रोज 527 कैलोरी भोजन बर्बाद कर देता है हर इंसान

यदि इंसान खाने की इस बर्बादी को रोक दे तो दुनिया के 82 करोड़ लोग जो भुखमरी का सामना कर रहें हैं, उन्हें खाली पेट नहीं सोना पड़ेगा

By Lalit Maurya
Published: Thursday 13 February 2020

भारत में शादी और पार्टी में यदि खाना अच्छा न हो तो दावत पूरी नहीं होती। पर दावत के बाद न जाने कितनी प्लेटों में वो शानदार खाना बचा रहता है क्या कभी आपने उसका अनुमान लगाया है। क्या कभी सोचा है जो खाना आप और हम बर्बाद कर रहें है उससे किसी और का पेट भी भर सकता है। आज खाना बर्बाद करना हमारी एक आदत बनता जा रहा है। हमारी इस आदत के चलते न जाने कितने लोगों को हर रोज भूखा सोना पड़ता है। अनुमान है कि धरती पर हर इंसान प्रतिदिन 527 कैलोरी* भोजन बर्बाद कर देता है। जबकि विडम्बना देखिये दुनिया में आज भी करीब 82 करोड़ लोगों को भरपेट भोजन नहीं मिल पाता। जबकि पांच साल से कम उम्र के 45 फीसदी बच्चों की मृत्यु के लिए कुपोषण जिम्मेदार है। गौरतलब है कि इससे पहले एफएओ ने 2015 में व्यक्ति प्रति दिन 214 कैलोरी भोजन बर्बाद होने का अनुमान लगाया था। जबकि डच शोधकर्ताओं के अनुसार इससे दोगुने से भी ज्यादा भोजन बर्बाद हो जाता है। इस सन्दर्भ में उनके द्वारा किया गया अध्ययन जर्नल प्लोस में प्रकाशित हुआ है। यदि भोजन की यह बर्बादी रोक दी जाये तो शायद दुनिया में कोई भी भूखा नहीं सोयेगा | भोजन की इस बर्बादी को रोककर न केवल हम करोड़ों भूखे लोगों का पेट भर सकते हैं, बल्कि इसकी मदद से पर्यावरण पर पड़ रहे दबाव को भी कम कर सकते हैं। 

इस बर्बादी को रोककर अपने खर्चों पर भी लगाम लगा सकते हैं आप

यह अध्ययन नीदरलैंड के वैगनिंगन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है। जिसके लिए उन्होंने एफएओ, विश्व बैंक और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जारी आंकड़ों का उपयोग किया है। अध्ययन के अनुसार जैसे-जैसे इंसान समृद्ध होता जाता है, उसके द्वारा भोजन की बर्बादी भी बढ़ती जाती है। शोधकर्ताओं के अनुसार खाना बर्बाद करना ऐसा ही है जैसे आप अपने पैसों को कूड़ेदान में फेंक रहें हों। खाद्य पदार्थों की इस बर्बादी को कम करके उपभोक्ता अपने पैसों की बर्बादी को तो रोक ही सकते हैं। साथ ही धरती को बचाने में भी मदद कर सकते हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार दुनिया भर में हो रहे ग्रीनहाउस गैसों के 10 फीसदी उत्सर्जन के लिए नष्ट और बर्बाद हो रहे भोज्य पदार्थ जिम्मेदार हैं। इस बर्बादी को रोककर हम जलवायु परिवर्तन पर भी कुछ हद तक लगाम लगा सकते हैं। अब तक यही माना जाता था कि भोजन की बर्बादी केवल अमीर देशों की समस्या है, लेकिन यह समस्या भारत जैसे विकाशील देशों में भी तेजी से बढ़ती जा रही है।

इस बर्बादी को रोकना कोई मुश्किल काम नहीं है। बस इसके लिए हमें अपनी आदत बदलनी होगी। अपनी प्लेट में उतना ही भोजन लें जितना हम खा सकते हैं। उतना ही खरीदें जितना हमारे लिए पर्याप्त है। बेवजह के खाद्य पदार्थों को जमा करना बंद कर दें। इस भोजन के महत्त्व को समझें। यह इंसान के लिए सबसे जरुरी चीजों में से एक है। तो अगली बार जब भी आप अपनी थाली में खाना बाकी छोड़ें तो इस बात का भी ध्यान रखें कि कहीं इसी खाने की कमी की वजह से कोई भूखा सोने को मजबूर है।  

*कैलोरी एक इकाई है जिससे ऊर्जा को मापा जाता है। आमतौर पर खाद्य और पेय पदार्थों की ऊर्जा को मापने के लिए कैलोरी का उपयोग किया जाता है।

 

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