बर्नीहाट-मंडी गोबिंदगढ़ में जानलेवा हुआ प्रदूषण, आठ शहरों में दमघोंटू हुई स्थिति

देश में अगरतला, अंगुल, गुवाहाटी, हनुमानगढ़, जलगांव, नगांव, नलबाड़ी और रूपनगर में वायु गुणवत्ता 'खराब' है।

By Lalit Maurya
Published: Saturday 09 March 2024

बड़े शहरों को पीछे छोड़ बर्नीहाट-मंडी गोबिंदगढ़ में प्रदूषण का स्तर जानलेवा स्तर पर पहुंच गया है। इन दोनों शहरों में वायु गुणवत्ता 300 के पार है। इसी तरह देश के आठ शहरों में स्थिति दमघोंटू बनी हुई है। इन शहरों में अगरतला (226), अंगुल (211), गुवाहाटी (203), हनुमानगढ़ (251), जलगांव (214), नगांव (201), नलबाड़ी (236) और रूपनगर (260) शामिल हैं। कुल मिलाकर देखें तो बड़े शहरों को पीछे छोड़ छोटे शहरों में प्रदूषण से स्थिति कहीं ज्यादा खराब है। कल के मुकाबले देखें तो खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि कल 'खराब' वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या छह दर्ज की गई थी।

वहीं दूसरी तरफ देश में वाराणसी में हवा सबसे ज्यादा साफ है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 24 दर्ज किया गया है। यदि मंडी गोबिंदगढ़ की तुलना में देखें जो देश का सबसे प्रदूषित शहर है, वहां वाराणसी की तुलना में वायु गुणवत्ता 14 गुना ज्यादा खराब है। इसी तरह देश के 14 शहरों में वायु गुणवत्ता बेहतर बनी हुई है। दूसरी तरफ संतोषजनक वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या में इजाफा हुआ है। आज जारी ताजा आंकड़ों में 121 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक दर्ज की गई है। वहीं कल इन शहरों का आंकड़ा 113 दर्ज किया गया था। दूसरी तरफ देश के 100 शहरों में वायु गुणवत्ता मध्यम श्रेणी की है, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक 101 से 200 के बीच है।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 09 मार्च 2024 को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश के 245 में से 14 शहरों में हवा 'बेहतर' (0-50 के बीच) रही। वहीं 121 शहरों में वायु गुणवत्ता 'संतोषजनक' (51-100 के बीच) है, गौरतलब है कि 08 मार्च 2024 यह आंकड़ा 113 दर्ज किया गया था। 100 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' (101-200 के बीच) रही।

वहीं आठ शहरों अगरतला (226), अंगुल (211), गुवाहाटी (203), हनुमानगढ़ (251), जलगांव (214), नगांव (201), नलबाड़ी (236) और रूपनगर (260) में वायु गुणवत्ता 'खराब' (201-300 के बीच) दर्ज की गई है। दो शहरों बर्नीहाट (304) और मंडी गोबिंदगढ़ (324) में स्थिति जानलेवा है।  

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां वायु गुणवत्ता 'मध्यम' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 11 अंक गिरकर 145 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 188, गाजियाबाद में 100, गुरुग्राम में 174, नोएडा में 106, ग्रेटर नोएडा में 134 पर पहुंच गया है।

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 122 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 80, चेन्नई में 90, चंडीगढ़ में 115, हैदराबाद में 87, जयपुर में 94 और पटना में 137 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 14 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें बागलकोट 46, बरेली 48, बिलासपुर 42, चामराजनगर 47, फिरोजाबाद 48, झांसी 46, कोरबा 50, मदिकेरी 40, मैहर 48, ऊटी 48, राजगीर 45, तुमकुरु 43, वाराणसी 24, और विजयपुरा 39 शामिल रहे।

वहीं आगरा, आइजोल, अकोला, अलवर, अमरावती, अंबाला, अंकलेश्वर, आरा, आसनसोल, औरंगाबाद (बिहार), औरंगाबाद (महाराष्ट्र), बदलापुर, बागपत, बारीपदा, बठिंडा, बेलगाम, भागलपुर, भिलाई, भिवानी, भोपाल, बीदर, बिहारशरीफ, ब्रजराजनगर, चरखी दादरी, चेंगलपट्टू, चेन्नई, छाल, चिकबलपुर, चिक्कामगलुरु, चित्तूर, कोयंबटूर, कुड्डालोर, दावनगेरे, देहरादून, देवास, धारवाड़, डूंगरपुर, एलूर, फतेहाबाद, गडग, गांधीनगर, गंगटोक, गया, गाजियाबाद, गोरखपुर, हापुड़, हुबली, हैदराबाद, इंफाल, इंदौर, जयपुर, जलना, झालावाड़, जींद, कडपा, कैथल, कलबुर्गी, कन्नूर, कानपुर, करनाल, कारवार, काशीपुर, कटिहार, कटनी, खन्ना, खुर्जा, कोच्चि, कोल्लम, कोप्पल, लातूर, लखनऊ, लुधियाना, मांडीखेड़ा, मंगलौर, मंगुराहा, मेरठ, मुरादाबाद, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, मैसूर, नाहरलगुन, नारनौल, नासिक, पाली, पंचकुला, पटियाला, पीथमपुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, पुदुचेरी, पूर्णिया, रायपुर, रायरंगपुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, रामनगर, ऋषिकेश, राउरकेला, सागर, सहरसा, समस्तीपुर, सतना, शिवमोगा, सिलचर, सिरसा, शिवसागर, सूरत, टेंसा, तिरुवनंतपुरम, थूथुकुडी, त्रिशूर, तुमिडीह, उदयपुर, उडुपी, उल्हासनगर, वातवा, वेल्लोर, विजयवाड़ा, विशाखापत्तनम, यादगीर, और यमुनानगर आदि 121 शहरों में वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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