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- अगले पांच दिनों तक पश्चिम बंगाल, ओडिशा समेत इन राज्यों में हीटवेव, यहां बारिश व ओलावृष्टि के आसार
- जग बीती: ज्वालामुखी में तब्दील हुए कूड़े के पहाड़!
- लोकसभा चुनाव 2024: हिमाचल में गायब हैं आपदाओं के लिए जिम्मेवार मुद्दे
- देश में 64 फीसदी बढ़ी खराब वायु गुणवत्ता वाले शहरों की संख्या, 13 शहरों में साफ रह गई है हवा
- एआई से मिलेगी विनाशकारी तूफानों की सटीक जानकारी, जान-माल के नुकसान पर लगेगी लगाम
- इंसानों की तरह ही स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रही झीलें, ध्यान न दिया गया तो पुराना हो सकता है मर्ज
- शीर्ष 56 बहुराष्ट्रीय कंपनियां 50 फीसदी से अधिक प्लास्टिक प्रदूषण के लिए जिम्मेवार: शोध
- अस्कोट-आराकोट अभियान 2024: जड़ों से जोड़ती एक पदयात्रा
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- मीठा जहर: शहद में मिलावट के काले कारोबार का खुलासा
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- कोविड-19 को शरीर में फैलने से रोक सकता है प्रोटीन 'पेप्टाइड'
- क्या कोविड-19 के खतरे को सीमित कर सकती है 13 हफ्तों की सामाजिक दूरी
- पर्यावरण प्रदूषित कर रहे यूपी के पॉल्ट्री फार्म, पांच साल पुरानी गाइडलाइन लागू करेगा यूपीपीसीबी
- अगर ये चीजें खा रहे हैं आप तो हो सकते हैं मोटापा, बीपी, डायबिटीज के शिकार
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मसूरी में भूस्खलन और अस्थिर ढलानों से प्रभावित क्षेत्रों पर दिया जा रहा है ध्यान: उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
रिपोर्ट में जानकारी दी गई है कि मसूरी में भूस्खलन की रोकथाम के लिए कार्य योजना तैयार की गई है
पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर लगाम लगाने से कम हो सकता है बाढ़ का खतरा
भारी संख्या में पेड़ों को काटा जाना अधिक गंभीर, बार-बार आने वाली बाढ़ का कारण बनती है और ऐसी बाढ़ के गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
बाढ़ के पूर्वानुमान में सुधार से भारतीय उपमहाद्वीप में रहने वाले लाखों की बच सकती है जान: शोध
शुष्क हवाओं की घुसपैठों के बाद शुष्क मौसम नहीं आया, बल्कि बारिश में वृद्धि हुई, औसतन 17 प्रतिशत और कुछ मामलों में, 100 प्रतिशत से अधिक बारिश देखी गई।
तमिलनाडु के दक्षिण में तिरुनेलवेली में भारी बारिश के कारण आई बाढ़
17 दिसंबर को इतनी बारिश हुई कि प्रशासन को अब स्थानीय जलाशयों से और अधिक पानी छोड़ने पर विचार करना पड़ रहा है
उत्तराखंड में भारी बीतता है मॉनसून, चार साल में आई 183 आपदाएं
एक अध्ययन में कहा गया है कि 2020 से 2023 तक की अवधि में उत्तराखंड में जल संबंधी आपदाओं में 213 लोग मारे गए
नए मॉडल से बाढ़ के खतरों का होगा सटीक मूल्यांकन, इससे निपटने में मिलेगी मदद
शहरी विकास किस तरह हो रहा है, यह बदलाव के पैटर्न से जुड़ा हुआ है, जलवायु परिवर्तन के कारण शहरों में बाढ़ के खतरों में वृद्धि हो रही है
भारतीय नदी घाटियों में तेज वर्षा के पैटर्न में वृद्धि से शहरों में बढ़ेगा बाढ़ का सिलसिला: अध्ययन
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के महामना सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन क्लाइमेट चेंज की रिसर्च रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं