खाली पड़े हैं 10.1 करोड़ हेक्टेयर में फैले खेत, करोड़ों लोगों का पेट भर सकता है उचित प्रबंधन
इस छोड़ी गई कृषि भूमि में से 6.1 करोड़ हेक्टेयर पर दोबारा खेती की जा सकती है, जो हर साल 363 पेटा- कैलोरीज के ...
अनोखी विशेषता वाले कछुओं और मगरमच्छों के विलुप्त होने की आशंका सबसे ज्यादा: अध्ययन
कुछ प्रजातियां बीज फैलाने में अहम भूमिका निभाते हैं, कुछ बिल बनाकर अन्य प्रजातियों के लिए आवास बनाते हैं और अन्य शिकारी होते हैं ...
बढ़ती इंसानी महत्वकांक्षा की भेंट चढ़ गए 34 लाख वर्ग किलोमीटर में फैले वेटलैंड, भारत में भी आई कमी
320 वर्षों में यूरोप, अमेरिका और चीन में करीब आधे वेटलैंड्स खत्म हो गए हैं, जबकि भारत, यूके, आयरलैंड और जर्मनी के कुछ हिस्सों ...
खतरे में हैं 6,400 किमी का सफर करने वाली मोनार्क तितलियों का अस्तित्व, रेड लिस्ट में शामिल
आईसीयूएन के अनुसार पिछले एक दशक में इन तितलियों की आबादी में 72 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है, जिसके लिए जलवायु परिवर्तन ...
खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है क्षेत्र आधारित कठोर जैव विविधता संरक्षण
क्षेत्र आधारित कठोर जैव विविधता संरक्षण लागू करने से दक्षिण एशिया और उप-सहारा अफ्रीका में सिर्फ कुपोषण से संबंधित बीमारियों से 200,000 अतिरिक्त मौतें ...
जानवरों के लिए सुरक्षित नहीं दुनिया की 73 फीसदी भूमि, शिकार और पकड़े जाने का है खतरा
दुनिया की करीब 44 फीसदी भूमि, कृषि के चलते उभयचर जीवों के लिए सुरक्षित नहीं है। वहीं 50 फीसदी भूमि पर पक्षियों और 73 ...
छठी सामूहिक विलुप्ति अधिक भयावह, 1500 के बाद से 73 पीढ़ियां लुप्त हो गई: अध्ययन
44 प्रजातियों के विलुप्त होने से पक्षियों को सबसे अधिक नुकसान हुआ, उसके बाद स्तनधारी, उभयचर और सरीसृपों का नंबर आया
भारत में खतरे में है पेड़ों की 347 प्रजातियां, तमिलनाडु में हैं सबसे अधिक प्रजातियां
भारत में पेड़ों की 3,708 से ज्यादा प्रजातियां हैं, जिनमें से करीब 9.4 फीसदी यानी 347 प्रजातियां खतरे में हैं। भारत पेड़ों की 609 ...
उष्णकटिबंधीय इलाकों में जंगलों के काटे जाने से बारिश में कमी और फसल उपज घटी
शोध टीम का कहना है कि एक फीसदी बारिश कम होने के कारण फसल की पैदावार में औसतन 0.5 फीसदी की गिरावट आई
सीबीडी कॉप-15: प्रकृति के साथ शांति समझौते की दिशा में कोई बड़ी प्रगति नहीं हुई
ब्राजील ने अफ्रीकी महाद्वीप और भारत सहित 14 अन्य देशों की ओर से हर साल कम से कम 100 बिलियन डॉलर की वित्तीय सब्सिडी ...
कैसे बहाल होंगें जंगल, जब पांच वर्षों से ज्यादा नहीं जीते दोबारा उगाए आधे उष्णकटिबंधीय पेड़
वन बहाली के प्रयास में लगाए करीब 44 फीसदी पेड़ पांच वर्ष से ज्यादा जीवित नहीं रहते हैं। ऐसे में वन बहाली के प्रयास ...
जैव विविधता (संशोधन) अधिनियम 2021: सरकार की मंशा और जन सरोकार
केंद्र सरकार जैव विविधता कानून में संशोधन करने जा रही है, इसके लिए संसद की संयुक्त समिति ने लोगों से आपत्तियां या सुझाव मांगे ...
कवकों की 20 लाख से ज्यादा प्रजातियों से अनजान दुनिया, महज 155,000 को किया जा सका है दर्ज
दुनिया में फंगी यानी कवकों को 25 लाख से ज्यादा प्रजातियां हैं, जिनमें 90 फीसदी से भी ज्यादा से दुनिया अनजान है
केरल में संरक्षित की जा रही है लुप्तप्राय विशाल सॉफ्टशेल कछुए की प्रजाति
मीठे पानी के सॉफ्टशेल कछुए को आईयूसीएन की संकटग्रस्त प्रजातियों की लाल सूची में गंभीर रूप से लुप्तप्राय के रूप में वर्गीकृत किया गया ...
क्या दिल्ली-राजस्थान में धूल भरी आंधियों के लिए अरावली में होता अवैध खनन और अतिक्रमण है जिम्मेवार
अनुमान है कि जिस तरह से इस क्षेत्र में विनाश हो रहा है उसके चलते 2059 तक वन भूमि के करीब 16,360.8 वर्ग किलोमीटर ...
लोकसभा में पारित हुआ जैव विविधता (संशोधन) विधेयक 2022, किन बातों पर रहेगी नजर
सुनिश्चित करना होगा कि ये संशोधन भारत को कुनमिंग-मॉन्ट्रियल वैश्विक जैव विविधता फ्रेमवर्क के तहत निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करें
विलुप्ति की कगार पर पहुंचे अंडमान के मायावी डुगोंगों को किया जा सकता है फिर से बहाल: अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक, भारतीय समुद्र में डुगोंग की संख्या 250 है, हालांकि अंडमान द्वीप समूह में इनके ज्ञात रिकॉर्ड हैं, लेकिन उन्हें वहां बहुत ...
विलुप्ति के कगार पर पहुंच रही जंगली प्रजातियों को बचाने के लिए प्रयास नाकाफी: अध्ययन
वैज्ञानिकों के मुताबिक, मानव गतिविधि ने पृथ्वी को छठे स्थान पर धकेल दिया है, जहां प्रजातियां सामान्य से 100 से 1,000 गुना तेजी से ...
संयुक्त राष्ट्र ने अपनाई ऐतिहासिक "उच्च समुद्र" संधि, क्यों है महत्वपूर्ण?
संधि को 2030 तक दुनिया के महासागरों और भूमि के 30 प्रतिशत की रक्षा करने वाले देशों के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है
जलवायु में हो रहे बदलाव को रोकने के लिए भारत के बाघों की रक्षा अहम: अध्ययन
अध्ययन के मुताबिक 2007 से 2020 के बीच टाइगर रिजर्व के अंदर, लगभग 6,000 हेक्टेयर में उगे पेड़ों को काटे जाने से बचाया गया, ...
चिंताजनक: दुनिया भर में अहम जैव विविधता वाली 80 फीसदी जगहों पर मानव विकास जारी
जैव विविधता वाले अहम क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे से संबंधित कई चीजें जुडी हुई है, जिनमें सबसे आम सड़कें 75 फीसदी, बिजली की लाइनें ...
तटीय देशों के आपसी सहयोग से सुधर सकता है दक्षिण एशिया में एक अरब लोगों का भविष्य: रिपोर्ट
रिपोर्ट के मुताबिक, 11.4 करोड़ लोग पानी, बिजली, भोजन, कृषि और मछली पकड़ने के लिए ब्रह्मपुत्र नदी घाटी पर निर्भर हैं
जानिए क्यों विदेशी जानवरों की सुरक्षा के लिए दायर जनहित याचिका को त्रिपुरा हाईकोर्ट ने किया खारिज
यहां पढ़िए पर्यावरण सम्बन्धी मामलों के विषय में अदालती आदेशों का सार
एरोसोल और नदियों में बहने वाले प्रदूषकों की वजह से बदल रहा है समुद्रों में फास्फोरस चक्र
अध्ययन में मानवजनित नाइट्रोजन पंप की पहचान की गई, जो फास्फोरस चक्र को बदलता है, इसकी वजह से तटीय जैव विविधता और संबंधित पारिस्थितिकी ...
शोधकर्ताओं ने महासागरों को नुकसान पहुंचाने वाली औद्योगिक गतिविधियों से निपटने का खोजा तरीका
इस काम का लक्ष्य न केवल संरक्षणवादियों और कई उद्योगों के बीच संघर्ष को कम करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि ...