ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स 2020: बेंगलुरु और शिमला एक नंबर, श्रीनगर व मुजफ्फरपुर फिसड्डी

केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय ने शहरों में जीवन की गुणवत्ता के आधार पर रैकिंग जारी की

By DTE Staff
Published: Thursday 04 March 2021
10 लाख से कम आबादी वाली श्रेणी में शिमला पहले स्थान पर रहा। फोटो: सीएसई

एक ऑनलाइन आयोजन में ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स 2020 और नगर पालिका कार्य निष्पादन सूचकांक (एमपीआई) 2020 की अंतिम रैंकिंग जारी की गई। इसकी दो श्रेणियां थी। पहली श्रेणी दस लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की थी, जबकि दूसरी में 10 लाख से कम आबादी वाले शहरों को शामिल किया गया था।

10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में बेंगलुरु सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले शहर के रूप में उभरा, इसके बाद पुणे,  अहमदाबाद, चेन्नई, सूरत, नवी मुंबई, कोयंबटूर, वडोदरा, इंदौर और ग्रेटर मुंबई का स्थान रहा। 10 लाख से कम आबादी वाली श्रेणी में शिमला ईज ऑफ लिविंग में सर्वोच्च स्थान पर रहा, इसके बाद भुवनेश्वर, सिलवासा, काकीनाडा, सलेम, वेल्लोर, गांधीनगर, गुरुग्राम, दावणगेरे, और तिरुचिरापल्ली रहे।

इसी प्रकार एमपीआई 2020 के तहत मूल्यांकन ढांचे में जनसंख्या के आधार पर नगरपालिकाओं को दस लाख से अधिक जनसंख्या वाली नगरपालिका और 10 लाख से कम आबादी वाले नगरपालिकाओं में श्रेणीबद्ध किया गया है। इंदौर सबसे अधिक रैंक वाली नगरपालिका के रूप में उभरा है, इसके बाद सूरत और भोपाल का स्थान रहा है। दस लाख से कम आबादी वाली श्रेणी में, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद शीर्ष स्थान पर रही, इसके बाद तिरुपति और गांधीनगर का स्थान रहा।

एमपीआई द्वारा 111 नगरपालिकाओं (दिल्ली का अलग से एनडीएमसी और 3 नगर निगमों के लिए मूल्यांकन किया गया) की पाँच वर्टिकलों में क्षेत्रवार किए गए प्रदर्शन की जांच की गई। इन पांच वर्टिकलों में कुल मिलाकर 20 क्षेत्र और 100 संकेतक शामिल हैं। एमपीआई के तहत पाँच वर्टिकल हैं- सेवाएँ, वित्त, नीति, प्रौद्योगिकी और शासन।

ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स (ईओएलआई) में शहरी जीवन की गुणवत्ता और शहरी विकास के लिए विभिन्न पहलों के प्रभाव का आकलन किया गया। यह जीवन की गुणवत्ता, शहर की आर्थिक क्षमता, स्थिरता और लचीलापन के आधार पर देश भर के प्रतिभागी शहरों की व्यापक समझ उपलब्ध कराता है। इस मूल्यांकन में सिटीजन पर्सेप्शन सर्वे (सीपीएस) के माध्यम से नगर के प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई सेवाओं के बारे में नागरिकों के विचार भी शामिल हैं।

 नगरपालिका कार्य प्रदर्शन सूचकांक (एमपीआई) को ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स के सहायक के रूप में लॉन्च किया गया था। यह सेवाओं, वित्त, नीति, प्रौद्योगिकी और शासन के सभी क्षेत्रों में नगरपालिकाओं में स्थानीय शासन प्रणाली की जांच करता है। यह स्थानीय शासन प्रणाली में जटिलताओं का सरलीकरण और मूल्यांकन करने के साथ-साथ पारदर्शिता और जवाबदेही के लोकाचार को भी बढ़ावा देता है।

 दोनों सूचकांक का मकसद शहरी जीवन के विभिन्न मापदंडों के बारे में पूरे देश के शहरों के कार्य प्रदर्शन का पता लगाना था। 

ईज ऑफ लिविंग इंडेक्स (ईओएलआई)

      ईओएलआई 2020 इस सूचकांक में सिटीजन पर्सेप्शन सर्वे के साथ ढांचे को मजबूती देते हुए अपने दायरे को मजबूत बनाता है। इस सर्वेक्षण का भारांक 30 प्रतिशत रखा जाता है। इसलिए, यह उन परिणामों की जांच करता है, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और आश्रय, डब्ल्यूएएसएच और एसडब्ल्यूएम, गतिशीलता, रक्षा और सुरक्षा, मनोरंजन, आर्थिक विकास का स्तर, आर्थिक अवसर, पर्यावरण, ग्रीन स्पेस और भवन, ऊर्जा खपत, और शहर का लचीलापन जैसी 13 श्रेणियों में जीवन की गुणवत्ता, आर्थिक क्षमता, स्थिरता के स्तंभों माध्यम से मौजूदा जीवन की स्थिति को बढ़ावा देने वाले परिणामों की जांच करता है। इन श्रेणियों का समग्र परिणाम में 70 प्रतिशत योगदान है।

      सिटीजन पर्सेप्शन सर्वे (सीपीएस) को सेवा की आपूर्ति के संदर्भ में अपने शहर के नागरिकों के अनुभव को मान्यता देने में मदद के लिए शुरू किया गया था। यह मूल्यांकन 16 जनवरी, 2020 से 20 मार्च, 2020 तक आयोजित किया गया था। इस सर्वेक्षण में 111 शहरों के कुल 32.2 लाख नागरिकों ने भाग लिया। भुवनेश्वर का सीपीएस स्कोर सबसे अधिक था, उसके बाद सिलवासा, दावणगेरे, काकीनाडा, बिलासपुर और भागलपुर का स्थान रहा।

 दोनों सूचकांकों के तहत https://eol.smartcities.gov.in पर रैंकिंग ऑनलाइन देखी जा सकती है।

 

Subscribe to Weekly Newsletter :