'डाउन टू अर्थ' हिंदी में क्यों
डाउन टू अर्थ, हिंदी पत्रिका को आठ साल पूरे हो चुके हैं। प्रस्तुत है पहले अंक में प्रकाशित पत्रिका की संपादक सुनीता नारायण का ...
भूख और भूख सूचकांक को स्वीकारना जरूरी है!
भूख को जब समग्रता में नहीं देखा जाता है तब तथ्यों को नकारा जाता है। वैश्विक भूख सूचकांक के रिपोर्ट के साथ भी यही ...
अवैध रूप से पकड़ी जा रही करीब 2.6 करोड़ टन मछलियां, दो लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का है व्यापार
दुनिया भर में मतस्य उत्पादन सम्बन्धी अपराधों में से करीब 33 फीसदी के लिए केवल 450 औद्योगिक जहाज और 20 कंपनियां जिम्मेवार थी
भारत की आधी आबादी के पास कामचलाऊ पूंजी भी नहीं
असमानता, लोकतंत्र पर आघात करती है। यही वजह है कि सरकारों को हस्तक्षेप कर इस पर अंकुश लगाने और इस ट्रेंड को बदलने की ...
विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर सीएसई ने जारी की “स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2023 इन फिगर्स” रिपोर्ट
इस साल की रिपोर्ट का मुख्य आकर्षण चार मापदंडों- पर्यावरण, कृषि, स्वास्थ्य और आधारभूत संरचना पर भारत के राज्यों की रैंकिंग है
आबादी का बढ़ना नहीं, कम होना ले जाएगा विनाश की ओर!
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक, तमाम वैश्विक चुनौतियों के लिए बड़ी आबादी नहीं, दूसरी चीजें जिम्मेदार हैं
बिल्डिंग सेक्टर से जुड़ी 44 फीसदी कंपनियों ने अब तक तय नहीं किए उत्सर्जन कम करने के लक्ष्य
बिल्डिंग सेक्टर से जुड़ी 44 फीसदी कंपनियों ने अपने उत्सर्जन में कमी करने के लिए लक्ष्य निर्धारित नहीं किए हैं। वहीं इस क्षेत्र में ...
कितना सही है समुद्र और वेटलैंड्स को पाट कर जमीन में किया जा रहा विस्तार
हम इंसानों ने इस सदी में समुद्रों या तटीय वेटलैंड्स को भरकर भूमि में करीब 253,000 हेक्टेयर का विस्तार किया है
भारत क्यों है गरीब-2: नई पीढ़ी को धर्म-जाति के साथ उत्तराधिकार में मिल रही है गरीबी
भारत में पीढ़ी-दर-पीढ़ी गरीबी आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री ने अगले दो साल में गरीबी को दूर करने का वादा किया है, क्या यह ...
पॉलीक्राइसिस के नए साल किस करवट बैठेंगे मतदाता?
2024 में जब दुनिया का हर दूसरा शख्स मतदान करेगा तो क्या असल संकट के मुद्दे उसके जेहन में होंगे?
जग बीती: सड़क पर किसका अधिकार?
अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी दिवस 2023: दुनिया भर में हर आठ में से एक व्यक्ति है प्रवासी
दुनिया भर में एक अरब से अधिक लोग प्रवासी हैं, इनमें से, 28.1 करोड़ लोग अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी हैं और 8.4 करोड़ जबरन विस्थापित हैं। ...
दो बच्चों की नीति पर केंद्र का इंकार, घट रही है जन्म दर
35 में से 28 राज्यों में कुल प्रजनन दर का लक्ष्य हासिल किया जा चुका है
साल 2022 में जल, जमीन, जंगल बचाने में 177 पर्यावरण रक्षकों ने गंवाई अपनी जान
2012 से देखें तो अब तक 1910 लोग पर्यावरण को बचाने के लिए अपने जीवन की आहुति दे चुके हैं
महाराष्ट्र में लोहा खदानों का विरोध कर रहे आदिवासी नेता गिरफ्तार
स्थानीय लोगों ने पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप लगाया है। वहीं पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस स्टेशन की ओर जा रहे ...
भारत में हर साल तूफान से 414 जिंदगियों को बची रही हैं उष्णकटिबंधीय आद्रभूमि
वहीं वैश्विक स्तर पर यह उष्णकटिबंधीय आर्द्रभूमि हर साल तूफान से तकरीबन 4,620 जिंदगियों को बचा रही हैं
पर्यावरण के लिए नुकसानदेह सब्सिडी को खत्म करके मिल सकते हैं 3.9 करोड़ नए रोजगार
हर साल दुनिया भर की सरकारें करीब 37.2 लाख करोड़ रुपए पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले कामों के लिए सब्सिडी के रूप में दे ...
क्यों खोखले साबित हो रहे हैं प्लास्टिक प्रदूषण को कम करने के कॉर्पोरेट दिग्गजों के वादे
यह कंपनियां अपने वादों को पूरा करने के लिए नए प्लास्टिक उत्पादन में कमी के बजाय ज्यादातर प्लास्टिक रीसाइक्लिंग पर जोर दे रही हैं, लेकिन ...
लैंगिक समानता: 146 देशों की सूची में 135वें पायदान पर भारत, नेपाल बांग्लादेश से भी है पीछे
वैश्विक स्तर पर लैंगिक समानता की स्थिति इतनी खराब है की इस अंतर को भरने में अभी 132 साल और लगेंगें जबकि दक्षिण एशिया ...
परियोजनाओं को पर्यावरण संबधी मंजूरी: अपनाने होंगे ये चार तरीके
पर्यावरण की शुद्धता के लिए तैयार किए जाने वाले एक प्रभावी तंत्र के जरिए ही हम पारिस्थितिकी और विकास के बीच संतुलन बना सकेंगे
भुखमरी की त्रासदी और सरकारी समाधान
कुछ सवालों के जवाब नहीं मिल रहे हैं, जैसे कि 19 करोड़ लोगों को भूख मुक्त कब किया जा सकेगा और क्या 56 प्रतिशत ...
इंसानी लालच का शिकार हुआ दुनिया का 84 फीसदी तटीय क्षेत्र, केवल 16 फीसदी रह गया है अनछुआ
इंसानी प्रभाव का आलम यह है कि उसने संरक्षित क्षेत्रों को भी नहीं बक्शा है। अनुमान है कि करीब 43.3 फीसदी तटीय संरक्षित क्षेत्र ...
बजट 2022-23: आजादी के 75 साल पूरे होने में केवल 70 सप्ताह बाकी, क्या ‘नया भारत’ बना पाएंगे मोदी
चार ट्रिलियन इकॉनोमी के वादे से लेकर महिलाओं को रोजगार और गरीबी कम करने, 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने जैसे लक्ष्यों को ...
आईपीआर नियमों की छूट के संघर्ष में अमेरिका का आंशिक समर्थन विकासशील देशों के लिए बड़ा झटका
अमेरिका छूट को वैक्सीन तक सीमित करने के लिए दस्तावेज आधारित समझौता (टेक्स्ट बेस्ड निगोशिएशन) चाहता है, लेकिन कोई भी शिकायत नहीं कर रहा ...
आज क्यों मनाया जाता है नेल्सन मंडेला अंतर्राष्ट्रीय दिवस?
नेल्सन मंडेला फाउंडेशन और संयुक्त राष्ट्र सभी लोगों से अनुरोध करता है कि वे अपना 67 मिनट का समय दूसरों की मदद करने में ...