वाराणसी-झांसी सहित देश के 13 शहरों में बेहतर बनी हुई है हवा, जानें कहां है खराब

आंकड़ों के मुताबिक देश में बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 360 पर पहुंच गया है।

By Lalit Maurya
Published: Thursday 29 February 2024

देश में वाराणसी-झांसी सहित 13 शहरों में हवा बेहतर बनी हुई है, जहां वायु गुणवत्ता का स्तर 50 या उससे नीचे बना हुआ है। हालांकि कल के आंकड़ों से तुलना करें तो देश में बेहतर हवा वाले शहरों की संख्या में 43 फीसदी की गिरावट आई है। गौरतलब है कि जहां बेहतर वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या कल 23 थी वो आज घटकर 13 रह गई है।

बता दें कि देश में वाराणसी की हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 28 दर्ज किया गया है। इसी तरह कल के मुकाबले संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। जहां कल 123 शहरों में वायु गुणवत्ता सन्तोषजनक थी वहीं आज यह आंकड़ा घटकर 119 रह गया है। वहीं मध्यम वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या बढ़कर 105 पर पहुंच गई है।

आंकड़ों के मुताबिक देश में बर्नीहाट की हवा सबसे ज्यादा खराब है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक बढ़कर 360 पर पहुंच गया है। मतलब की वहां हवा जानलेवा बनी हुई है। इसी तरह देश के आठ शहरों अगरतला, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, कोटा, मंडी गोबिंदगढ़, नलबाड़ी, श्रीगंगानगर और वापी में प्रदूषण से हालात दमघोंटू हैं।

कुल मिलकर देखें तो देश में बड़े शहरों की तुलना में छोटे शहरों में स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। दिल्ली की बात करें तो प्रदूषण में छह अंकों की बढ़ोतरी हुई है जिसके बाद दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक 147 पर पहुंच गया है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 29 फरवरी 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 246 में से 13 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 119 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) थी, गौरतलब है कि 28 फरवरी 2024 यह आंकड़ा 123 दर्ज किया गया था। 105 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

कोटा-हनुमानगढ़ सहित आठ शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू (201-300 के बीच) रहा। वहीं बर्नीहाट (360) में स्थिति जानलेवा बनी हुई है। । 

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स छह अंक बढ़कर 147 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 137, गाजियाबाद में 103, गुरुग्राम में 145, नोएडा में 115, ग्रेटर नोएडा में 181 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 165 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 96, चेन्नई में 77, चंडीगढ़ में 142, हैदराबाद में 76, जयपुर में 114 और पटना में 139 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 13 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट 42, चामराजनगर 47, झांसी 50, कडपा 42, मदिकेरी 44, मैहर 50, राजगीर 47, रामनगर 47, सिलचर 50, थूथुकुडी 48, तुमकुरु 36, वाराणसी 28, और यादगीर 49 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अजमेर, अलवर, अमरावती, अंबाला, अमरावती, अनंतपुर, अंकलेश्वर, अरियालूर, आरा, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बागपत, बरेली, बाड़मेर, बठिंडा, बेलगाम, बेंगलुरु, भागलपुर, भिलाई, भिवानी, बीदर, बिहारशरीफ, बिलासपुर, ब्रजराजनगर, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, चुरू, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, धारवाड़, एलूर, फिरोजाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गोरखपुर, हापुड़, हसन, हावेरी, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जैसलमेर, जलना, जींद, कैथल, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करनाल, कारवार, काशीपुर, खन्ना, खुर्जा, कोच्चि, कोलार, कोल्लम, कोप्पल, कोरबा, कुरूक्षेत्र, लखनऊ, मांडीखेड़ा, मानेसर, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नाहरलगुन, नांदेड़, नारनौल, नासिक, पाली, पलवल, पंचकुला, पानीपत, परभनी, पटियाला, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायचुर, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, रामनाथपुरम, ऋषिकेश, रोहतक, सागर, सहरसा, सांगली, सतना, सवाई माधोपुर, शिवमोगा, सीकर, सिरसा, शिवसागर, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, त्रिशूर, तिरुपति, तुमिडीह, उडुपी, विजयवाड़ा, वृंदावन और यमुनानगर आदि 119 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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