भारी वर्षा के बीच मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी जिलाधिकारियों को जानमाल नुकसान करके मुआवजा देने का आदेश जारी किया है।

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यूपी : तराई के 7 जिलों में एक दिन में सामान्य से 50 गुना तक अधिक वर्षा

भारी वर्षा के बीच मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी जिलाधिकारियों को जानमाल नुकसान करके मुआवजा देने का आदेश जारी किया है।

By Vivek Mishra
Published: Friday 07 October 2022

उत्तर प्रदेश में लगातार तीसरे दिन भी किसान और खरीफ फसलों के लिए विनाशकारी वर्षा जारी रही। इस भारी वर्षा में सर्वाधिक प्रभावित पूर्वी उत्तर प्रदेश के जिले रहे। 7 अक्तूबर, 2022 को भारतीय मौसम विभाग के जिलावार वर्षा आंकड़ों के मुताबिक यूपी के कुल 53 जिलों में अत्यधिक वर्षा (लार्ज एक्सेस रेनफॉल) दर्ज की गई। इनमें 7 जिले ऐसे रहे जिनमें एक ही दिन में औसतन 3.5 मिलीमीटर के बजाए 50 एमएम से अधिक वर्षा हो गई।

आईएमडी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 7 अक्तूबर, 2022 को सर्वाधिक प्रभावित जिलों में श्रावस्ती में सामान्य 3.2 मिलीमीटर वर्षा की तुलना में 101.5 मिलीमीटर वर्षा यानी 3071 फीसदी अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई। वहीं राप्ती नदी में बाढ़ के कारण श्रावस्ती के कछार इलाकों में जान-माल को भी नुकसान पहुंचा है। राहत सामग्री के जिले की भिन्गा तहसील में अशरफा गांव में राहत के लिए नाव लेकर पहुंचे लेखपाल चंद्रभूषण तिवारी की नदी में डूबने से मौत हो गई।

किसानों की फसलों में अब भी पानी भरा हुआ है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय ने 7 अक्तूबर को प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि वह अपने क्षेत्रों में जान-माल नुकसान का सर्वे करके उन्हें मुआवजा प्रदान करें। हालांकि, सर्वे में नुकसान आकलन की प्रक्रिया क्या होगी और कितना मुआवजा दिया जाएगा इस बारे में शासनादेश में कुछ भी नहीं कहा गया है।    

आईएमडी के 7 अक्तूबर को जारी आंकड़े के मुताबिक बहराइच जिले में सामान्य से 1327 फीसदी अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई। बहराइच में 7 अक्तूबर को सामान्य वर्षा 4.5 एमएम है जबकि कुल 64.2 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई।

इसी तरह बलरामपुर में सामान्य 5.4 एमएम वर्षा की तुलना में एक ही दिन में 2058 फीसदी (51.8 एमएम) अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई। बाराबंकी में 3.9 एमएम सामान्य वर्षा की तुलना में 54.7 एमएम वर्षा रिकॉर्ड हुई।

खीरी-लखीमपुर में 24 घंटे में सामान्य 3.3 एमएम वर्षा के मुकाबले कुल 70.9 एमएम वर्षा रिकॉर्ड हुई। बरेली में सामान्य 1.6 एमएम वर्षा के मुकाबले 51.7 एमएम वर्षा रिकॉर्ड की गई। पीलीभीत में सामान्य 3.7 एमएम की तुलना में 58 एमएम वर्षा रिकॉर्ड हुई।

अगले दो दिन उत्तराखंड समेत उत्तर प्रदेश में भारी वर्षा की चेतावनी बनी हुई है। किसानों के खेत से जब तक पानी निकल नहीं जाता तब तक फसलों के नुकसान का सही आकलन भी नहीं हो पाएगा।

पूर्वी उत्तर प्रदेश के सर्वाधिक प्रभावित जिलों में लगातार तीन दिन से हो रही वर्षा ने धान, गन्ना, मक्का, दलहन और मोटे अनाज की फसलों को नुकसान पहुंचाया है। यूपी के 3 जिलों में 6 अक्तूबर को 10000 फीसदी से अधिक वर्षा रिकॉर्ड की गई थी।

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