अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए 'खनन प्रहरी' मोबाइल ऐप जारी

ऐप अवैध खनन पर अंकुश लगाने और अंतरिक्ष तकनीक के उपयोग पर ई-गवर्नेंस पहल के रूप में पारदर्शी तरीके से कार्रवाई करने के लिए विकसित किया गया है

By Dayanidhi
Published: Wednesday 15 February 2023

केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने राज्यसभा में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए बताया कि, भारत सरकार ने अवैध कोयला खनन गतिविधियों की रिपोर्ट करने के लिए "खनन प्रहरी" नाम से एक मोबाइल ऐप जारी किया है।

साथ ही एक वेब ऐप भी जारी किया है जो कोयला खदान निगरानी और प्रबंधन प्रणाली (सीएमएसएमएस) में मदद करेगा। इसकी मदद से संबंधित कानून और व्यवस्था लागू करने वालों के द्वारा निगरानी और उस पर उपयुक्त कार्रवाई की जा सकेगी।

सीएमएसएमएस को अवैध खनन पर अंकुश लगाने और अंतरिक्ष तकनीक के उपयोग पर ई-गवर्नेंस पहल के रूप में पारदर्शी तरीके से कार्रवाई करने के लिए विकसित किया गया है। इस सीएमएसएमएस एप्लिकेशन को विकसित करने और जारी करने का उद्देश्य मोबाइल ऐप खनन प्रहरी के माध्यम से नागरिकों की शिकायतों को शामिल करना है।

ताकि अवैध खनन के खिलाफ नागरिकों की भागीदारी का पता लगाया जा सके और लीज-होल्ड कोयला क्षेत्रों में कोयला खनन परियोजना की सीमाओं के भीतर की जा रही, किसी भी प्रकार की अवैध कोयला खनन गतिविधि पर निगरानी और कार्रवाई की जा सके।

यह अवैध कोयला खनन की रिपोर्ट करने के लिए कोयला मंत्रालय का एक मोबाइल ऐप है और किसी भी अवैध कोयला खनन घटना की भू-टैग की गई तस्वीरों के साथ-साथ घटना के स्थान से किसी भी नागरिक के लिए सूचना का एक उपकरण है। जनवरी 2023 तक रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या का राज्यवार विवरण अनुबंध के रूप में निम्नलिखित संलग्न है।

जोशी ने बताया कि देश में अवैध कोयला खनन कार्यों को कम करने के लिए अभी तक निम्नलिखित उपाय किए गए हैं:

इन क्षेत्रों में पहुंच और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए छोड़ी गई या बंद की गई खदानों के मुहाने पर कंक्रीट की दीवारें खड़ी कर दी गई हैं।

संबंधित राज्य सरकार के सुरक्षा कर्मियों और कानून व्यवस्था अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से औचक छापेमारी तथा जांच की जा रही है।

ओवरक्रॉप जोन में ओवरबर्डन की डंपिंग की जा रही है, संवेदनशील स्थानों पर चेक पोस्ट स्थापित के जा रहे हैं।

सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए सुरक्षा अनुशासन में मौजूदा सुरक्षा, सीआईएसएफ कर्मियों का प्रशिक्षण, पुनश्चर्या प्रशिक्षण और नए रंगरूटों का बुनियादी प्रशिक्षण किया जा रहा है।

जोशी ने बताया कि, अवैध खनन के विभिन्न पहलुओं की निगरानी के लिए सीआईएल की कुछ सहायक कंपनियों में विभिन्न स्तरों (ब्लॉक स्तर, अनुमंडल स्तर, जिला स्तर, राज्य स्तर) पर समिति पर टास्क फोर्स का गठन किया गया है।

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