तमाम जतनों के बावजूद दिल्ली में एक बार फिर बढ़ रहा प्रदूषण, ग्रेटर नोएडा में सबसे बदतर हैं हालात

देश में भिवाड़ी, दिल्ली, फरीदाबाद, फतेहाबाद, ग्रेटर नॉएडा, जींद और नॉएडा में स्थिति सबसे बदतर है। वहीं 25 अन्य शहरों में वायु गुणवत्ता जानलेवा बनी हुई है 

By Lalit Maurya
Published: Wednesday 08 November 2023
फोटो साभार :सीएसई

भिवाड़ी, दिल्ली, फरीदाबाद, फतेहाबाद, ग्रेटर नोएडा, जींद और नोएडा में प्रदूषण का स्तर अभी भी गंभीर बना हुआ है, स्थिति इतनी खराब हो चली है कि बढ़ते प्रदूषण के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। आननफानन में दिल्ली सरकार ने कदम जरूर उठाए हैं, लेकिन तमाम पाबंदियों के बावजूद भी प्रदूषण का स्तर घटने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं पिछले दिन के मुकाबले दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में दोबारा बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिसके बाद प्रदूषण का स्तर बेहद खराब से एक बार फिर गंभीर श्रेणी में चला गया है।दिल्ली के कई इलाकों में एयर क्वालिटी सूचकांक 500 तक पहुंच गया है, ऐसा ही कुछ हाल देश के अन्य शहरों में भी है, जहां हवा पूरी तरह जहरीली हो चुकी है। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 08 नवंबर 2023 को जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के 242 में से 38 शहरों में हवा 'बेहतर' रही। वहीं 36 शहरों की श्रेणी 'संतोषजनक' रही जबकि 79 शहरों में वायु गुणवत्ता 'मध्यम' रही। वहीं अलवर-चंडीगढ़ सहित 57 शहरों में प्रदूषण का स्तर दमघोंटू रहा, जबकि हिसार सहित 25 शहरों में प्रदूषण का स्तर जानलेवा हो गया है। वहीं भिवाड़ी (414), दिल्ली (426), फरीदाबाद (425), फतेहाबाद (451), ग्रेटर नोएडा (478), जींद (406) और नोएडा (405) में प्रदूषण का स्तर आपात स्थिति पर बना हुआ है। कुल मिलकर देखें तो 32 शहरों में स्थिति ऐसी हो गई है जैसे वो कोई गैस चैम्बर हैं।

यदि दिल्ली की बात करें तो यहां की वायु गुणवत्ता 'गंभीर' श्रेणी में है, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 31 अंक बढ़कर 426 पर पहुंच गया है। दिल्ली के अलावा फरीदाबाद में इंडेक्स 425, गाजियाबाद में 384, गुरुग्राम में 385, नोएडा में 405, ग्रेटर नोएडा में 478 पर पहुंच गया है। 

देश के अन्य प्रमुख शहरों से जुड़े आंकड़ों को देखें तो मुंबई में वायु गुणवत्ता सूचकांक 131 दर्ज किया गया, जो प्रदूषण के 'मध्यम' स्तर को दर्शाता है। जबकि लखनऊ में यह इंडेक्स 235, चेन्नई में 73, चंडीगढ़ में 201, हैदराबाद में 58, जयपुर में 284 और पटना में 309 दर्ज किया गया।  

देश के इन शहरों की हवा रही सबसे साफ 

देश के जिन 38 शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 50 या उससे नीचे यानी 'बेहतर' रहा, उनमें आइजोल 48, अनंतपुर 42, अरियालूर 17, बागलकोट 37, बेलगाम 47, बेंगलुरु 43, चामराजनगर 38, चिकबलपुर 33, चिक्कामगलुरु 32, चित्तूर 36, दावनगेरे 43, गडग 47, हावेरी 45, होसुर 36, हुबली 43, कडपा 29, कलबुर्गी 41, कांचीपुरम 24, कोलार 48, कोप्पल 40, मदिकेरी 45, मंगलौर 50, मैसूर 34, नाहरलगुन 37, नंदेसरी 50, ऊटी 36, पुदुचेरी 24, रामानगर 36, रामनाथपुरम 28, सांगली 48, शिवमोगा 42, सिलचर 32, श्रीनगर 44, तिरुवनंतपुरम 46, थूथुकुडी 26, वेल्लोर 39, विजयपुरा 35 और यादगीर 32 आदि शामिल रहे।

वहीं अमरावती, बीदर, चेन्नई, दमोह, देहरादून, धारवाड़, एलूर, गांधीनगर, गंगटोक, हसन, हैदराबाद, इंफाल, कन्नूर, करौली, काशीपुर, कोच्चि, कोल्हापुर, कोल्लम, कोरबा, लातूर, नगांव, रायचुर, राजमहेंद्रवरम, राजसमंद, ऋषिकेश, शिलांग, सिलीगुड़ी, शिवसागर, सोलापुर, टेंसा, त्रिशूर, तिरुपति, तुमकुरु, तुमिडीह, वाराणसी, विजयवाड़ा, विजयपुरा, यादगीर आदि 36 शहरों में हवा की गुणवत्ता संतोषजनक रही, जहां सूचकांक 51 से 100 के बीच दर्ज किया गया। 

क्या दर्शाता है यह वायु गुणवत्ता सूचकांक, इसे कैसे जा सकता है समझा?

देश में वायु प्रदूषण के स्तर और वायु गुणवत्ता की स्थिति को आप इस सूचकांक से समझ सकते हैं जिसके अनुसार यदि हवा साफ है तो उसे इंडेक्स में 0 से 50 के बीच दर्शाया जाता है। इसके बाद वायु गुणवत्ता के संतोषजनक होने की स्थिति तब होती है जब सूचकांक 51 से 100 के बीच होती है। इसी तरह 101-200 का मतलब है कि वायु प्रदूषण का स्तर माध्यम श्रेणी का है, जबकि 201 से 300 की बीच की स्थिति वायु गुणवत्ता की खराब स्थिति को दर्शाती है।

वहीं यदि सूचकांक 301 से 400 के बीच दर्ज किया जाता है जैसा दिल्ली में अक्सर होता है तो वायु गुणवत्ता को बेहद खराब की श्रेणी में रखा जाता है। यह वो स्थिति है जब वायु प्रदूषण का यह स्तर स्वास्थ्य को गंभीर और लम्बे समय के लिए नुकसान पहुंचा सकता है।

इसके बाद 401 से 500 की केटेगरी आती है जिसमें वायु गुणवत्ता की स्थिति गंभीर बन जाती है। ऐसी स्थिति होने पर वायु गुणवत्ता इतनी खराब हो जाती है कि वो स्वस्थ इंसान को भी नुकसान पहुंचा सकती है, जबकि पहले से ही बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए तो यह जानलेवा हो सकती है। 

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