लिए 20 फीसदी सीएफए प्रदान किया जाता है। सिंह ने बताया कि ग्रुप हाउसिंग सोसायटी/आवासीय कल्याण संघों (जीएचएस/आरडब्ल्यूए) के लिए, 500 किलोवाट तक क्षमता वाले आरटीएस संयंत्रों के लिए बेंचमार्क लागत के 20 फीसदी  तक सीएफए सीमित है, जिसका इस्तेमाल आम सुविधाओं हेतु बिजली की आपूर्ति के लिए किया जाता है।

18 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए टीका

अभी तक 18 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के लिए टीकाकरण की अनुमति है। बच्चों में टीकाकरण के लिए क्लिनिकल परीक्षण अभी भी चल रहे हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में बताया कि विशेषज्ञ परामर्श के बाद नैदानिक परीक्षणों के दौरान प्राप्त परिणामों के आधार पर आगे की आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

क्षय रोग (टी.बी.) मुक्त भारत

सरकार ने नवंबर 2020 और जून 2021 के बीच 24.11.2020, 23.12.2020, 24.02.2021 और 24.06.2021 को क्रमशः क्षय रोग मुक्त भारत पर विकास भागीदारों के साथ चार (4) बैठकों की अध्यक्षता की, यह आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में बताया।

पवार ने बताया कि भारत सरकार ने 2025 तक देश में टीबी को समाप्त करने के लिए एक राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (2017-25) तैयार की है। पवार ने कहा कि 2020 में, 17.19 करोड़ लोगों की टीबी की जांच की गई और इन अभियानों से 52273 टीबी के मामलों का भी पता चला।

कोवैक्सिन और कोविशील्ड टीकों का उत्पादन

निर्माताओं द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, कोविशील्ड की मासिक टीकों का उत्पादन क्षमता प्रति माह 11 करोड़ खुराक से बढ़ाकर 12 करोड़ खुराक प्रति माह से अधिक होने का अनुमान है और कोवैक्सिन की उत्पादन क्षमता को प्रति माह 2.5 करोड़ खुराक से बढ़ाकर प्रति माह लगभग 5.8 करोड़ खुराक तक करने का अनुमान है। यह आज स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने राज्यसभा में बताया।

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