पहले ही आधे सिकुड़ चुके स्विस ग्लेशियरों का पिघलना और हुआ तेज: अध्ययन
अनुमान है कि 2016 से पहले ग्लेशियर आधे पिघल चुके थे, लेकिन 2016 के बाद तेजी आई और छह वर्षों में 12 प्रतिशत हिस्सा ...
पर्यावरणीय अन्याय की भारी कीमत चुका रहे हैं गरीब देश
भारत उन चंद देशों में है जहां जलवायु परिवर्तन से संबंधित कोई कानून नहीं है और देश की नीतियां प्रशासनिक आदेशों के भरोसे ही ...
60 फीसदी गेहूं उत्पादक क्षेत्र पर खतरा, सूखे की आशंका
जर्नल साइंस एडवांसेज में छपे एक अध्ययन से पता चला है कि यदि जलवायु परिवर्तन को कम करने के कदम नहीं उठाए गए तो ...
यूएनसीसीडी कॉप-14: नई दिल्ली घोषणा पत्र से गायब हुए दो अहम मुद्दे
नई दिल्ली घोषणा पत्र में अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों और वनवासियों को अधिकार दिए जाने के प्रस्ताव को शामिल नहीं किया गया
क्या भारी बारिश से कांप रही है भोपाल की धरती?
भोपाल में सामान्य से 73 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है, जिससे तालाब व बांध भर चुके हैं, जिसे धरती में कंपन की वजह ...
आसान पहल से दूर हो सकता है मरुस्थलीकरण का संकट
मरुस्थलीकरण रोकने के लिए वानिकी के माध्यम से खराब मिट्टी में सुधार, पानी के उपयोग की दक्षता को बढ़ाना, मिट्टी का कटाव रोकना और ...
यूएनसीसीडी कॉप-14 सम्मेलन शुरु, 30 फैसलों पर सहमति की उम्मीद
जावेडकर ने कहा, इंसान ने ही धरती व प्रकृति को नुकसान पहुंचाया है, अब उसे ही इस नुकसान को कम करना चाहिए
बंजर होता भारत -3: आठ साल में खेती लायक नहीं रही 5200 हेक्टेयर जमीन
धरती के बंजरपन को रोकने के लिए 196 देशों के प्रतिनिधि विचार विमर्श कर रहे हैं। भारत में बंजरपन की स्थिति क्या है, डाउन ...
भारत की 30 फीसदी जमीन का मरुस्थलीकरण
भारत सहित दुनियाभर में तेजी से मरुस्थलीकरण बढ़ रहा है। इस पर नियंत्रण के उपायों पर विचार करने के लिए आगामी दो सितंबर, 2019 ...
जलवायु परिवर्तन की वजह से कहीं सूखा है तो कहीं बाढ़
केरल संकट-एक : पिछले नौ माह के दौरान केरल ने कई आपदाओं का सामना किया है। डाउन टू अर्थ ने इसकी पड़ताल की है।
पहाड़ों में 15 साल बाद दिखी ऐसी बर्फबारी
उत्तराखंड के निचले क्षेत्रों में कई ऐसे गांव हैं, जहां पिछले दस-पंद्रह वर्षों बाद बर्फ गिरी है। इन गांवों के लोग खुशियां मना रहे हैं
सूखे साहेल में बाढ़ के मायने
अफ्रीका की साहेल पट्टी में अतिशय बारिश की घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है। जानकार मान रहे हैं कि यह क्षेत्र जलवायु परिवर्तन ...
बादलों के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं एरोसोल, जलवायु पर भी डालते हैं असर: शोध
बादलों को मापने वाले नए विश्लेषण से पता चलता है कि 25 से 30 नैनोमीटर जितने छोटे एरोसोल कण भी बादल निर्माण में अहम ...
जलवायु आपातकाल, कॉप-25: राजनेताओं के सामने करने होंगे प्रदर्शन और जलवायु सम्मेलन
जलवायु बहुपक्षीयता कमजोर है, लेकिन सम्मेलन से जिम्मेदारी को तय करने में मदद मिलेगी
खतरे में खाद्य उत्पादन, बढ़ते तापमान से भारत में 73 फीसदी तक घट सकती है किसानों की श्रम उत्पादकता
एक अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन में पाया गया कि बढ़ते तापमान से पहले ही भारतीय किसान अपनी क्षमता से 23 फीसदी कम काम कर पा रहे ...
क्या अगले एक दशक में 'बर्फ मुक्त' हो जाएगा आर्कटिक, जल्द होने वाला है बड़ा बदलाव
वैज्ञानिकों का दावा है कि अगले एक दशक से भी कम वक्त में आर्कटिक क्षेत्र पहली बार 'बर्फ मुक्त' हो सकता है, इसका मतलब ...
जलवायु संकट: बढ़ते तापमान से बदल रहा तितलियों का रंग-रूप
एक नए अध्ययन से पता चला है कि बढ़ते तापमान से तितलियों के रंग-रूप पर असर पड़ रहा है, जो उन्हें पहले से कम ...
बढ़ते तापमान के चलते तेजी से बदल रही है वायुमंडल की संरचना
पृथ्वी की सतह के निकट बढ़ते तापमान के चलते निचले वातावरण का विस्तार हो रहा है, जो ट्रोपोपाज को हर दशक 50 से 60 ...
कॉप-26: जी20 देशों के 70% किशोरों ने जलवायु परिवर्तन पर चिंता जताई
यूएनडीपी और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय ने जलवायु परिवर्तन पर एक बड़ा जनमत (वोटिंग) सर्वेक्षण कराया
जलवायु परिवर्तन से अमेरिकी समाज भयभीत
अमेरिकी समाज के भय से निपटने के लिए वाइडन प्रशासन ने जलवायु परिवर्तन के असर को कम करने के लिए 23 संघीय एजेंसियों को ...
हाथी की प्रजातियों को गायब करने के लिए जिम्मेवार है जलवायु परिवर्तन
लगभग 2 करोड़ साल पहले सूंड वाले जानवरों के विकास का क्रम बदल गया था, क्योंकि एफ्रो-अरेबियन प्लेट यूरेशियन महाद्वीप में टकरा गई थी।
वैश्विक जलवायु में हो रहे बदलाव के चलते लगातार बढ़ रहे है तूफान
शोधकर्ताओं के मुताबिक तूफानों में धीरे-धीरे बदलाव आया, पहले यह कमजोर हुआ करते थे, बाद में जलवायु में बदलाव के चलते इनका भी स्वरूप ...
जलवायु परिवर्तन के चलते 0.9 मिलीमीटर प्रतिवर्ष की दर से लक्षद्वीप में बढ़ सकता है समुद्र का जलस्तर
हाल ही में किए एक शोध से पता चला है कि लक्षद्वीप के आसपास समुद्र का जलस्तर 0.4 से 0.9 मिलीमीटर प्रतिवर्ष की दर ...
बदलती जलवायु के कारण समुद्री पक्षियों के लिए मछली पकड़ना हो रहा है कठिन: शोध
शोधकर्ताओं ने पाया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण समुद्र का धुंधला या काला पानी, समुद्री पक्षियों के लिए मछली पकड़ना कठिन बना रहा ...
स्टॉकहोम सम्मेलन के पचास साल: आधी सदी बीतने के बाद भी कहां पहुंचे हम?
स्टॉकहोम-घोषणापत्र यह दर्शाता है कि धरती के पर्यावरणीय संकट को रोकने के लिए हमें कैसे आगे बढ़ना चाहिए, आज भी हम उसके के आदर्शों ...