असम में बाढ़ : 21 लोग हजार प्रभावित, अगले पांच दिन में भारी वर्षा की आशंका

असम के 4 जिले बाढ़ प्रभावित हैं, इनमें धेमाजी, लखीमपुर, चाचर और कामरूप शामिल हैं

By Vivek Mishra
Published: Thursday 15 June 2023
A region in Assam affected by floods in 2015. Photo: Pradip Nemane / Wikimedia Commons.

असम में मानसून सक्रिय है। भारी वर्षा और ब्रह्मपुत्र घाटी की नदियों से तेज बहाव वाले पानी ने जानमाल को नुकसान भी पहुंचाना शुरू कर दिया है। असम डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की ओर से 14 जून, 2023 को जारी सूचना के मुताबिक अब तक 21 हजार लोग बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य रूप से 4 जिले बाढ़ प्रभावित हैं, इनमें धेमाजी, लखीमपुर, चाचर और कामरूप शामिल हैं। 

राज्य आपदा रिपोर्ट के मुताबिक बाढ़ के कारण इन जिलों में बांध और सड़के भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। वहीं, दीमा-हसाओ जिले में लायसांग बाजार के पास लैंडस्लाइड भी हो गई, जिसका आकलन अभी जारी है।  

असम में अब भी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों और अलग-अलग स्थानों पर 19-20 जून, 2023 तक राज्य की कुल वर्षा 2,818 मिलीमीटर (एमएम) का एक-चौथाई (500 से 600 एमएम) वर्षा होने का अनुमान है। विंडी डॉट काम पर इसकी भविष्यवाणी अब भी भारी वर्षा का संकेत दे रही है। इसके इतर क्षेत्रीय मौसम विज्ञान विभाग ने 19 जून तक की भविष्यवाणी में 12 से अधिक जिलों में भारी वर्षा की आशंका व्यक्त की है। इनमें पश्चिमी असम के जिले ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं। 

मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक 19 जून, 2023 तक पश्चिमी असम के कुल 10 जिलों में 7 जिलों में भारी वर्षा होने की आशंका है। इनमें साउथ सलमारा, मानकचार, कोरकझार, चिरांग, गोलपारा, बोंगाईगांव, बापरेटा, बक्सा शामिल हैं। 

इसके अलावा नॉर्थ ईस्ट आसाम में धेमाजी, लखीमपुर, चरायदेव, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया में भी भारी वर्षा पूरे हफ्ते (19 जून तक) होने के आसार हैं। हालांकि भारतीय मौसम विभाग की चेतावनी में असम के लिए येलो अलर्ट ही घोषित किया गया है। जिसका आशय है कि स्थिति पर नजर बनाए रखें।

डाउन टू अर्थ ने हाल ही अपने विश्लेषण में विंडी वेबसाइट के हवाले से यह आगाह किया था कि असम में मानसून सिस्टम सक्रिय है और अगले दस दिनों में यानी 17 से 18 जून तक असम की सालाना कुल औसत वर्षा 2818 एमएम का एक चौथाई यानी करीब 600 से 700 एमएम वर्षा असम में हो सकती है। यह स्थिति बीते वर्ष हुई रिकॉर्ड वर्षा से कम जरूर हो सकती है लेकिन ब्रह्मपुत्र घाटी में जानलेवा बाढ़ भी ला सकती है। 

भारतीय मौसम विभाग के 30 वर्ष (1989-2018) के जलवायु आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट के मुताबिक असम की सभी नदियां बाढ़ की जिम्मेदार हैं क्योंकि वह भारी वर्षा बहुत ही कम समय में प्राप्त करती हैं। साथ ही पड़ोस में हिमालय से भी पानी असम में बहुत तेजी से आता है।  यह सभी नदियां बहुत ही कम समय में तीव्र आवेग धारण कर लेती हैं और किनारों व मिट्टी का कटाव करने लगती हैं। इनमें बड़ी मात्रा में सिल्ट और मलबा होता है जो तीव्रता से नदी में पहुंचकर उनमें पानी को काफी हद तक बढा देती हैं। मुख्यधारा को नियंत्रित करना लगभग नामुमकिन हो जाता है और जिसके कारण नदियां आस-पास के इलाकों में पानी लाती हैं। 

इस जानकारी के बावजूद आपदा नियंत्रण से जुड़े प्राधिकरण तैयार नहीं रहते। बीत वर्ष आईएमडी ने ही मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर बताया कि 14 से 29 जून के भीतर हुई भारी वर्षा और अनियंत्रित बाढ़ के कारण 124 लोगों की मौत हुई थी।  

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