सरकार ने मान ली गैस पीड़ितों की मांग, बीएमएचआरसी में शुरू होगा इलाज

स्वास्थ्य विभाग ने गैस पीड़ितों के सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल को कोविड-19 के इलाज के लिए चिन्हित किया था, जिसके बाद से गंभीर रोगों से ग्रसित गैस पीड़ित इलाज के लिए भटक रहे थे

By Manish Chandra Mishra
Published: Wednesday 15 April 2020

तकरीबन 25 दिनों के संघर्ष के बाद गैस पीड़ितों की मांग मध्यप्रदेश सरकार ने मान ली है। अब भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (बीएमएचआरसी) गैस पीड़ितों को इलाज मिल सकेगा। 22 मार्च को एक आदेश के तहत स्वास्थ्य विभाग ने गैस पीड़ितों के गंभीर रोगों के इलाज के लिए बने इस अस्पताल को कोविद-19 के इलाज के लिए चुना था। इसके बाद एक आदेश में सरकार ने इसे जिला प्रशासन को सौंप दिया जिसके बाद यहां गैस पीड़ितों को इलाज मिलना बंद हो गया था और गंभीर रोगों से ग्रसित गैस पीड़ित इलाज के लिए भटक रहे थे।

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मध्यप्रदेश के आयुक्त फैज अहमद किदवई ने बुधवार को पुराने सभी आदेश निरस्त कर तत्काल प्रभाव से बीएमएचआरसी की व्यवस्थाएं चालू करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही भोपाल कलेक्टर को निर्देश दिए गए हैं कि इस अस्पताल का नाम कोविद-19 के अस्पताल की सूची से भी हटाया जाए। अब इस अस्पताल में अभी भी कोविद-19 की सैंपल की जांच जारी रहेगी।  

डाउन टू अर्थ ने गैस पीड़ितों की मांग और समस्याओं को प्रमुखता से प्रकाशित किया था। गैस पीड़ितों ने आरोप लगाया था कि इलाज न मिलने की वजह से तीन से अधिक गैस पीड़ितों की मौत हो गई। भोपाल में कोविद-19 के सभी पांच मृतक के गैस पीड़ित होने की बात भी आरोपों में शामिल है।

गैस पीड़ितों के संगठन भोपाल ग्रुप फोर इनफॉर्मेशन एंड एक्शन ने पहले सुप्रीम कोर्ट में और वहां से निर्देश मिलने के बाद हाईकोर्ट में इलाज जारी रखने की मांग को लेकर याचिका लगाई थी। हालांकि, सुनवाई से पहले ही एक सह याचिकाकर्ता मुन्नी बी की इलाज के दौरान मौत हो गई। संस्था की संयोजक रचना ढींगरा ने बताया कि बुधवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस मामले की सुनवाई हुई। अदालत ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर 21 अप्रैल को बीएमएचआरसी अस्पताल में गैस पीड़ितों के इलाज के सम्बन्ध में विस्तृत हलफनामा देने को कहा है।

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