दुधवा में एक और बाघ की मौत
20 दिनों के अंदर बाघ की यह दूसरी मौत है। पोस्टमार्टम के बाद पता चलेगी मौत की वजह
वृक्ष संरक्षण या कटाई अधिनियमों के लिए केंद्रीकृत दिशानिर्देशों की आवश्यकता नहीं: पर्यावरण मंत्रालय
मंत्रालय का कहना है कि प्रत्येक राज्य के पास अपनी विशिष्ट परिस्थितियों के आधार पर इसके लिए पहले ही नियम-कानून हैं।
ओ री चिरैया... अंगना में फिर आना रे...
तेजी से बढ़ते शहरों में हमने अपने आसपास के पेड़ों को काट डाला है और चिड़ियों का प्राकृतिक घर छीन लिया है। घोसला बनाने ...
शेरों की आबादी का सही आकलन करने के लिए नई विधि, संरक्षण में मिल सकती है मदद
शोधकर्ताओं ने अपने निष्कर्ष में कहा कि पर्यटन के लिए शेरों को लालच देने से उनके प्राकृतिक आबादी के घनत्व पैटर्न को बहुत नुकसान ...
दुर्लभ खोज: भारतीय वैज्ञानिकों ने जैसलमेर में खोजी जुरासिक युग की हाइबोडॉन्ट शार्क की नई प्रजाति
स्ट्रोफोडसजैसलमेरेंसिस प्रजाति की यह शार्क करीब 6.5 करोड़ साल पहले क्रेटेशियस युग के अंत में पूरी तरह विलुप्त हो गई थी
शोधकर्ताओं ने खोजा हिम तेंदुओं को बचाने का रास्ता
हिम तेंदुओं के संरक्षण में स्थानीय समुदायों को शामिल करना और उनकी आजीविका सुनिश्चित करना एक बेहतर रणनीति हो सकती है
वनवासियों को बेदखली का डर, मंत्रालय ने कहा अस्वीकृतियों के आंकड़े अंतिम नहीं
आदिवासी शिक्षित नहीं हैं और न ही इनकी आर्थिक स्थिति ठीक है। जानकारी के अभाव में ग्राम सभा स्तर पर ही उनके बहुत से ...
सोन चिरैया को विलुप्ति से बचाने की कवायद जारी, 150 हैं शेष
कभी राष्ट्रीय पक्षी बनने की होड़ में शामिल सोन चिरैया की संख्या पूरी दुनिया में मात्र 150 है और ये राजस्थान में ही सिमटकर ...
बुरे संकेत: रुक सकता है दिमाग का विकास, घट रही है डीएचए की मात्रा
इस सदी के अंत तक भारत में 25 मिलीग्राम प्रतिदिन प्रति व्यक्ति से कम रह जायेगा डीएचए का उत्पादन, जबकि डब्ल्यूएचओ ने डीएचए की ...
बैठे ठाले: चीता चरित
“यहां की सरकार और विपक्ष हम चीतों की जिंदगी के साथ राजनीति कर रहा है। ऐसे में केवल टोबा टेकसिंह ही हमारे लिए सबसे ...
कर्नाटक में 450 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि 39 परियोजनाओं को आबंटित
इंसानों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए कर्नाटक में वन भूमि को बढ़ाए जाने की जरूरत है, लेकिन राज्य सरकार कम ...
भारत सहित पूरी दुनिया में सिकुड़ रहे मेघवन अच्छे संकेत नहीं
भारत समेत 69 देशों में जैव विविधता से भरे और बहुमूल्य पारिस्थितिकी सेवा प्रदान करने वाले मेघवन हैं। पिछले 20 वर्षोंं में इन मेघवनों ...
जंगल के घरों की दीवारों से निकल कर शहरी कद्रदानों की बैठकी तक पहुंच गई है भील चित्रकारी
आदिवासी समुदाय के कुछ चित्रकार इस शैली को खत्म होने से बचाने के लिए पूरी दुनिया में इस कला को लोगों के बीच बांट ...
आबादी बढ़ने के साथ हंपबैक व्हेल कम विलाप करती हैं: शोध
जैसे-जैसे व्हेल का घनत्व बढ़ता गया, उनका प्रेमालाप करने का तरीका बदलता गया। जबकि 2004 में 10 में से दो नर गायक हुआ करते ...
विकास के आखिरी पायदान पर खड़े हैं आदिवासी: रिपोर्ट
पहली जनजातीय विकास रिपोर्ट में कहा गया है कि कई कारणों के चलते विकास आदिवासियों तक पहुंच नहीं पाता है
आजादी की 75वीं वर्षगांठ से पहले नहीं आ पाएंगे अफ्रीकी चीतें, क्या है वजह?
तय कार्यक्रम के मुताबिक 13 अगस्त 2022 तक दक्षिण और नामीबिया से आठ चीतें भारत लाए जाने थे, लेकिन अब इसमें दो सप्ताह से ...
गढ़वा भुखमरी मामला: मानवाधिकार आयोग ने डीएम को तलब किया
अक्टूबर 2021 में गढ़वा जिले में 8 हजार आदिवासियों को तीन महीने तक भुखमरी का सामना करना पड़ा था
तीन सालों की गिरावट के बाद 2021 में शार्क के हमलों में दर्ज की गई 40 फीसदी की बढ़ोतरी
2021 के दौरान शार्क के अकारण हुए 73 हमले दर्ज किए गए थे, जिनमें से सबसे ज्यादा करीब 64 फीसदी अकेले अमेरिका में सामने आए ...
तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को तूफानों से बचाते हैं मैंग्रोव वन: अध्ययन
जिन इलाकों में मैंग्रोव वन कवर अधिक होता है वहां दूसरे क्षेत्रों की तुलना में तूफानों से होने वाला नुकसान कम होता है।
क्या भाषाओं के साथ विलुप्त हो जाएगा हमारे पुरखों का औषधीय पौधों के बारे में संजोया ज्ञान
जैसे-जैसे स्थानीय पारम्परिक भाषाई विविधता खत्म हो रही है, उसके साथ ही सदियों पुराने उपचार और औषधीय पौधों का ज्ञान भी खत्म होता जा ...
मध्य प्रदेश में हीरा खनन के लिए दो लाख पेड़ काटने का विरोध शुरू
छतरपुर जिले के बक्सवाहा क्षेत्र में बीस साल पहले हुए सर्वेक्षण के बाद 3.42 करोड़ कैरेट हीरा मिलने का अनुमान जताया गया है
पुरानी वन नीति से नहीं हो सकता जंगलों में आग लगने की समस्या का समाधान
33 सालों में भी वन नीति के जरिए हम जंगलों में आग लगने की घटनाओं पर काबू नहीं पा सके हैं। ऐसे में सरकार ...
वन्य जीव कानून में खामियां, शामिल नहीं हैं कई जीवों की प्रजातियां
भारत के वन्यजीव कानून में नई वैज्ञानिक खोजों और जानकारियों को सम्मिलित नहीं किया गया है, जिससे वन्यजीव प्रबंधन के क्षेत्र में भ्रम की ...
जलवायु नहीं, 96 फीसदी लोग हैं मौजूदा जैव संकट के जन्मदाता : रिपोर्ट
शोधकर्ताओं के अनुसार स्तनधारियों की वर्तमान विलुप्ति दर डायनासोर युग के अंत के बाद से सबसे बड़ी विलुप्त होने की घटना है।
180 देशों के एनवायरनमेंट परफॉरमेंस इंडेक्स 2020 में भारत को मिला 168वां स्थान
येल और कोलंबिया यूनिवर्सिटी द्वारा जारी 180 देशों के एनवायरनमेंट परफॉरमेंस इंडेक्स 2020 में भारत को 168वां स्थान दिया गया है| जोकि स्पष्ट तौर ...