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- साल 2060 तक दुनिया की जीडीपी को हो सकता है 24.7 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान, वैज्ञानिकों ने बताई वजह
- बडगाम में अवैध खनन में शामिल दो खनिकों पर एनजीटी ने लगाया लाखों का अंतरिम मुआवजा
- भारत में गर्म हुई सर्दियां और गायब हुआ बसंत, राज्यवार विश्लेषण के बाद जारी हुई रिपोर्ट
- छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल व झारखंड में भारी बारिश का अलर्ट, इन हिस्सों में गिर सकते हैं ओले
- मेघालय के बर्नीहाट में लगातार तीसरे दिन जानलेवा रहा प्रदूषण, 14 शहरों में दमघोंटू हुए हालात
- जलवायु परिवर्तन के साथ हिमालय में सिकुड़ रहा भौंरों का आवास
- साक्षात्कार: समय पर पहचान, बचेगी फसलों की जान
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- अगर ये चीजें खा रहे हैं आप तो हो सकते हैं मोटापा, बीपी, डायबिटीज के शिकार
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भोजन कैसे उगाया जाए, इस पर फिर से सोचने की जरूरत
हमें इस बात पर चर्चा करने की जरूरत है कि खेती की लागत कम रखकर भी किसानों का मुनाफा कैसे सुनिश्चित किया जाए
आवरण कथा: देसी किस्मों और जंगली प्रजातियों से ही बची है उम्मीद
अगर भारत को कुपोषण, सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी और रोगों से बचना है तो पैदावार के साथ-साथ पोषण को भी प्राथमिकता देनी होगी
आवरण कथा: गेहूं चावल की पैदावार तो बढ़ी, लेकिन साथ ही जहरीले तत्व भी बढ़ गए
अनाज की पैदावार बढ़ाने के लिए पौधे कुछ खास पोषक तत्वों को बहुत ज्यादा मात्रा में ले रहे हैं। उसी रास्ते से हानिकारक तत्व भी पौधे के तने तक ...
आवरण कथा: क्या हरित क्रांति ने भारत की पोषण सुरक्षा को कमजोर किया, कौन से खनिज की मात्रा हुई कम
देश में जब कम ऊंचाई वाली ऊंची पैदावार वाली फसलें लाई गईं, तो अनाज में मिनरल की मात्रा कम हो गई
आवरण कथा: अनाज से गायब हुए पोषक तत्व, अब शरीर को पहुंचा रहे हैं नुकसान
पहली बार भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के वैज्ञानिकों ने इन आधुनिक किस्मों के गेहूं और चावल के पोषण मूल्य को जांचा है
नहीं मिला भोजन, भूख से आदिवासी चाय बागान मजदूर की मौत
स्वतंत्र मजदूर संगठनों की तरफ से गठित फैक्ट-फाइंडिंग टीम ने अपनी जांच में पाया कि उक्त आदिवासी चाय बागान मजदूर और उनकी पत्नी को जन वितरण प्रणाली से खाद्यान ...
काबू में नहीं आ रही महंगाई तो चावल व्यापारियों की कसी नकेल
चुनावी वर्ष में खाद्य वस्तुओं की कीमतों को काबू करने और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने के लिए सरकार कई कदम उठा रही है
गेहूं-मक्के की कीमतों में गिरावट के चलते 35 महीनों के निचले स्तर पर पहुंचा खाद्य मूल्य सूचकांक
आंकड़ों के मुताबिक वैश्विक स्तर पर मोटे अनाज का उत्पादन भी बढ़कर 152.3 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है