सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर रोजाना 700 ट्रक लघु खनिज के अवैध खनन का आरोप, एनजीटी ने गठित की जांच समिति

एनजीटी की पीठ ने संयुक्त जांच समिति से दो महीनों के भीतर जांच और कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है। 

By Vivek Mishra
Published: Thursday 03 August 2023
सरयू नदी का किनारा, फोटो : विकीमीडिया कॉमन्स, प्रतीकात्मक

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए अवैध खनन की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया है। पीठ ने कहा है कि दो महीनों के भीतर संयुक्त जांच समिति अपनी तथ्यात्मक और एक्शन टेकेन रिपोर्ट ट्रिब्यूनल में जमा करे। 

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में राजाराम सिंह नाम के याचीकर्ता की ओर से एक याचिका दाखिल कर आरोप लगाया गया है कि बृजभूषण सिंह के जरिए गोंडा जिले में  तहसील तरबगंज के मजहरत, जैतपुर, नवाबगंज,  गांव से अवैध तरीके से निकाले गए रोजाना करीब 700 ओवरलोडेड ट्रक लघु खनिज का ट्रांसपोर्टेशन और अवैध बिक्री किया जा रहा है।

याचिका में आरोप है कि करीब 20 लाख क्यूबिक मीटर क्षेत्र में लघु खनिज का अवैध खनन किया जा रहा है, जिसका स्टोरेज होता है और बाद में अवैध तरीके से बेच दिया जाता है। इससे सरयू नदी को बड़ा नुकसान हो रहा है। वहीं, बड़ी तादाद में ओवरलोडेड ट्रक के रोजाना आवागमन से पटपड़ गंज ब्रिज और सड़क को नुकसान पहुंच रहा है। 

जस्टिस अरुण कुमार त्यागी ने कहा कि पहली नजर में याचिका में लगाए गए आरोप पर्यावरण से संबंधित सवाल खड़े करते है जो कि एनजीटी कानून, 2010 की अनुसूची 1 में निर्दिष्ट अधिनियमों के कार्यान्वयन से संबंधित हैं।

एनजीटी ने कहा "हम मानते हैं कि इस मामले में एक संयुक्त समिति गठित हो जो इन तथ्यों का सत्यापन करे और उचित उपचारात्मक कदम उठाए। इसलिए हम एक संयुक्त समिति गठित करते हैं जिसमें केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा, उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गोंडा के जिलाधिकारी शामिल हों।"

पीठ ने कहा संयुक्त समिति के सभी सदस्य एक हफ्ते में मुलाकात करें और साइट पर जाकर याचीकर्ता के आरोपों को जांचे।  साथ ही परियोजना प्रस्तावक को भी उनका पक्ष रखने का मौका दिया जाए। 

पीठ ने कहा कि समिति सस्टेनबल सैंड माइनिंग मैजनेमेंट गाइडलाइंस 2016 और इन्फोर्समेंट एंड मॉनिटरिंग गाइडलाइंस फॉर सैंड माइनिंग, 2020 के पालन को भी जांचे।  पीठ ने कहा कि सरयू नदी और जिस जगह  क्षति हुई है उसके उपचार को लेकर भी समिति निर्णय ले। 

पीठ ने संयुक्त समिति से दो महीनों के भीतर जांच और कार्रवाई रिपोर्ट जमा करने का आदेश दिया है। 

इस मामले में राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड नोडल एजेंसी होगा।  इस मामले की अगली सुनवाई 7 नवंबर, 2023 को होगी। 

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