मैंग्रोव वनों के संरक्षण के प्रयासों से दिखी कार्बन संग्रहण में बढ़ोत्तरी: अध्ययन

अध्ययन से पता चलता है कि वास्तव में दुनिया भर में वनों की कटाई को धीमा करने में काफी सफलता मिली है

By Dayanidhi
Published: Wednesday 02 September 2020

हाल के वर्षों में मैंग्रोव वनों की कटाई के कारण वायुमंडल में कार्बन उत्सर्जन में वृद्धि हुई है। सिंगापुर-ईटीएच सेंटर के नेतृत्व में किए गए शोध से पता चलता है कि 1996 से 2016 के बीच दुनिया भर में वनों की कटाई से जारी कार्बन की शुद्ध मात्रा केवल 1.8 फीसदी है, जो कि वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड (सीओ 2) उत्सर्जन का 0.1 फीसदी से कम है। मैंग्रोव वनों द्वारा किया जाने वाला कार्बन संग्रहण (स्टॉक्स) कम हुआ है। इसकी मात्रा को बढ़ाने के नए तरीके में मैंग्रोव वनों का विस्तार करना, संरक्षण और इनका ध्यान रखना महत्वपूर्ण है।

अध्ययन में बताया गया है कि मैंग्रोव कार्बन संग्रहण (स्टॉक्स) के शुद्ध घाटे को कम करने के लिए, लोगों के द्वारा वृक्षारोपण के माध्यम से मैंग्रोव का विस्तार किया जाना चाहिए। पिछले अनुमानों ने केवल मैंग्रोव वनों की कटाई के बुरे प्रभावों के बारे में बताया था, लेकिन इस बात की संभावना पर प्रकाश नहीं डाला कि नए मैंग्रोव भी उगेंगे।

नई विधि में मैंग्रोव पर दुनिया भर के आंकड़े बताते है कि इनका बेहतर विस्तार हुआ है, अर्थात मैंग्रोव के जंगल बढ़े हैं। इस नए शोध में मैंग्रोव के विस्तार के साथ-साथ कार्बन घनत्व और इसकी मात्रा निर्धारित की है। इसमें बताया गया है कि आम तौर पर जब मैंग्रोव वनों की कमी होती है तो कितनी मात्रा में कार्बन संग्रहण का नुकसान होता है। नई पद्धति का उपयोग करते हुए, पिछले मॉडल से तुलना करने पर पता चलता है लगभग 66 फीसदी कार्बन का नुकसान हुआ है। यह अध्ययन नेचर कम्युनिकेशन्स पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।

शोध की अगुवाई करने वाले, सिंगापुर-ईटीएच सेंटर के डॉ. डैन रिचर्ड्स के अनुसार, मैंग्रोव कार्बन स्टॉक का शुद्ध नुकसान कम होना आश्चर्यजनक था। मैंग्रोव वनों की कटाई को अक्सर संकट के रूप में देखा जाता है, लेकिन हाल के कामों के बीच हमारे अध्ययन से पता चलता है कि वास्तव में दुनिया भर में वनों की कटाई को धीमा करने में काफी सफलता मिली है। मेक्सिको और म्यांमार के कुछ हिस्सों में 1996 की तुलना में 2016 में मैंग्रोव में अधिक कार्बन संग्रहीत था।

मोनाश विश्वविद्यालय के डॉ. बेंजामिन थॉम्पसन ने कहा मैंग्रोव वनों को काटे जाने से बचाने में संरक्षण प्रयासों की स्पष्ट सफलता के बराबर अन्य कोई संतोष नहीं हो सकता है। मैंग्रोव किसी भी पारिस्थितिक तंत्र में कार्बन के उच्चतम घनत्व को संग्रहीत करते हैं। प्रभावी संरक्षण और बहाली को अभी भी शुद्ध नुकसान की इन कम दरों को बनाए रखने के लिए काफी प्रबंधन, प्रयास और निवेश की आवश्यकता है।

इसके अलावा, मैंग्रोव संरक्षण और पुनर्स्थापना गतिविधियों से ली गई सीख को अन्य पारिस्थितिक तंत्रों को फायदा पहुंचाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ़ सिंगापुर के डॉ. लाहिरु विजाडेसा कहते हैं उष्णकटिबंधीय पीटलैंड कार्बन के बड़े स्टॉक में से एक पारिस्थितिकी तंत्र है, जहां हाल के दशकों में वनों की कटाई की दर बहुत अधीक थी।

पीटलैंड : प्रकृति के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय संघ (आईसीयूएन) के अनुसार पीटलैंड एक प्रकार की आर्द्रभूमि है जो पृथ्वी पर सबसे मूल्यवान पारिस्थितिक तंत्रों में से एक हैं। ये वैश्विक जैव विविधता के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण हैं, सुरक्षित पेयजल प्रदान करते हैं, बाढ़ के जोखिम को कम करते हैं और जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद करते हैं।

पीटलैंड सबसे बड़ा प्राकृतिक स्थलीय कार्बन स्टोर है। संयुक्त रूप से दुनिया में अन्य सभी प्रकार की वनस्पति की तुलना में अधिक कार्बन का भंडारण करते हैं।

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