News Updates
- मेघालय के बर्नीहाट में लगातार तीसरे दिन जानलेवा रहा प्रदूषण, 14 शहरों में दमघोंटू हुए हालात
- जलवायु परिवर्तन के साथ हिमालय में सिकुड़ रहा भौंरों का आवास
- साक्षात्कार: समय पर पहचान, बचेगी फसलों की जान
- मानव वन्यजीव संघर्ष: उत्तराखंड से दूसरे राज्यों में भेजे जा सकेंगे जंंगली जानवर या कोई और है हल?
- बेमौसमी खतरों से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वालों की सूची में शामिल है एशिया प्रशांत
- जलवायु संकट: पहाड़ों से गायब हो रही बर्फ, स्की क्षेत्रों के साथ जैवविविधता पर बढ़ा खतरा
- आईआईटी कानपुर ने नया वायु गुणवत्ता निगरानी उपकरण किया लॉन्च, हवा के सुधार में मिलेगी मदद
- रायलसीमा में पारा 41 डिग्री पार, अगले कुछ दिन इन राज्यों में बारिश-बर्फबारी व ओलावृष्टि के आसार
Popular Articles
- एयर क्वालिटी ट्रैकर: देश में तेजी से बिगड़ रहे हालात, दिल्ली-गुरुग्राम ही नहीं छोटे शहरों में भी 'बेहद खराब' हुई गुणवत्ता
- अपराध है शहद में चीनी की मिलावट
- मीठा जहर: शहद में मिलावट के काले कारोबार का खुलासा
- इम्यूनिटी की समझ : कितनी आसान, कितनी मुश्किल ?
- कोविड-19 को शरीर में फैलने से रोक सकता है प्रोटीन 'पेप्टाइड'
- क्या कोविड-19 के खतरे को सीमित कर सकती है 13 हफ्तों की सामाजिक दूरी
- पर्यावरण प्रदूषित कर रहे यूपी के पॉल्ट्री फार्म, पांच साल पुरानी गाइडलाइन लागू करेगा यूपीपीसीबी
- अगर ये चीजें खा रहे हैं आप तो हो सकते हैं मोटापा, बीपी, डायबिटीज के शिकार
Videos
अल नीनो की विदाई के साथ ला नीना के लिए रहें तैयार, भारत में गर्मी और मॉनसून पर क्या होगा असर?
आशंका है कि अल नीनो की विदाई अप्रैल 2024 तक हो सकती है
चार दशकों में भारत के 30 फीसदी जिलों में बारिश में कमी वाले सालों की संख्या सबसे अधिक रही: अध्ययन
अध्ययन से पता चलता है कि पिछले 40 सालों में 38 प्रतिशत जिलों में अत्यधिक बारिश वाले साल रहे।
मॉनसून ने एशिया में होमो सेपियंस को बसने में मदद की : अध्ययन
प्लेइस्टोसिन युग के दौरान जलवायु में बदलाव अफ्रीका के भीतर मानव विकास और उनके अलग-अलग इलाकों में फैलने के लिए जिम्मेदार था।
यहां जानिए आखिर क्यों बदल रहा है मॉनसून का पैटर्न
शोधकर्ताओं को कोल्हापुर में, मॉनसून से पहले बादलों और इनके प्रसार की दिशा में बदलाव का पता चला है, जो मॉनसूनी वर्षा पैटर्न में बड़े बदलाव की ओर इशारा ...
भारत में कमजोर मॉनसून की वजह बन रहे एरोसोल, अगले कई दशकों तक बारिश को कर सकते हैं प्रभावित
अगले कुछ दशकों तक एरोसोल, भारत में मॉनसून और बारिश के पैटर्न को प्रभावित करते रहेंगें। इनकी वजह से मॉनसून के दौरान होने वाली बारिश में कमी का दौर ...
जैसलमेर में तापमान 40 डिग्री पार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, कोंकण-गोवा में भारी बारिश के आसार
पूर्व-मध्य अरब सागर के दक्षिण कोंकण से लेकर गोवा के तटों पर बना कम दबाव के अगले 24 घंटों के दौरान उसी क्षेत्र में एक अवसाद या डिप्रेशन में ...
कम दबाव और चक्रवाती प्रसार के कारण अगले कुछ दिनों तक इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, मध्य महाराष्ट्र, तटीय कर्नाटक तथा कोंकण और गोवा के अलग-अलग हिस्सों में 115.6 मिमी से 204.4 मिमी तक बारिश हो सकती है
अंडमान-निकोबार, महाराष्ट्र, कोंकण-गोवा में 204 मिमी से अधिक बारिश, यहां से मॉनसून की विदाई
अगले 24 घंटों के दौरान म्यांमार तट से दूर पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक कम दबाव का क्षेत्र बनने का पूर्वानुमान है