विकास या विनाश: नदी मुहानों को लील रहा इंसानी लालच, 35 वर्षों में ढाई लाख एकड़ क्षेत्र को किया तब्दील
मनुष्यों ने वैश्विक स्तर पर भूमि सुधार और बांधों के निर्माण के नाम पर 44 फीसदी नदी मुहानों को बदल दिया है
खेती और वित्तीय संस्थानों पर जलवायु परिवर्तन किस तरह डालेगा असर, शोधकर्ताओं ने लगाया पता
अध्ययन में पाया गया कि जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक असर खेती पर पड़ता है, जिसकी वजह से खाद्य सुरक्षा को खतरा बन जाता ...
पीपुल्स फॉर हिमालय ने राजनीतिक पार्टियों के लिए जारी किया पांच सूत्रीय मांग पत्र
हिमालय में बढ़ रही आपदाओं पर अंकुश लगाने के लिए भारत के सभी हिमालयी राज्यों के संगठन एकजुट हुए
55 सालों में पौंग बांध विस्थापितों का नहीं हुआ पुनर्वास, नई पॉलिसी ने बढ़ाई चिंता
पौंग बांध एरिया के वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बनने के बाद इसे इको सेंसिटिव जोन बनाने को लेकर केंद्र सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने एक ...
धार बांध रिसाव मामला, फिलहाल खतरा टला, लेकिन सवालों के जवाब बाकी
304 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे इस बांध के निर्माण पर सवाल उठ रहे हैं
उत्तराखंड आपदा: सात दिन के दौरान नहीं बनी कोई झील
उत्तराखंड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र ने सात दिन की मैपिंग की समीक्षा की है
असम बाढ़: हर साल आठ हजार हेक्टेयर भूमि का हो रहा है कटाव
संसदीय समिति को केंद्र ने बताया कि असम और अरुणाचल सरकार को मिल कर हल ढूंढ़ना होगा
नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस: क्या है इतिहास, थीम, महत्व यहां जानें
मीठे या ताजे पानी की प्रजातियों में 1970 के बाद से 83 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है
संसद में आज: उत्तर प्रदेश में हैं सबसे अधिक कुपोषित बच्चे, केंद्र का जवाब
नगरपालिका ठोस अपशिष्ट के प्रसंस्करण जो 2014 में 18 फीसदी से बढ़कर 68 फीसदी हो गया है।
आम जनता के फायदे के लिए दी गई पर्यावरण के नियमों में छूट: सरकार
पर्यावरण से संबंधित मामलों में सुनवाई के दौरान क्या कुछ हुआ, यहां पढ़ें-
संसद में आज: देश के 230 जिलों में आर्सेनिक व 469 जिलों में फ्लोराइड तय मात्रा से अधिक
देश के 25 राज्यों के 230 जिलों के अलग-अलग हिस्सों में तय सीमा से अधिक आर्सेनिक होने की जानकारी है
हाइड्रो पावर प्रोजेक्टेस से वाटर सेस लेने पर हिमाचल सरकार को झटका, हाईकोर्ट ने बताया 'अवैध'
हाईकोर्ट ने वाटर सेस एक्ट 2023 को गलत ठहराया, पावर प्रोजेक्टस कंपनियों से वसूले गए वाटर सेस की रकम को चार सप्ताह में वापस ...
ग्राउंड रिपोर्ट: अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रही है मोक्षदायिनी क्षिप्रा नदी
क्षिप्रा नदी के लिए राज्य की नई सरकार ने एक योजना की घोषणा की है, लेकिन इस पर भी सवाल उठ रहे हैं
उत्तराखंड: गर्मी में सूखी, बारिश में विकराल गौला नदी पर बन रही जमरानी परियोजना से जुड़े सवाल
उत्तराखंड के हल्द्वानी में गौला नदी पर वर्ष 1975 से प्रस्तावित जमरानी बहुउद्देशीय परियोजना को केंद्र सरकार से बीते सप्ताह मंजूरी मिली है
हिमालय पर संकट: आपदाओं पर अंकुश के लिए पारंपरिक ज्ञान और स्थानीय समुदायों की भागीदारी जरूरी
हिमालयी राज्यों में बढ़ती आपदाओं के मद्देनजर हिमधरा पर्यावरण समूह ने ‘हिमालय में आपदा-निर्माण’ नामक रिपोर्ट जारी की
अल नीनो के कारण दक्षिणी गोलार्ध पर सूखा पड़ने से पूरी दुनिया के जल स्तर में आएगी कमी
भले ही दक्षिणी गोलार्ध में वैश्विक भूमि क्षेत्र का केवल एक चौथाई हिस्सा है, फिर भी उत्तरी गोलार्ध की तुलना में दुनिया भर में ...
उत्तराखंड: क्यों हो रहा है टिहरी बांध के रिम क्षेत्र में बसे गांवों में भूधंसाव
टिहरी बांध का रिम यानी परिधि क्षेत्र 150 किलोमीटर के आसपास है। इस परिधि में दर्जनों गांव बसे हुए हैं
क्या बांध सुरक्षा विधेयक मलसीसर बांध जैसी दुर्घटनाएं रोक सकेगा?
देश में बांधों की सुरक्षा, समुचित निगरानी, निरीक्षण और प्रचालन सुनिश्चित करने के लिए बांध सुरक्षा विधेयक लोकसभा में पेश किया गया।
चुटका परियोजना सहित सभी बड़े बांधों पर पुनर्विचार करे सरकार
भोपाल में देश भर से आए नदी विशेषज्ञों ने दो दिवसीय नदी घाटी विचार मंच कार्यक्रम में नदियों के अस्तित्व पर खतरों और उसके ...
क्या टिहरी बांध की झील के ऊपरी क्षेत्र में पहाड़ी धंस रही है?
ग्रामीणों का कहना है कि पहले आर-पार के जो गांव कभी दिखते नहीं थे, अब दिखने लगे हैं। विशेषज्ञों ने गहन अध्ययन की अपील ...
क्या नई टिहरी की तर्ज पर नया जोशीमठ बसाएगी सरकार, लेकिन कहां?
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने नया जोशीमठ बसाने की मांग की है, लेकिन उत्तराखंड के लगभग 500 गांव पहले से ही इस कतार में ...
बांधों के 50 किमी के दायरे में खत्म हो जाते हैं हरित क्षेत्र, प्रभावित होता है जीवन
शोध में 631 जलविद्युत बांधों का विश्लेषण किया, जो सभी 2001 से बन रहे थे। इनमें अफ्रीका, एशिया, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और दक्षिण अमेरिका ...
तेज आर्थिक विकास में न प्रकृति मायने रखती है और न ही लोग: रवि चोपड़ा
पर्यावरणविद रवि चोपड़ा मानते हैं कि क्षेत्र की पारिस्थितिकी, भूगोल और सांस्कृतिक विशेषताओं के संदर्भ में तीव्र नहीं बल्कि टिकाऊ विकास होना चाहिए
नर्मदा घाटी पर एक और बांध के खिलाफ लोग सड़कों पर उतरे
परियोजना से प्रभावितों ने जिलाधीश से मांग की कि वे हमें बताएं कि इस परियोजना कितने गांव, खेती और जंगल डूबेंगे
चमोली आपदा: चिपको आंदोलन की पीढ़ी बेबस होकर गांवों से करना चाहती है पलायन
चमोली त्रासदी के बाद चिपको आंदोलन की पीढ़ी इन दिनों पहाड़ जैसे दुखों का सामना कर रही है। उसे लग रहा है कि हिमालयी ...