संसद में आज: अगस्त में रोजाना कोविड-19 से संबंधित 169 टन कचरा पैदा हुआ

15 सितंबर 2020 को संसद के दोनों सदनों में कोविड-19 सहित कई अहम मुद्दों पर सवाल जवाब हुए

By Madhumita Paul, Dayanidhi
Published: Tuesday 15 September 2020

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में कहा कि सीपीसीबी ने कोविड-19 रोगियों के ट्रीटमेंट, डायग्नोसिस और क्वारंटीन के दौरान उत्पन्न बायोमेडिकल अपशिष्ट की निगरानी, उपचार और निपटान के लिए दिशानिर्देश तैयार किए हैं।

उन्होंने कहा कि इन दिशानिर्देशों को शुरू में 19 मार्च 2019 को जारी किया गया था और इसे लागू करने की स्थिति और तकनीकी मार्गदर्शन के आधार पर इसमें चार बार संशोधन किए गए।

संशोधन संबंधित अंतिम दिशानिर्देश 14 जुलाई 2020 को जारी किए गए थे और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों / प्रदूषण नियंत्रण समितियों के साथ-साथ कोविड-19 ट्रैकिंग ऐप (कोविड19बीडब्ल्यूएमएम) से प्राप्त दैनिक आंकड़ों के अनुसार अगस्त 2020 में कोविड-19 से संबंधित बायोमेडिकल वेस्ट की प्रति दिन औसत मात्रा लगभग 169 टन थी।

भारत में प्रति दस लाख (1 मिलियन) की जनसंख्या पर 55 लोगों की मौत होना बताया गया है, जो दुनिया में सबसे कम है

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने राज्यसभा में कहा कि 12 सितंबर, 2020 तक, भारत में कोविड-19 के कारण कुल 77,472 मौतें हुई हैं हालांकि, भारत में प्रति दस लाख (1 मिलियन) की आबादी में 55 लोगों की मौत होना बताया जा रहा है, जो गंभीर रूप से प्रभावित देशों की तुलना में सबसे कम है।

ग्रामीण भारत में मंदी

वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने राज्यसभा में कहा कि मई के बाद से, कृषि देश के विकास में पुनरजीवन देने का काम कर रही है। 31 अगस्त, 2020 को राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी 2020-21 के अप्रैल-जून (पहली तिमाही) के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के अनुमान के अनुसार, केवल कृषि के सकल मूल्य वर्धित (ग्रॉस वैल्यू एडेड, जीवीए) ने सकारात्मक वृद्धि दिखाई है। जो 2019 की इसी तिमाही में 3.4 प्रतिशत थी, जो ग्रामीण भारत में खपत की अपेक्षाकृत बेहतर संभावनाओं की ओर इशारा करता है।

प्रवासी श्रमिकों के लिए रोजगार को बढ़ावा देने के लिए गरीब कल्याण रोज़गार अभियान

भारत सरकार ने 20 जून, 2020 को गरीब कल्याण रोज़गार अभियान (जीकेआरए) की शुरूआत की है। यह कोविड-19 के प्रकोप के मद्देनजर गांवों में लौटने वाले और इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावित नागरिकों के लिए रोजगार और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देने के लिए है। कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने लोकसभा में कहा कि प्रवासी श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने के लिए एक मिशन के तहत अभियान को लागू किया गया है, जो छह (6) राज्यों बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के प्रवासियों को रोजगार प्रदान करेगा।

लॉकडाउन के कारण बागवानी करने वालों को हुआ नुकसान

कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने लोकसभा में कहा कि लॉकडाउन के कारण फल और फूलों की फसल के नुकसान के बारे में राज्यों से कोई रिपोर्ट नहीं मिली है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, गोवा, कर्नाटक, पंजाब सरकार ने अपने राज्यों में फूलों की खेती के नुकसान पर एक सर्वेक्षण किया है। गोवा सरकार के अनुसार 5.6 हेक्टेयर के क्षेत्र में की गई बागवानी में 45.65 लाख रुपये के नुकसान होना बताया गया है। पंजाब सरकार ने 420 लाख रुपये का नुकसान होने की सूचना दी है। कर्नाटक में फूलों की खेती के तहत 11,685 हेक्टेयर क्षेत्र के नुकसान की सूचना मिली है।

स्वास्थ्यकर्मीयों में कोविड-19 के घातक परिणाम

राज्यसभा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि कोविड-19 से प्रभावित और मर चुके डॉक्टर, नर्स, सहायक कर्मचारी और आशा कार्यकर्ता सहित स्वास्थ्य सेवा कर्मचारियों की संख्या के बारे में केंद्रीय स्तर पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आकड़ों को नहीं रखा गया है। हालांकि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण बीमा पैकेज (पीएमजीकेपी) के तहत राहत पाने वालों के आंकड़ों को राष्ट्रीय स्तर पर रखा जाता है।

राष्ट्रीय स्तर पर पीएमजीकेपी के लिए बनाए गए डेटाबेस के अनुसार कोविड-19 के कारण कम से कम 154 स्वास्थ्य कर्मचारियों की मृत्यु हो गई है।

भारत में कोविड वैक्सीन के विकास की स्थिति

राज्यसभा में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा- हालांकि सरकार और उद्योग जल्द से जल्द कोविड-19 के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वैक्सीन के विकास में शामिल विभिन्न जटिलताओं के मद्देनजर सटीक समयसीमा पर टिप्पणी करना मुश्किल है।

एक वर्ष में उत्तरी हिंद महासागर में आए पांच चक्रवात

विज्ञान और प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने राज्य सभा में कहा कि पिछले तीन वर्षों के दौरान चक्रवातों और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। 1891-2017 के दौरान आंकड़ों के आधार पर, एक वर्ष में औसत 5 चक्रवात उत्तरी हिंद महासागर के ऊपर बनते हैं, जबकि 4 बंगाल की खाड़ी और 1 अरब सागर में बनता है। हालांकि, हाल के दिनों में उत्तरी हिंद महासागर में चक्रवातों के निर्माण की आवृत्ति में वृद्धि देखी गई है। अध्ययन के अनुसार हाल के वर्षों में अरब सागर में गंभीर चक्रवातों की आवृत्ति में भी वृद्धि देखी गई हैं।

 

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