सांभर पक्षी त्रासदीः घोषणाओं, वादों के तले दबा बेजुबान पक्षियों की मौत का शोर
पिछले साल नवंबर माह में सांभर झील में एवियन बोट्यूलिज्म बीमारी से 25 से ज्यादा प्रजातियों के लगभग 30 हजार पक्षियों की मौत हो ...
बुझ रही है कुदरत की लालटेन
मौसम के बदलाव का संकेत देने वाले जुगनू जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से खत्म होते जा रहे हैं
इन तस्वीरों में दिख रही प्रजातियों को हम कभी नहीं देख पाएंगे
मनुष्यों ने अपनी हरकतों से दुर्लभ जीवों की बहुत-सी प्रजातियों को हमेशा के लिए खत्म कर दिया है। यह काम हमने मुख्य रूप से ...
जलवायु परिवर्तन के चलते तेजी से बढ़ रही है मछली, उभयचर और सरीसृप जीवों की उम्र
एक तरफ बढ़ते तापमान और हीटवेव के चलते इन जीवों की उम्र तेजी से बढ़ रही है। वहीं दूसरी तरफ इनके शरीर पर भी ...
कानूनी संरक्षण के अभाव में जर्जर हालत में पहुंचे करोड़ों वर्ष पुराने भूस्मारक
भारत सरकार की नई राष्ट्रीय खनिज नीति देखकर लगता है कि अगली पीढ़ी को भूगर्भीय इतिहास से परिचित कराने में सरकार की कोई रुचि ...
प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन एवं संरक्षण में कहां खड़ी हैं महिलाएं
हाल ही में 1,051 शीर्ष लेखकों के पारिस्थितिकी, विकास और संरक्षण शोध में किए गए विश्लेषण में केवल 11 प्रतिशत महिलाएं थीं
बुग्यालों का संरक्षण: पर्यटन और पर्यावरण के बीच तालमेल कितना जरूरी?
उत्तराखंड हाईकोर्ट ने दयारा बुग्याल में 200 से अधिक लोगों के जुटने पर रोक लगा दी है, तब से यह सवाल उठ रहा है ...
यूरोपीय संघ के मेंढकों के आयात से एशिया और पूर्वी यूरोप में इनके अस्तित्व पर मंडराया खतरा: रिपोर्ट
यूरोपीय संघ प्रति वर्ष लगभग 4070 टन मेंढकों के पैरों का आयात करता है, जो लगभग 81 से 20 करोड़ मेंढकों के बराबर है।
2019 विज्ञान की चुनिंदा तस्वीर : घोंघे के 10 समृद्धशाली परिवार से 60 फीसदी विलुप्ति
घोंघा पारिस्थितिकी को बेहतर रखने में बड़ी भूमिका अदा करते हैं। ऐसे में घोंघे के एक प्रजाति की विलुप्ति भी बड़ी हानि है।
डायनासॉर काल में धरती पर मौजूद थीं मधुमक्खियां?
वैज्ञानिकों ने इस बात का पता लगाया है कि विलुप्त हो चुके डायनासॉर के जमाने में भी मधुमक्खियां होती थी और मधुमक्खियां और डायनासॉर तकरीबन ...
सरकार ने बनाई स्टेंडिंग कमेटी, चिलिका झील की तर्ज पर बचेगी सांभर झील
सांभर झील में लगभग 21 हजार पक्षियों की मौत होने के बाद अब सरकार ने कई कदम उठाए हैं
उत्तराखंड-हिमाचल की सीमा पर बनी आसन झील में विदेशी पक्षियों ने डाला डेरा
देहरादून से करीब 38 किलोमीटर आगे धालीपुर गांव के पास यमुना नदी और आसन नदी के पास बनी झील में हजारों विदेशी पक्षी अक्टूबर ...
इंसानों के कारण व्यवहार बदल रहे हैं चिम्पांजी
आबादी घटने के साथ ही चिम्पांजी का व्यवहार परिवर्तित हो रहा है। इंसान ही चिम्पांजी के सांस्कृतिक पतन के मूल में हैं
बीता साल, नया साल: शांति सबको पसंद, लेकिन इतनी भी नहीं!
शुरुआत के कुछ दिन, एक बहुत भयभीत करने वाली शान्ति हवा में, जो चित्त को विचलित कर देती और बाहर पुलिस की गाड़ियों की ...
वैज्ञानिकों ने पश्चिमी घाट में खोजी पौधों की 62 प्रजातियां, गंभीर जल संकट का भी कर सकती हैं सामना
वैज्ञानिकों के अनुसार यह प्रजातियां अपने अंदर मौजूद पानी की 95 फीसदी मात्रा के खत्म होने के बाद भी, पानी के दोबारा उपलब्ध होने ...
जलवायु परिवर्तन से अल्पाइन तितलियों की प्रजातियों को हो सकता है नुकसान
शोधकर्ताओं ने ऊंचे क्षेत्रों में रहने वाली (अल्पाइन) तितलियों की प्रजातियों पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का आकलन किया
पर्यावरण की सेहत बताता है कवक-शैवाल से मिलकर बना लाइकन
हमारे आसपास लाइकन उग रहे हैं तो समझिए पर्यावरण की सेहत अच्छी है। यदि नहीं तो हम प्रदूषणवाली हवा में सांस ले रहे हैं।
खतरे में समुद्री मेगाफ्यूना, जैवविविधता को होगा भारी नुकसान
यदि इसी तरह चलता रहा, तो अगले 100 वर्षों में औसतन 18% समुद्री मेगाफ्यूना की प्रजातियों का नुकसान हो सकता है, जिससे पारिस्थितिक कार्यों ...
अब राजस्थान में क्यों मर रहे हैं मोर?
राजस्थान के नागौर जिले की डेगाना तहसील में सोमवार सुबह 26 मोरों की मौत हो गई। साथ ही 7 मोर घायल हुए हैं जिनका ...
अगले 50 सालों में विलुप्त हो जाएंगी एक तिहाई प्रजातियां, जानें क्यों?
तापमान में 0.5 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि करीब आधी स्थानीय प्रजातियों को नष्ट कर देंगी। जबकि 2.9 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि से करीब 95 ...
मौसम का असर, भोपाल में 60 प्रतिशत कम आए प्रवासी पक्षी
विशेषज्ञ मान रहे कि मौसम में उतार-चढ़ाव की वजह से कम संख्या में प्रवासी पक्षी आए हैं, देशभर के 120 पक्षी विशेषज्ञाें ने गिनती की
जल्द नहीं मुरझाएगा यह फूल, वैज्ञानिकों ने विकसित की नई किस्म
भारतीय वैज्ञानिकों ने अब गुलदाउदी की ऐसी किस्म विकसित की है, जो सर्दियों के अंत तक खिली रहेगी
भोपाल के बीचोबीच बचे प्राकृतिक जंगल को खतरा, विरोध के स्वर तेज
भोपाल में विधानसभा भवन के ठीक पीछे प्रस्तावित विधायक आवास की वजह से सैकड़ों पेड़ कटेंगे। शहर के पर्यावरणप्रेमी इस फैसले का विरोध कर ...
60 फीसदी पौधों और जानवरों के विलुप्त होने की वजह हैं विदेशी आक्रामक प्रजातियां: आईपीबीईएस
यह विदेशी आक्रामक प्रजातियां हर साल जैवविविधता के साथ-साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था को 35 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की चपत लगा रही हैं
वैज्ञानिकों ने ग्रेट बैरियर रीफ में काले मूंगों की पांच नई प्रजातियों की खोज की
काले मूंगों को उथले पानी और 26,000 फीट से अधिक की गहराई तक बढ़ते हुए देखा जा सकता है, कुछ मूंगे 4,000 से अधिक ...