पांच साल में बहुआयामी गरीबी से बाहर निकले 13.5 करोड़ लोग: नीति आयोग
नीति आयोग की राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांकः एक प्रगति संबंधी समीक्षा 2023 के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक लोग बहुआयामी गरीबी से बाहर ...
अंतरिम बजट 2024: लखपति दीदी बनने में कैसे सहयोग करती है केंद्र सरकार?
अपने बजट भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में तीन करोड़ लखपति दीदी के लक्ष्य की घोषणा की है
हरियाणा की अव्याहारिक कृषि नीति से कृषि उत्पादन में कमी के संकेत
हरियाणा के आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के मुताबिक राज्य में गेहूं का उत्पादन वर्ष 2022-23 में 110 लाख टन रहा, जो 2010-11 के मुकाबले कम ...
हिमाचल प्रदेश के बजट की क्यों हो रही है चर्चा?
प्राकृतिक आपदाओं से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश ने हरित विकास छात्रवृति योजना शुरू करने की घोषणा की है
डाउन टू अर्थ खास: गीर गायों के प्रति बढ़ता मोह कितना सही?
राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत गीर नस्ल के साथ स्वदेशी गोवंश की अंधाधुंध क्रॉसब्रीडिंग ने स्वदेशी नस्लों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं
बजट से उम्मीदें: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मौजूदा संकट से बाहर निकालना होगा
बजट में जलवायु परिवर्तन से खाद्य सुरक्षा के लिए दीर्घकालिक खतरे को पहचानने की जरूरत है, भले ही यह अल्पावधि में कोई चुनावी मुद्दा ...
मणिपुर डायरी : हिंसा की वजह तलाशता एक लेख
मणिपुर में प्रशासनिक नाकामी और राजनैतिक विश्वासघातों का परिणाम रहा कि सात दशकों में भूमिहीनता बढ़ते-बढ़ते लगभग 71 प्रतिशत हो गई
पुस्तक समीक्षा: सरकार व समाज दोनों के लिए खतरे की घंटी बजाती एक किताब
'शेड्यूल्ड कास्ट इन द इंडियन लेबर मार्केट: इम्पलायमेंट डिस्क्रिमिनेशन एंड इट्स इंपैक्ट ऑन पावर्टी' भारत की अर्थव्यवस्था में जातिगत गैरबराबरी का शोधपत्र है
ग्राउंड रिपोर्ट: हिमालय में जलवायु संकट, उद्यमी किसान अपना रहे हैं नए कृषि प्रयोग
किसानों द्वारा अपनाए जा रहे तरीके जलवायु अनुकूलन (क्लाइमेट एडाप्टेशन) के अच्छे उदाहरण साबित हो रहे हैं
रोजगार की गुत्थी: स्वरोजगार के आंकड़ों से छिपाई जा रही है हकीकत
बेरोजगारी दर में कमी इस बात की तरफ इशारा है कि अधिक से अधिक लोगों को रोजगार तो मिला है। लेकिन क्या वास्तव में ...
क्या भारत में सचमुच घट गई गरीबी या बेकार का मच रहा है हल्ला?
12 साल बाद किए गए पारिवारिक उपभोग व्यय सर्वेक्षण के आंकड़ों पर सवाल उठ रहे हैं
58 प्रतिशत राष्ट्रीय आय और 65 प्रतिशत संपत्ति पर है देश के 10 प्रतिशत अमीरों का कब्जा
वर्ल्ड इनइक्वेलिटी लैब द्वारा जारी किए गए वर्किंग पेपर “इनकम एंड वेल्थ इनइक्वेलिटी इन इंडिया, 1922-2023 : द राइज ऑफ द बिलिनेयर राज” में ...
बंधुआ मजदूरों की तरह काम करते हैं ईंट भट्ठा मजदूर, 10 माह तक नहीं जा सकते घर
भट्ठों पर मजदूरी का हिसाब व भुगतान सीजन के अंत में ही होता है। जहां इनके राशन के पैसे भी काट लिए जाते हैं
सिविल सोसायटी सर्वे का दावा, राजस्थान में सरकार बदलने के बाद बंद हुईं कल्याणकारी योजनाएं
राजस्थान के 25 संसदीय क्षेत्रों में से 16 क्षेत्रों में 3,968 लोगों पर यह सर्वे किया गया
मतदाता बिन मतदान: वेतन है कम, सफर हुआ महंगा तो मतदान के लिए कैसे लौटें प्रवासी मजदूर
प्रवासी मजूदरों का कहना है कि उनका लोकतांत्रिक अधिकार सुनिश्चित करने के लिए सरकारों को उनके लौटने का इंतजाम करना चाहिए