एक ही साथ बाढ़ और सूखा दोनों झेलने के लिए क्यों अभिशप्त है उत्तर बिहार
हिमालय की तराई में हो रही भारी बारिश की वजह से गंडक, बागमती, कमला, कोसी और परमान जैसी उत्तर बिहार की अधिकतर नदियां खतरे ...
बिहार में जलवायु परिवर्तन से निबटेगा क्लाइमेट चेंज डिविजन
जलवायु परिवर्तन के दूरगामी प्रभावों को लेकर बिहार सरकार ने गंभीरता दिखाते हुए पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन विभाग के अंतर्गत पृथक जलवायु परिवर्तन ...
बिहार: सिंचाई के साधन न होने से खेती छोड़ रहे किसान, पलायन को मजबूर हुए युवा
बिहार के गया जिले के एक गांव के किसानों का कहना है कि साल दर साल बारिश कम होती जा रही है और भूजल ...
बिहार में कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर, बाढ़ का खतरा बढ़ा
जलस्तर बढ़ने से बिहार के कई इलाकों में नदियों से कटाव शुरू भी हो चुका है और बाढ़ का खतरा बढ़ता जा रहा है
बारिश और बाढ़ की चपेट में बिहार का इकलौता टाइगर रिजर्व
बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले में स्थित वाल्मिकीनगर टाइगर रिजर्व में जीव जंतु भारी मुश्किल में हैं
बिहार में सूखी 40 से अधिक नदियां, गहराने लगा पानी का संकट
बिहार में पानी का संकट चरम पर पहुंच चुका है, लेकिन यह मुद्दा लोकसभा चुनाव के प्रचार में अपनी जगह नहीं बना पा रहा ...
बिहार: 2019 के बाढ़ पीड़ितों को अब तक नहीं मिला मुआवजा
बिहार के सुपौल जिले के गांवों में बाढ़ से 2019 में नुकसान हुआ था, जिसका मुआवजा अब तक नहीं मिला
बिहार चुनाव परिणाम: तो फिर किन मुद्दों पर लोगों ने दिया वोट
मुद्दों के मामले में बिहार चुनाव परिणाम ने राजनीतिक विश्लेषकों को चौंकाया है, लेकिन जमीन पर इन मुद्दों ने भी काम किया
किसानों को कर्ज के जंजाल में न फंसा दे बिहार का नया फसल चक्र
बिहार के 40 गांवों में नए फसल चक्र की शुरुआत की गई, लेकिन सरकार के इस तरीके पर विशेषज्ञ सवाल उठ रहे हैं। आइए, ...
अंग्रेजों के लिए लंदन था आज का तैरता-डूबता पटना, 100 साल से पहले का जलभराव
आज जहां नालंदा पटना मेडिकल मौजूद है उसी दक्षिण-पूर्वी किनारे पर कभी एक छोटा सा जंगल और छोटी पहाड़ी भी थी, आज की ही ...
बिहार बाढ़: 22 लाख लोगों तक नहीं पहुंच पाई राहत
बाढ़ की आशंका के बावजूद बिहार ओडिशा-केरल जैसे बचाव के इंतजाम नहीं कर पाया, इस बार तो अब तक 9 जिलों में राहत कार्य ...
क्या है बिहार की सालाना बाढ़ का समाधान?
1979 से लेकर अब तक के उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से पिछले 43 वर्षों में एक भी ऐसा साल नहीं गुजरा, जब बिहार में ...
फरक्का बराज: डिजाइन बदलने से निकल जाएगा बाढ़ का समाधान?
फरक्का बराज की संरचना में बदलाव पर बिहार-बंगाल सहमत हो गए हैं, लेकिन इससे क्या गंगा की अविरलता सुनिश्चित हो पाएगी
मॉनसून के बावजूद बिहार में सूखे जैसे हालात, केंद्र ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक
28 जून 2023 तक के बारिश के आंकड़े बताते हैं कि बिहार में सामान्य से 74 फीसदी कम बारिश हुई है
बिहार: खरीफ के बाद अब रबी की फसल खतरे में, खेतों में जमा है पानी
साल 2021 में हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण बिहार के किसानों की मुसीबत कम होने का नाम ही नहीं ले रही है। ...
बिहार चुनाव में क्यों पीछे छूट गए असली मुद्दे
मानव विकास सूचकांक में आखिरी पायदान पर खड़े बिहार में आजीविका, पलायन, खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण जैसे सवालों का पीछे छूट जाना नाउम्मीद करता ...
बिहार चुनाव : जानिए घोषणापत्रों में किस पार्टी ने की सबसे ज्यादा पर्यावरण प्रदूषण की चिंता
बिहार में पहली बार वायु प्रदूषण को चुनावी घोषणा पत्रों में जगह मिली है। न सिर्फ पार्टियों ने इसे जगह दी है बल्कि इसके ...
बिहार चुनाव: न मनरेगा, न गरीब कल्याण रोजगार योजना आई काम
बिहार के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से बेरोजगारी बड़ा मुद्दा है, जबकि पहले से लागू योजनाएं सिरे नहीं चढ़ पाई
चमकी से बच गए तो अब जेई से जूझेंगे बिहार के बच्चे
गया और मगध क्षेत्र के जिलों में हर साल होने वाले जापानी इन्सेफलाइटिस (जेई) का खतरा अभी सिर पर मंडरा रहा है
बिहार में कड़ाके की सर्दी से मगही पान को भारी नुकसान
बिहार के चार जिलों गया, औरंगाबाद, नवादा और नालंदा में 439 हेक्टेयर में मगही पान की खेती की जाती है
बिहार के 84 प्रतिशत किसानों को नहीं मिली पीएम किसान की तीसरी किस्त
बिहार के 10 लाख से ज्यादा किसानों को अब तक दूसरी किस्त और करीब 34 लाख 55 हजार किसानों को अभी तक तीसरी किस्त ...
बिहार: इस बार मॉनसून में क्यों हो रहा इतना वज्रपात?
अब बिहार में भारी बारिश और बिजली गिरने (वज्रपात) की वजह से लोगों की जान जा रही है। बिहार सरकार ने मरने वालों को ...
अब आएगा बौनी कतरनी चावल, किसान हर जगह करेंगे खेती
सरकार के प्रयास से अब जीआई टैग होने के कारण इसकी खेती की पहचान करने में आसानी हो रही है।
कायम हैं हाट के ठाठ
खुदरा बाजार तेजी से संगठित हो रहे हैं। आशंका थी कि इससे ग्रामीण बाजार खतरे में होंगे लेकिन हाट अब भी प्रासंगिक बने हुए ...
बिहार: जिनके नाम पर गांव बसे, वो स्थानीय मछलियां विलुप्त होने की कगार पर पहुंची
शहरीकरण के चलते प्राकृतिक प्रवास के क्षेत्रों में कमी और नदी या तालाब से मुनाफा कमाने की प्रवृत्ति ने स्थानीय मछलियों को खत्म होने ...