मॉनसून: 123 साल के इतिहास में जून 2023 में दक्षिणी भारत में हुई सबसे कम बारिश

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक दक्षिणी प्रायद्वीप में 45 प्रतिशत कम बारिश हुई, जबकि उत्तर पश्चिमी भारत में 42 प्रतिशत अधिक बारिश हुई

By Raju Sajwan
Published: Tuesday 04 July 2023

देश के दक्षिणी प्रायद्वीप में जून 2023 में केवल 88 मिलीमीटर बारिश हुई, जो 1901 से लेकर अब तक के मौसमी इतिहास में सबसे कम रही। इससे पहले 1976 में 90.7 मिमी बारिश हुई थी।

यह जानकारी 4 जुलाई 2023 को भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) द्वारा जून माह की क्लाइमेट समरी में दी गई है।

आईएमडी के मुताबिक पूरे देश में दीर्घकालिक अवधि के औसत के मुकाबले लगभग 10 प्रतिशत कम बारिश हुई है। दीर्घकालिक औसत का आकलन 1971 से 2020 के दौरान हुई बारिश के औसत के आधार पर किया जाता है।

आईएमडी द्वारा जारी इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जून में दक्षिणी प्रायद्वीप में सामान्य बारिश 161 मिलीमीटर होती है, लेकिन जून 2023 में केवल 88.6 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 45 प्रतिशत कम है।

इसके अलावा पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से 18 प्रतिशत कम बारिश हुई। यहां सामान्य तौर पर 328.4 मिमी बारिश होती है, लेकिन जून 2023 में 269.9 मिमी बारिश हुई।

इससे उलट उत्तर पश्चिमी भारत में सामान्य से 42 प्रतिशत अधिक बारिश हुई। यहां जून में सामान्य बारिश का आंकड़ा 78.1 मिमी रहता है, लेकिन जून 2023 में 111.1 मिमी बारिश हुई।

मध्य भारत में बारिश में कोई खास फेरबदल नहीं आया। आम तौर पर जून में मध्य भारत में 170.3 मिमी बारिश होती है, लेकिन जून 2023 में 160.4 मिमी बारिश हुई, जो सामान्य से 6 प्रतिशत कम है। '

आईएमडी के मुताबिक जून 2023 में मुख्य रूप से असम और मेघालय, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, दक्षिण राजस्थान, गुजरात, पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और कोंकण गोवा में अत्यधिक भारी वर्षा की घटनाएं (> 204.4 मिमी) हुई।

कुल 1064 स्टेशनों में से 53 स्टेशनों में अत्यधिक भारी वर्षा (> 204.4 मिमी) रिपोर्ट की गई। जबकि 284 स्टेशनों में बहुत भारी वर्षा (115.6 से 204.4 मिमी) और 727 स्टेशनों ने भारी बारिश रिकॉर्ड की। जून में इन स्टेशनों में 64.5 से 115.5 मिमी बारिश हुई।

देश के आठ स्टेशनों में जून माह में बारिश ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इनमें ओडिशा के अंगुल में 26 जून को 24 घंटे में 170 मिमी बारिश का रिकॉर्ड बना। इससे पहले यहां 15 जून 1990 को 161.2 मिमी बारिश हुई थी। उत्तर प्रदेश के नजीबाबाद ने भी सबसे अधिक बारिश का रिकॉर्ड बनाया। यहां 25 जून 2023 को 205 मिमी बारिश हुई, इससे पहले यहां सबसे अधिक 12 जून 1984 को 93.5 बारिश हुई थी।

राजस्थान के दो केंद्रों में भी बारिश ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड दिए। इनमें 26 जून को श्रीगंगा नगर में 109 मिमी बारिश हुई। इससे पहले 14 जून 1938 में 99.1 मिमी बारिश हुई। इसके अलावा जवाई बांध में 19 जून 2023 को 239 मिमी रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई। मध्य प्रदेश के नरसिंह पुर, गुजरात के महोवा व ओखा और महाराष्ट्र के उडगीर में रिकॉर्ड तोड़ बारिश हुई।

ये रहे कारण
आईएमडी का कहना है कि जून 2023 में 6 से 19 जून के दौरान अरब सागर के ऊपर एक अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान "बिपरजॉय" बना। इस चक्रवाती तूफान के अलावा (9 से 11 जून) और (25 से 30 जून) के दौरान बंगाल की खाड़ी के ऊपर दो कम दबाव के क्षेत्र बने।

साथ ही साथ 'बिपरजॉय' का अवशेष एक स्पष्ट निम्न दबाव क्षेत्र/कम दबाव क्षेत्र के रूप में जारी रहा, जिसका असर 20 से 25 जून के दौरान फिर धीरे-धीरे पूर्वी राजस्थान के मध्य भागों से उत्तर पश्चिम मध्य प्रदेश होते हुए उत्तर प्रदेश के मध्य भागों तक चला गया। इससे पूरे उत्तर भारत में पूर्वी व दक्षिणपूर्वी हवाएं चलीं।

मॉनसून के मौसम के दौरान इन सभी निम्न दबाव प्रणालियों ने अलग-अलग स्थानों पर अत्यधिक भारी बारिश के साथ- साथ भारी से बहुत भारी बारिश हुई।

जून 2023 के दौरान उत्तर पश्चिम भारत में चार (1 से 7 जून, 5 से 10 जून , 9 से 16 जून और 27 से 30 जून) पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हुए।

 

कैसा रहा तापमान

जून 2023 के दौरान बारिश के साथ-साथ गर्मी भी रिकॉर्ड बना रही थी। मौसम विभाग के मुताबिक औसत न्यूनतम तापमान 1901 के बाद से वर्ष 2014 (26.23 डिग्री सेल्सियस), 1926 (26.11 डिग्री सेल्सियस) के बाद तीसरा उच्चतम (26.04 डिग्री सेल्सियस) रिकॉर्ड किया गया।

जून 2023 के दौरान देश भर में औसत अधिकतम तापमान 1901 के बाद से दसवां उच्चतम (34.60 डिग्री सेल्सियस) रहा, जबकि औसत न्यूनतम तापमान 1901 के बाद से आठवां उच्चतम ( 25.39 डिग्री सेल्सियस) रहा।

जून 2023 का मध्य तापमान 1901 के बाद से सातवां उच्चतम (29.99 डिग्री सेल्सियस) रहा।

भारत के पूर्वी हिस्से सबसे अधिक गर्मी महसूस की गई। कुछ क्षेत्रों में 11-19 दिनों तक लू के दिन देखे गए, इनमें मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना शामिल थे।

इसके बाद भारत के निकटवर्ती मध्य भागों में 7 से 9 दिनों तक गर्म हवाएं चलीं। इनमें पूर्वी मध्य प्रदेश व विदर्भ शामिल था।

देश के पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत, उत्तर पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों और मध्य भारत में अधिकतम तापमान सामान्य से 4.4 डिग्री सेल्सियस ऊपर रिकॉर्ड किया गया।

Subscribe to Weekly Newsletter :