हाथियों की मौत के लिए एनएचएआई जिम्मेवार, नहीं बनाया फ्लाईओवर
वन विभाग का कहना है कि हाईवे को चौड़ा करने का काम शुरू होने के बाद हाथी रेलवे ट्रैक की ओर जा रहे हैं
भारतीय वन अधिनियम का पहला संशोधन मसौदा तैयार
संरक्षण और जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखकर तैयार मसौदा प्रतिक्रिया के राज्यों के पास भेजा गया है
गायब होते नीम, जामुन, महुआ: भारत में बढ़ती महत्वाकांक्षा ने पांच साल में खेतों से निगल लिए 53 लाख छायादार पेड़
पांच वर्षों में भारतीय खेतों से नीम, जामुन, महुआ, कटहल जैसे 53 लाख छायादार पेड़ अब गायब हो चुके हैं, जिनके लिए कहीं न ...
पर्यावरण मुकदमों की डायरी: हाथी पाव मसूरी में निर्माण से किया इंकार
पर्यावरण से संबंधित मामलों की सुनवाई का सार
वनाधिकार समीक्षा: आदिवासियों के दावों को खारिज करने का उपकरण बना मध्यप्रदेश का वन मित्र पोर्टल
अधिकारी, ग्राम सभा या वन अधिकार समिति की जानकारी के बिना दावों को खारिज कर देते हैं
सर, अगर हम जंगल को परिभाषित करते हैं, तो कई खामियां पैदा होंगी : पर्यावरण मंत्रालय
वन की स्पष्ट परिभाषा न होने पर संसदीय समिति के सवाल पर केंद्रीय वन मंत्रालय का जवाब
आदिवासियों के लिए खतरनाक साबित होगा यह संशोधन!
खास रिपोर्ट: कोरोना महामारी के बीच महाराष्ट्र में वन अधिकार कानून में संशोधन किया गया है, आइए जानते हैं कि इसका वनवासियों पर क्या असर पड़ने ...
एसओई इन फिगर्स 2023: पर्यावरण संरक्षण में अव्वल रहा तेलंगाना, दूसरे नंबर पर गुजरात
तेलंगाना ने वन आवरण में अच्छी प्रगति की है और नगरीय अपशिष्ट उपचार के मामले में शीर्ष राज्यों में बना हुआ है
सामुदायिक जमीन को लेकर चल रहे हैं भारत के तीन-चौथाई भूमि संबंधी विवाद
41 फीसदी मामलों में, समुदायों का आरोप है कि अधिकारियों या परियोजना प्रस्तावकों ने भूमि अधिग्रहण के लिए उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया।
वनीकरण से 15 प्रतिशत तक कम हो सकता है घटता जल स्तर
दुनिया भर के सतही जल में लगभग 53 प्रतिशत की वृद्धि के लिए वाष्पीकरण की तुलना में अधिक वर्षा का होना था।
भारत में जल, जंगल, जमीन के लिए एक दशक में 79 पर्यावरण प्रहरियों की हुई हत्या
वहीं 2012 से 2021 के बीच दुनिया भर में 1,733 पर्यावरण कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी गई थी, क्योंकि वो अपने पर्यावरण को बचाने ...
पेड़ों की 17,510 प्रजातियों पर मंडरा रहा है विलुप्ति का खतरा, जानिए क्यों जरूरी है बचाना
दुनिया में पेड़ों की 58,497 प्रजातियों में से करीब एक तिहाई पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है
टिप्पिंग पॉइंट पर पहुंचा अमेजन के जंगलों का 26 फीसदी हिस्सा, मूल निवासियों पर टिकी उम्मीदें
रिपोर्ट की मानें तो 2025 तक अमेजन के 80 फीसदी हिस्से को संरक्षित करना संभव है, लेकिन इसके लिए वहां रहने वाले मूल निवासियों ...
उत्तराखंड: अप्रैल के 30 दिनों में ही वनाग्नि की 1653 घटनाएं, 2708 हेक्टेयर जंगल प्रभावित
अप्रैल में गर्मी और बारिश न होने के कारण उत्तराखंड में जंगलों में आग लगने की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई
अप्रैल में उत्तराखंड के जंगलों में आग लगने की घटनाओं में तीन गुणा वृद्धि
15 फरवरी से 1 अप्रैल तक राज्य के वनों में कुल 154 अग्नि घटनाएं दर्ज हुई थीं। जबकि अप्रैल के इन 12 दिनों में ...
आवरण कथा: कैसे बच सकते हैं जंगल, क्या हो एजेंडा
हमें पांचवीं पीढ़ी के वन सुधारों की आवश्यकता है जो वनों के विकास और आजीविका को सुरक्षित करेंगे
खास खबर: लकड़ी के आयात से लेकर कारोबार तक में हो रहा है अवैध 'खेल'
भारत में इमारती लकड़ी की बढ़ती मांग ने इसके अवैध व्यापार के रास्ते खोल दिए हैं। घरेलू स्तर पर लकड़ी की मांग को पूरा ...
मध्य प्रदेश में नहीं मिल सके 58 दिनों में सामुदायिक संसाधनों के अधिकार
मध्य प्रदेश सरकार ने 15 नवंबर तक 19158 गांवों को वनाधिकार देने का वादा किया था, लेकिन किसी भी गांव को अधिकार नहीं दिया गया
भारत में पेड़ों की 469 प्रजातियों पर मंडरा रहा है विलुप्त होने का खतरा
देश में पेड़ों की 2,603 प्रजातियों में से 18 फीसदी (469) पर विलुप्ति का खतरा मंडरा रहा है। वहीं वैश्विक स्तर पर केवल 41.5 ...
क्या उत्तराखंड के जंगलों को आग से बचा पाएंगे 10 हजार वन प्रहरी
उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने 10 हजार वन प्रहरियों की नियुक्ति की घोषणा की है, लेकिन क्या इस पर अमल हो ...
मनुष्य की 9 में से 8 प्रजातियां हो चुकी हैं विलुप्त
विलुप्ति की टाइमिंग बताती है कि उनका गायब होना एक नई प्रजाति के उदय का नतीजा हो सकती है। यह प्रजाति थी होमो सेपियंस
वनवासियों के हकों को नजरअंदाज करके नहीं किया जा सकता वनों का विकास
उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों के 30 करोड़ लोग उन क्षेत्रों में रहते हैं जो जंगलों की बहाली के लिए उपयुक्त हैं, जबकि इस जमीन के 5 ...
लॉकडाउन के असमंजस ने बढ़ाई वन गुर्जरों की मुसीबत
वन गुर्जरों को जंगल में रुकने के लिए ब्रिटिश शासनकाल से ही परमिट दिया जाता आ रहा है। यह परमिट 31 मार्च तक के ...
अकेले वर्षावन ही नहीं, दुनिया के सभी जंगलों को बचाना है जरुरी: वैज्ञानिक
शोध के अनुसार समशीतोष्ण और उष्णकटिबंधीय शुष्क वनों में पेड़ों की करीब 30 फीसदी प्रजातियों का विकास हुआ है| जिन्हें बचाना जरुरी है
जंगलों की आग से फिर बदल सकता है धरती का जीवन!
अध्ययन बताते हैं कि अतीत में जीवन को नए सिरे से गढ़ने और कई प्रजातियों के विलुप्त होने का एक महत्वपूर्ण कारण वैश्विक स्तर ...