आदिवासियों के 75% गांवों में नहीं हैं स्वास्थ्य सेवाएं, 52% गांवों में नहीं हैं नल

केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा को दी गई जानकारी के मुताबिक आदिवासियों के गांवों में बुनियादी ढांचागत सुविधाएं नहीं हैं 

By Ishan Kukreti
Published: Tuesday 19 November 2019
Photo: Vikas Choudhary

देश में आदिवासियों के 75 फीसदी गांवों में स्वास्थ्य सेवाएं नहीं हैं, जबकि 51 फीसदी सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) नहीं है। इतना ही नहीं, 52 फीसदी गांवों में पाइप से पानी की आपूर्ति नहीं होती है।

केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री, अर्जुन मुंडा ने लोकसभा में उठाए गए प्रश्न के जवाब में ये आंकड़े दिए। हालांकि देश में 1,45,000 आदिवासी गांव हैं, लेकिन मंत्री ने जो आंकड़े सदन के सामने रखे, उनमें केवल 1,17,064 गांवों का जिक्र है।

इन आंकड़ों के मुताबिक, 1,17,064 आदिवासी गाँवों में से केवल 3,453 में प्राथमिक स्वास्थय केंद्र है, 7,114 गाँवों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 18,185 में एक उप-केंद्र है, जबकि कुल 88,295 गाँवों में स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध नहीं है।

सदन को मंत्री ने बताया कि अनुसूचित जनजाति के लिए बजट आवंटन में काफी वृदिध् हुई है। जो 2014-15 में 19,961 करोड़ रुपए था, जो 2019-20 में बढ़कर 51,283 करोड़ रुपए हो गया।

दिलचस्प बात यह है कि लगभग 66 प्रतिशत गाँवों में ऑल वेदर रोड हैं, लगभग 29 प्रतिशत गाँवों में सार्वजनिक परिवहन का साधन नहीं है। 1,09,888 विद्युतीकृत गाँवों में से, 7,868 गाँवों में केवल 1-4 घंटे बिजली की उपलब्धता है।

वन अधिकार अधिनियम 2006 को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने वाले कंपेन फॉर सर्ववाइल एंड डिग्नटी के सीआर बिजॉय ने कहा कि जिन राज्य में आदिवासियों के पास जमीन और संसाधनों पर मालिकाना हक है और उनके पास स्वयत्तता का अधिकार  भी हैं, उन राज्यों में मानव विकास सूचकांक अच्छे हैं। खासकर पूर्वोत्तर राज्यों में यह स्थिति है, लेकिन जिन राज्यों में आदिवासियों को मालिकाना हक और उनके अधिकार नहीं है, वहां उन्हें सुविधाएं भी प्रदान नहीं की गई हैं।

 

बुनियादी सुविधा                                  जनजातीय गांवों की संख्या

बिना बैंकों के                                       1,06,119 गांव

बिना ऑल वेदर रोड                               39,513 गांव

बिना सार्वजनिक परिवहन के                      34,999 गांव

बिना बिजली                                        7,176 गांव

बिना पीडीएस                                       58,996 गांव

बिना बाजार (मंडी / हाट)                         90,100 गांव

बिना पाइप के नल का पानी                        61,656

डाकघर / उप डाकघर के बिना                    94,256

स्कूल के बिना                                       13,501

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