दिलीप कुमार: अपनी कला से नया दौर का पैगाम छोड़ने वाले एक अनूठा सितारा
विकास की राजनीति को हमेशा विकास से संबंधित एक लोकप्रिय कहानी की आवश्यकता होती है। दिलीप कुमार ने अपनी स्टार पावर का इस्तेमाल ऐसी ...
अंतर्राष्ट्रीय खदान जागरूकता दिवस 2022: आपको क्यों है जानना जरूरी?
इस साल यानी 2022 में यूनाइटेड नेशंस माइन एक्शन सर्विस "सेफ ग्राउंड, सेफ स्टेप्स, सेफ होम" या सुरक्षित जमीन, सुरक्षित कदम, सुरक्षित घर थीम ...
भोजन के लिए बच्ची को बेचने वाली फनस पुंजी से मिलने आए थे प्रधानमंत्री, लेकिन नहीं बदले हालात
गरीबी में और धंस गए भारत की बदहाली का चेहरा हैं फनस पुंजी, जिनकी अगली पीढ़ियां भी उन्हीं की तरह गरीबी में जी रही ...
भ्रष्टाचार के मामले में 180 देशों की सूची में 86वें पायदान पर भारत
इस इंडेक्स में भारत को कुल 40 अंक दिए गए हैं| यदि 2019 के लिए जारी इंडेक्स को देखें तो उसमें भारत को 41अंकों ...
महात्मा गांधी की नैतिक-राजनैतिक विरासत
महात्मा गांधी का कथित 7 लाख से अधिक स्वशासी, स्वाधीन और स्वावलंबी गावों का परिसंघ (अर्थात भारत) आज शनैः शनैः अधिकार विहीन और अस्तित्व ...
भाषाओं का सिमटता संसार, हर साढ़े तीन माह में मर रही है एक भाषा
इस समय दुनिया एक ऐसी त्रासदी से गुजर रही है, जिस पर बहुत कम लोगों का ध्यान है। यह त्रासदी भाषाओं की गुमनाम मृत्यु ...
वर्तमान आर्थिक मॉडल से बढ़ गई असमानता, भारत बना उदाहरण
विश्व में गैर बराबरी का स्तर वही है जो 200 साल पहले था। लोकतांत्रिक ढांचे ने इसे पाटने में विशेष भूमिका नहीं निभाई है
भाषाओं का सिकुड़ता संसार: सदी के अंत तक गुमनामी के अन्धकार में खो जाएंगी दुनिया की 1,500 भाषाएं
दुनिया में 7,000 से ज्यादा ज्ञात भाषाएं हैं, वर्तमान में जिनमें से करीब आधी खतरे में हैं
राजस्थानः तीन साल में डीएमएफ से आवंटित 62 फीसदी काम अभी भी अधूरे
तीन साल में 1420 करोड़ रुपए का बजट आवंटन कर 8550 कार्यों की अनुमति दी गई थी, लेकिन धीमी सरकारी कार्यप्रणाली के चलते सिर्फ ...
ऐसे कब तक पहुंचेगा देश के हर गांव तक डिजिटल इंडिया?
2.5 लाख ग्राम पंचायतों तक इंटरनेट पहुंचाने के लिए शुरू की गई भारतनेट परियोजना पर इस बार 6000 करोड़ रुपए खर्च की घोषणा की ...
क्या वन विकास निगम की उपयोगिता नहीं रही
क्या वास्तव में वन विकास निगम की उपयोगिता कम हो रही है? ये ऐसे यक्ष सवाल हैं जिससे निगम अपने गठन के बाद से ही जूझ रहा ...
चैंपियंस ऑफ द अर्थ लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से नवाजे गए सर डेविड एटनबरो
सर डेविड एटनबरो को यह पुरस्कार, पर्यावरण संरक्षण और उसकी बहाली के प्रति उनके जीवनभर के समर्पण को देखते हुए दिया गया है
सतत विकास लक्ष्य: साढ़े तीन दशक पीछे चल रहा है एशिया-प्रशांत, जलवायु परिवर्तन के मामले में 6 अंक पिछड़ा भारत
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ की जा रही कार्रवाई के मामले में भारत की स्थिति पहले से बदतर हो गई है
सामाजिक और पर्यावरण से जुड़े लक्ष्यों को पूरा करने में विफल रही बड़ी फैशन कंपनियां
इस इंडेक्स में सबसे ख़राब प्रदर्शन करने वाली अमेरिकी कंपनी अंडर आर्मर है, जिसे कुल 9 अंक मिले हैं जबकि उसके बाद स्विस फर्म ...
2030 तक अपने 10 फीसदी एसडीजी लक्ष्यों को भी हासिल नहीं कर पाएंगे एशियाई देश: संयुक्त राष्ट्र
यदि विकास मौजूदा रफ्तार से चलता रहा तो अनुमान है कि एशिया-पैसिफिक क्षेत्र 2030 तक अपने 10 फीसदी एसडीजी लक्ष्यों को भी हासिल नहीं ...
क्या कभी महिलाओं को मिल पाएगा पुरुषों के बराबर दर्जा, आज भी रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित कई क्षेत्रों में हैं पीछे
दुनिया भर में करीब 240 करोड़ महिलाएं, पुरुषों के समान अधिकारों से वंचित हैं। अनुमान है कि उनके बीच के इस अंतराल को भरने ...
घटकर 67.2 वर्ष रह गई भारत में जीवन प्रत्याशा, दशकों की मेहनत हुई बेकार
ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट से पता चला है कि केवल भारत ही नहीं इस दौरान दुनिया के 70 फीसदी देशों की जीवन प्रत्याशा में गिरावट ...
महिला सशक्तीकरण और लैंगिक समानता के मामले में पिछड़े देशों में शामिल है भारत: यूएन वीमेन रिपोर्ट
बात चाहे स्वास्थ्य की हो या विकास की देश में महिलाएं आज भी पुरुषों से पीछे हैं और बराबरी का हक पाने के लिए ...
62 फीसदी पुरुषों की तुलना में दुनिया की केवल 57 फीसदी महिलाएं कर रही हैं इंटरनेट का इस्तेमाल
इंटरनेट के क्षेत्र में आई क्रांति के बावजूद अभी भी दुनिया की करीब 37 फीसदी आबादी इंटरनेट से दूर है। यदि उनकी कुल संख्या की बात ...
अंतर्राष्ट्रीय शांति दिवस 2022: जातिवाद खत्म कर और शांति बनाएं
संयुक्त राष्ट्र का लक्ष्य एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जहां हर व्यक्ति सुरक्षित महसूस करे और नस्ल की परवाह किए बिना फल-फूल ...
भूख का सामना कर रहे हर पांचवे अमेरिकी ने निभाई राष्ट्रपति चुनाव में भूमिका!
कोविड-19 महामारी से पहले अमेरिका में वर्ष 2019 में लगभग 10.5 प्रतिशत परिवार खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे थे
इंसान कितना कर चुके हैं समुद्रों पर निर्माण, वैज्ञानिकों ने पहली बार किया आंकलन
अब तक समुद्र के करीब 32,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर इंसानों ने निर्माण कार्य किया है। अनुमान है कि यह 2028 तक बढ़कर 39,400 वर्ग ...
डाउन टू अर्थ खास: विकास की दौड़ में हिमालय से मिट रहे हैं अतीत के निशान
भारत विकास से जुड़ी गतिविधियों के लिए हिमालय में अपने भूगर्भीय रूप से महत्वपूर्ण स्थलों को तेजी से खोता जा रहा है। कानूनों के ...
क्या नीति आयोग की 'नीति' से रुक पाएगा उत्तराखंड का पलायन?
नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद्र ने पिछले दिनों उत्तराखंड सरकार से पलायन रोकने को कहा है, इसके लिए कुछ सलाहें भी दी हैं
लोकतंत्र के लिए कितनी सही हैं कॉरपोरेट पंचायत?
गैर सरकारी संगठन ट्वेंटी20 ने केरल के एक गांव में कॉरपोरेट पंचायत स्थापित की, लेकिन यह लोकतंत्र के लिए कितना सही और दीर्घकालिक होगा?