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- संसद में आज: महाराष्ट्र के अलावा कहीं नहीं हुई प्रवासी श्रमिकों की मौत
- स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए फायदेमंद है भारत का आहार संबंधी दिशानिर्देश
- डिब्बा बंद खाने पर लिखा हो साफ-साफ, क्या और कितना खराब है: सीएसई
- 80 के दशक से शुरू हुआ था ग्रीनलैंड की बर्फ का नुकसान होना
- क्या दृष्टि दोष और मृत्युदर में है कोई सम्बन्ध, शोध में आया सामने
- आठ मार्च, महिला दिवस और उसके बाद... संघर्ष अभी जारी है
- इस जंगल में नंगे पैर घूमे, पेड़ों को लगाएं गले तो हो जाएंगे स्वस्थ
- कोविड-19 के कारण 2030 तक बाल विवाह के खतरे में होंगी 1 करोड़ अतिरिक्त लड़कियां
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- अगर ये चीजें खा रहे हैं आप तो हो सकते हैं मोटापा, बीपी, डायबिटीज के शिकार
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एसओई 2021: गरीबी दूर करने के लक्ष्य से जुड़े मनरेगा
अति गरीब आबादी वाले राज्यों में मनरेगा की भूमिका अहम है, जहां इसका दायरा बढ़ाने की जरूरत है
बजट 2021-22 : मनरेगा के बजट में 34 फीसदी गिरावट, बढ़ा सकता है ग्रामीण रोजगार का संकट
लॉकडाउन के दौरान गांव में बेरोजगारी को कम करने व भूख शांत करने का बड़ा जरिया मनरेगा बनकर उभरा था, भारी मांग के बावजूद बजट में कमी की गई ...
कोरोना आपदा: 21वें साल में क्या उत्तराखंड लिखने जा रहा है नई इबारत
पलायन आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, लगभग 71 फीसदी प्रवासियों ने उत्तराखंड में अपनी आजीविका के साधन ढूंढ़ लिए हैं
मनरेगा: केवल 2 फीसदी परिवारों को मिला 100 दिन का काम
केंद्र से मिली राशि का लगभग 91 फीसदी खर्च हो चुका है और अब तक औसतन एक परिवार को 38 दिन का काम मिला है
संसद में आज: राजस्थान ने मनरेगा के तहत सबसे अधिक दिनों तक लोगों को रोजगार दिया
संसद के दोनों सदनों में 23 सितंबर 2020 को महत्वपूर्ण सवालों के जवाब, यहां पढ़ें-
संसद में आज: मनरेगा के तहत रोजगार में 52.11 प्रतिशत वृद्धि
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर ने संसद को लॉकडाउन के बाद मनरेगा योजना से संबंधित जानकारी दी
मनरेगा मजदूरों का 1200 करोड़ रुपया फंसा, काम के बाद भी भुगतान रद्द
मनरेगा में मजदूरी करने के बाद भी आधार या बैंक खाते की जानकारी सही न होने के कारण भुगतान रद्द हो जाता है
मनरेगा: लॉकडाउन में 1.55 करोड़ लोगों को नहीं मिला काम, नहीं मिला कोरोना राहत पैकेज
स्वयंसेवी संगठन पीपुल्स एक्शन फॉर इम्प्लायमेंट जनरेशन गारंटी ने मनरेगा पर अपनी रिपोर्ट जारी की