मिजोरम, बिहार, पंजाब, मेघालय और झारखंड में सड़क हादसों की गंभीरता राष्ट्रीय औसत से दोगुनी

2020 में 100 हादसों में औसतन 36 लोगों की मृत्यु हुई थी जो 2021 में बढ़कर 37.3 यानी अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई

By Bhagirath
Published: Thursday 05 January 2023
Credit: Istock/Prabhasroy

भारत में साल दर साल सड़क हादसों की गंभीरता बढ़ती जा रही है। 2000-2021 के बीच 22 वर्षों के दौरान यह 20.2 से बढ़कर 37.3 यानी लगभग दोगुनी हो गई है। हादसों की गंभीरता प्रति 100 हादसों में होने वाली मृत्यु से तय की जाती है। 2020 में 100 हादसों में औसतन 36 लोगों की मृत्यु हुई थी जो 2021 में बढ़कर 37.3 यानी अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। यह जानकारी सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी हुई रिपोर्ट “रोड एक्सीडेंट इन इंडिया 2021” में सामने आई है।

मिजोरम की हालत सबसे खराब

रिपोर्ट के अनुसार, पांच राज्यों में हादसों की गंभीरता राष्ट्रीय औसत 37.3 से दोगुनी से अधिक है। ये राज्य मिजोरम, बिहार, पंजाब, मेघालय और झारखंड हैं जहां हादसों की गंभीरता क्रमश: 81, 80, 78, 76 और 74 रही। इन पांच राज्यों के अतिरिक्त 16 राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों में हादसों की गंभीरता राष्ट्रीय औसत से अधिक है। उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश और दादरा व नगर हवेली में यह 50 से अधिक है। रिपोर्ट के अनुसार 60 प्रतिशत राज्यों में हादसों की गंभीरता राष्ट्रीय औसत से अधिक है।

इस मामले में गोवा और नागालैंड की स्थिति सबसे बेहतर है जहां 100 हादसों में केवल 8 व 7 लोगों की ही जान गई। मध्य प्रदेश, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना में वर्ष 2021 में सबसे ज्यादा हादसे और मृत्यु हुई, लेकिन इन राज्यों में हादसों की गंभीरता राष्ट्रीय औसत से कम रही।

वाहनों का घनत्व 47 गुणा बढ़ा

रिपोर्ट के आंकड़ों के मुताबिक, 1970 में वाहनों का घनत्व (प्रति किलोमीटर सड़क पर वाहनों की संख्या) 1 था जो 2019 में 47 हो गया। इस अवधि में भारत की आबादी करीब 54 करोड़ से बढ़कर 132 करोड़ हो गई है। दूसरे शब्दों में कहें तो आबादी करीब ढाई गुणा बढ़ी लेकिन वाहनों के घनत्व में 47 गुना इजाफा हो गया। इसी तरह 1970 में कुल 1401 पंजीकृत वाहनों की संख्या 2021 में बढ़कर 32.6 करोड़ हो गई। साथ ही सड़क हादसों में मृत्यु का जोखिम (एक लाख की आबादी पर मृतकों की संख्या) भी 2.7 से बढ़कर 11.6 हो गया।  

अन्य सड़कों पर सबसे अधिक हादसे और मृत्यु

रिपोर्ट के अनुसार 2021 में 4,12,432 सड़क हादसे और 1,53,972 लोगों की मृत्यु हुई। इनमें से 31.2 प्रतिशत हादसे राष्ट्रीय राजमार्गों, 23.4 प्रतिशत हादसे राज्य राजमार्गों और सर्वाधिक 45.4 प्रतिशत हादसे अन्य सड़कों पर हुए। इसी तरह 36.4 प्रतिशत मृत्यु राष्ट्रीय राजमार्गों, 24.7 प्रतिशत मृत्यु राज्य राजमार्गों और सर्वाधिक 39 प्रतिशत मृत्यु अन्य सड़कों पर हुईं। 2020 के मुकाबले 2021 में राष्ट्रीय राजमार्गों में हादसों में 10.58 प्रतिशत वृद्धि हुई और मृतकों में 16.72 प्रतिशत की इजाफा हुआ।

राज्य राज्यमार्गों में 6.2 प्रतिशत हादसे बढ़े और 14.53 प्रतिशत मृतकों की संख्या में इजाफा हुआ। इसी तरह अन्य सड़कों में इस अवधि के दौरान हादसों में सर्वाधिक 17.84 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और मृतकों में भी 18.62 प्रतिशत का इजाफा हुआ। ये आंकड़े बताते हैं हादसों और मृतकों के मामले में अन्य सड़कें अधिक खतरनाक साबित हो रही हैं। 

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