News Updates
- टीबी की रोकथाम पर एक डॉलर का निवेश करके मिल सकता है 39 डॉलर का लाभ: डब्ल्यूएचओ
- मानव-वन्यजीव संघर्ष पर किस तरह लग सकती है लगाम, कौन से जानवर होते हैं सबसे सक्रिय: अध्ययन
- वाल्मीकि टाइगर रिजर्व: गर्मियों में पानी के लिए नहीं भटकेंगे जंगली जानवर!
- दिल्ली है दुनिया की सबसे प्रदूषित राजधानी, खराब हवा के मामले में अव्वल रहा बेगूसराय
- साल 2060 तक दुनिया की जीडीपी को हो सकता है 24.7 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान, वैज्ञानिकों ने बताई वजह
- बडगाम में अवैध खनन में शामिल दो खनिकों पर एनजीटी ने लगाया लाखों का अंतरिम मुआवजा
- भारत में गर्म हुई सर्दियां और गायब हुआ बसंत, राज्यवार विश्लेषण के बाद जारी हुई रिपोर्ट
- छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल व झारखंड में भारी बारिश का अलर्ट, इन हिस्सों में गिर सकते हैं ओले
Popular Articles
- एयर क्वालिटी ट्रैकर: देश में तेजी से बिगड़ रहे हालात, दिल्ली-गुरुग्राम ही नहीं छोटे शहरों में भी 'बेहद खराब' हुई गुणवत्ता
- अपराध है शहद में चीनी की मिलावट
- मीठा जहर: शहद में मिलावट के काले कारोबार का खुलासा
- इम्यूनिटी की समझ : कितनी आसान, कितनी मुश्किल ?
- कोविड-19 को शरीर में फैलने से रोक सकता है प्रोटीन 'पेप्टाइड'
- क्या कोविड-19 के खतरे को सीमित कर सकती है 13 हफ्तों की सामाजिक दूरी
- पर्यावरण प्रदूषित कर रहे यूपी के पॉल्ट्री फार्म, पांच साल पुरानी गाइडलाइन लागू करेगा यूपीपीसीबी
- अगर ये चीजें खा रहे हैं आप तो हो सकते हैं मोटापा, बीपी, डायबिटीज के शिकार
Videos
साफगोई: आज बेंगलुरु, कल आपका शहर
जलवायु संकट के इस दौर में जल अभियंताओं को जमीनी हकीकत समझनी होगी और फिर से विचार कर कदम उठाने होंगे
जल संकट से जूझ रहे क्षेत्रों में हुआ है आधे से अधिक सिंचाई का विस्तार, 36 फीसदी के लिए जिम्मेवार भारत
इंसानों के पीने योग्य जल का 90 फीसदी से अधिक उपयोग सिंचाई के लिए किया जा रहा है
बेंगलुरु जलसंकट : मेट्रो के निवासी ढूंढ़ रहे नई जगहों पर अपना आशियाना
सिलिकॉन वैली में तकनीकी पेशेवर वर्क फ्रॉम होम की बात कर रहे हैं तो दूसरी तरफ संपत्ति खरीद कर निवेश करने वालों ने अपना इरादा बदल दिया है।
उत्तराखंड में जल स्रोत सूखने के कगार पर, जिम्मेवार कौन?
पहाड़ों से निकलकर शहरों तक पहुंचने वाले स्वच्छ और निर्मल पानी को मानो किसी की नजर लग गई है
छोटी जल आपूर्ति सुविधाओं में सुधार के लिए डब्ल्यूएचओ ने जारी किए नए दिशानिर्देश
इन दिशानिर्देशों का उद्देश्य छोटी जल आपूर्ति सुविधाओं के पानी की गुणवत्ता में सुधार करने के साथ-साथ सुरक्षित और विश्वसनीय जल आपूर्ति सुनिश्चित करना है
नाइट्रोजन प्रदूषण से बढ़ता जल संकट, भारत में पहले ही गंभीर रूप ले चुकी समस्या
आशंका है कि 2050 तक भारत सहित वैश्विक स्तर पर नदियों के एक तिहाई उप-बेसिनों को नाइट्रोजन प्रदूषण के चलते साफ पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ ...
दुनिया भर में हर तीन में से एक बच्चा पानी की भारी कमी से जूझ रहा है: यूनिसेफ
रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया भर में वर्तमान में 55.9 करोड़ बच्चे भयंकर गर्मी या लू के खतरे में हैं, जो साल 2050 तक 2.02 अरब बच्चों तक बढ़ जाएगा
2050 तक 2.8 अरब से अधिक लोगों को गंभीर पारिस्थितिकी खतरों वाले क्षेत्रों में रहने के लिए मजबूर होना पड़ेगा
रिपोर्ट में 221 देशों और 3,594 उप-राष्ट्रीय क्षेत्रों में विभाजित स्वतंत्र क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जहां दुनिया की 99.99 प्रतिशत आबादी रहती है।