नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस: क्या है इतिहास, थीम, महत्व यहां जानें

मीठे या ताजे पानी की प्रजातियों में 1970 के बाद से 83 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है

By Dayanidhi

On: Tuesday 14 March 2023
 
फोटो साभार : विकिमीडिया कॉमन्स, हेत अंबालिया

नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस, हर वर्ष 14 मार्च को मनाया जाता है। यह एकजुटता के लिए समर्पित एक दिन है, जब दुनिया भर के अलग-अलग समुदाय एक साथ आकर नदियों के महत्व के बारे में बात करते हैं। हर दिन 20 लाख टन सीवेज, औद्योगिक और कृषि अपशिष्ट दुनिया भर में पानी में छोड़े जाते हैं,  यह 6.8 अरब लोगों की पूरी मानव आबादी के वजन के बराबर है। इसलिए अब समय आ गया है कि हम मानवता की भलाई के लिए अपनी नदियों को बचाएं।

हम इस साल नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस की 26वीं वर्षगांठ मना रहे हैं और साथ ही नदियों के रक्षक और आवाज बनने के महत्व पर भी प्रकाश डाल रहे हैं।

सभ्यताएं नदियों के आसपास विकसित हुईं और वे हमारे जीवन और पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए अहम हैं। हालांकि ताजे पानी के पारिस्थितिक तंत्र इतने महत्वपूर्ण हैं, वे दुनिया में सबसे ज्यादा खतरे में हैं। मीठे या ताजे पानी की प्रजातियों में 1970 के बाद से 83 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है, जो कि स्थलीय या समुद्र के भीतर अनुभव की गई दर से दोगुनी है। उन्हें हमारी मदद की जरूरत है, उन्हें हमारी आवाज की जरूरत है। 

नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस का इतिहास

नदियों के लिए कार्रवाई का अंतर्राष्ट्रीय दिवस, नदियों के बारे में लोगों को जागरूक बढ़ाने के लिए बनाया गया एक दिन है। यह दिन नदियों के प्रबंधन, प्रदूषण, और संरक्षण से जुड़े मुद्दों को हल करने से संबंधित है।

अंतर्राष्ट्रीय नदी संगठन के मुताबिक, मार्च 1997 में कूर्टिबा, ब्राजील में बांधों से प्रभावित लोगों की पहली अंतर्राष्ट्रीय बैठक ने बांधों के खिलाफ और नदियों, जल और जीवन के लिए कार्रवाई के अंतर्राष्ट्रीय दिवस को मंजूरी दी।

20 देशों के नदी विशेषज्ञों द्वारा 14 मार्च को 'नदियों के लिए कार्रवाई दिवस' घोषित किया गया था। प्रतिभागियों का उद्देश्य नदियों, जल के अन्य निकायों और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील वाटरशेड क्षेत्रों के क्षरण के खिलाफ एकजुट होना था।

भारत और नदियों के लिए कार्रवाई का अंतर्राष्ट्रीय दिवस

भारत एक ऐसा देश है जहां नदियों की पूजा की जाती है, लेकिन प्रदूषण एक प्रमुख मुद्दा है। गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, महानदी, गोदावरी, नर्मदा, सिंधु और कावेरी जैसी नदियां देवताओं के रूप में पूजनीय हैं। केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय नदी घाटियों में आर्द्रभूमि की बहाली और रखरखाव के साथ-साथ नदी प्रदूषण की इन समस्याओं को को हल करने की बात करता है ।

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, जिसे देश का प्रदूषण प्रहरी खा जाता है, ने पहले ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय से अनुरोध कर चुका है कि वह देश के दूषित नदी क्षेत्रों की सफाई के लिए एक रणनीति तैयार करे।

नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय कार्य दिवस 2023 का थीम या विषय क्या है?

नदियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस 2023 की थीम 'नदियों का अधिकार' है, जो मांग करती है कि नदियों को राष्ट्रीय संपत्ति घोषित किया जाए। इसमें नदियों को कचरे या सीवेज के डंपिंग साइट में जाने से रोकने के कानूनी अधिकार भी शामिल हैं।

हम नदियों पर अंतर्राष्ट्रीय कार्रवाई दिवस क्यों मनाते हैं?

यह एक ऐसा दिन है जो पानी के हमारे जीवनदायी स्रोत को बचाने, जश्न मनाने और अपने आसपास के लोगों को जागरूक करने के लिए समर्पित है। यदि नदियों को आर्थिक उद्देश्यों के लिए संरक्षित और उपयोग करना है, तो एकजुटता महत्वपूर्ण है और लोगों को सीमाओं के पार नदी प्रबंधन के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए।

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