कुपोषण: भारत में कब बदलेंगे हालात

आजादी के 72 साल बाद आज भी भारत में 94 फीसदी नौनिहालों को नहीं मिलता पोषक आहार, जबकि विडम्बना देखिये 58 फीसदी आज भी भरपेट नहीं सोते

By Lalit Maurya
Published: Friday 08 November 2019


किसी देश का भविष्य कैसा होगा, यह उसके बच्चों के भविष्य पर निर्भर होता है। पर जब विकास का आधार ही कुपोषित हो तो सोचिये वह देश के भविष्य में कितना योगदान देगा। सोचिये क्या होगा, जब देश के लगभग 58 फीसदी नौनिहालों (6 से 23 माह के बच्चों) को पूरा आहार ही न मिलता हो और जब 79 फीसदी के भोजन में विविधता की कमी हो। कैसे पूरे होंगे, उनके सपने जब लगभग 94 फीसदी के भोजन में विकास के लिए जरुरी पोषक तत्वों ही न हो। यह दुखद और चिंताजनक आंकड़ें भारत सरकार द्वारा किये गए राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण (2016 - 18) में सामने आये हैं, जिसमें देश के बच्चों और उनके पोषण पर एक व्यापक अध्ययन किया गया है। आइये, राज्यवार तरीके से जानते हैं, देश में क्या है स्थिति? और अभी स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में हमें कितना और विकास करना बाकि है। इस इन्फोग्राफिक में सिर्फ 6 से 23 माह के बच्चों में पोषण की स्थिति का विश्लेषण किया गया है, उससे अधिक आयु वर्ग के बच्चों का विश्लेषण इसके अगले भाग में किया जायेगा ।

 


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